इस समय देश कोरोना महामारी के संक्रमण काल से गुजर रहा है इस महामारी का अंत करने के लिए केंद्र सरकार के साथ प्रदेश सरकारें भी नित्य नए उपाय तलाश रहे हैं। पूरे देश में पिछले 25 दिनों से लॉकडाउन चल रहा है। आम जनता को घर से बाहर ना निकलने की हिदायत दी जा रही है साथ ही सुबह 5:00 बजे से 9:00 बजे तक के लिए लाकडाउन में छूट देकर दैनिक वस्तुओं की खरीदी हेतु समय निर्धारित किया गया है। किसी भी व्यक्ति का 1 जिले से दूसरे जिले में जाना आना प्रतिबंधित किया गया है ।इसके लिए जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन ने जिलों के अंदर अन्य जिलों से जोड़ने वाली सीमाओं को सील कर दिया गया है। अब ऐसे में छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा का रायगढ़ आगमन कई सवालों को जन्म दे रहा है। मंत्रिमंडल गठन के बाद या पूर्व में भी कावासी लखमा ने रायगढ़ का रुख कभी नहीं किया तो अब ऐसी क्या विपत्ति आ पड़ी कि मंत्री को सारे नियम कानून को ताक में रखकर दौरा करना पड़ रहा है। मंत्री जी के आगमन पर जितने मुंह उतनी बातें हो रही है । मंत्री जी का रेड जोन से ग्रीन जोन में आना एक अलग ही कहानी कह रहा है। प्रदेश के 23 जिलों को ग्रीन जोन में शामिल किया गया है। उसमें भी रायगढ़ जिला प्रथम पायदान पर है । लखमा ने कहा कि वह कोसमनारा मैं बैठे हठयोगी सत्यनारायण बाबा के दर्शन करने के लिए रायपुर से सड़क मार्ग द्वारा रायगढ़ आए हैं। यह बहुत ही हास्यपद बात है क्योंकि इस समय सभी मंदिर, मस्जिद, चर्च,गुरुद्वारो में भी लाख डाउन का पालन किया जा रहा है । रायगढ़ में कोसमनारा, बनोरा जैसे आस्था के केंद्रों में पूर्णतया लॉक डाउन का पालन किया जा रहा है। जिसकी जानकारी इन महात्माओं के आश्रमों के प्रबंधकों ने अखबारों ,सोशल मीडिया के द्वारा दी जा चुकी है तो इस बात को संभालते हुए कवासी लखमा ने कहा कि वह अब सुबह सीधे रायपुर निकल जाएंगे। जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन ने मंत्री के आने की सूचना से मीडिया को दूर रखने का हर संभव प्रयास किया जोकि कारगर ना हो सका। मीडिया के लोगों के पहुंचते ही मंत्री ने अपना दौरा कार्यक्रम बदल डाला यह बात किसी भी रूप में हजम करने लायक नहीं है । मंत्री जी से रायगढ़ में बिक रही अरुणाचल प्रदेश की अवैध शराब के विषय में कहा गया तो उन्होंने कहा कि चाहे कितना बड़ा भी रसूखदार एवं कांग्रेसी नेता ही क्यों ना हो उस पर कार्रवाई करके जेल भेजा जाएगा। इसमें कांग्रेसी नेता का अर्थ बहुत ही आसान है क्योंकि मंत्री ने भाजपा का ना कह कर कांग्रेसी नेता ही क्यों कहा इससे अंदाजा लगाया जा सकता है की आबकारी मंत्री को भी रायगढ़ में बिकने वाली अवैध शराब रिजर्व सेवन के विषय में पूरी जानकारी है । होटल अंश इंटरनेशनल में ही रात्रि विश्राम करना भी अनेक संदेहो को जन्म दे रहा है क्योंकि सरकारी सर्किट हाउस में रुकने की जानकारी पूरे शहर में आग की तरह फैल सकती थी। इसलिए प्रशासन ने फायर बिग्रेड का काम कर मंत्री के लिए सुरक्षित होटल में ही रात्रि गुजारने की व्यवस्था की थी। कावासी लखमा के रायगढ़ आगमन पर जिले के आला अधिकारी के साथ क्षेत्रीय विधायक प्रकाश नायक शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शुक्ला, नगर पालिका निगम रायगढ़ के सभापति जयंत ठेठवार ही नजर आए जबकि रायगढ़ जिले में 5 विधायक कांग्रेस के हैं उनको इस विषय में जानकारी क्यों नहीं दी गई । यह बहुत बड़ा प्रश्न उठता है जिसका जवाब कांग्रेस संगठन एवं जिला प्रशासन ही दे सकता है।
जयंत को महापौर बना दिये कवासी लखमा बातचीत के दौरान लखमा ने जयंत की ओर इशारा करते हुऐ महापौर कहने पर बाद में काफी हंसी ठिठोली हुई।
विभाष के आने की सुगबुगाहट
अंश होटल में विभाष के आने पर यह प्रश्न महत्वपूर्ण बन गया कि आबकारी मंत्री के आने की जानकारी काफी गोपनीय रखी गई थी तो इसकी जानकारी विभाष को किसने और क्यो दी ? जबकि विभाष का कांग्रेस प्रवेश का स्पष्टीकरण नही हो पाया है और न वे कांग्रेस संगठन में किसी महत्वपूर्ण पद पर काबिज है.मंत्री तो रायपुर लौट गए परन्तु अपने पीछे कई अनसुलझे प्रश्न भी छोड़ गये । क्या उन्होंने लाकडाउन का पालन किया ? क्या उन्होंने सोशल डिस्टेंगसिंन का पालन किया ? क्या उन्होंने मास्क लगाने का पालन किया ? क्या उन्होंने 1 जिले से दूसरे जिले जाने का उलंघन नही किया ? वे रेड जोन(संक्रमित क्षेत्र) से ग्रीन जोन आकर कानून नही तोड़ा ? 4 पहिया वाहन में क्या वे 2 लोग ही आये थे ? सत्यनारायण बाबा का दर्शन करना झूठ का सहारा तो नही जबकि लाकडाउन के कारण दर्शन बंद रखा गया है। क्या प्रोटोकॉल का पालन हुआ ? उन्हें कैसे आभास हुआ कि कोई कांग्रेसी नेता अवैध शराब का सप्लायर है ?
अंत मे सबसे बड़ा सवाल की जिला प्रशासन ने उनके दौरे को इजाजत कैसे दे दी ?