रायगढ़——- कल रायगढ़ पधारे प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खुले मंच से मेडीकल कालेज का नाम सतनामी समाज के ही नही अपितु देश,प्रदेश के संत गुरु घासीदास जी के नाम पर करने की घोषणा कर दी। जिस पर सतनामी समाज के बानू खूंटे ने सैकड़ो लोगो के साथ सर्किट हाउस पहुंचकर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त कर स्मृति चिन्ह प्रदान किये थे परन्तु मुख्यमंत्री के राजधानी लौटते ही अलग अलग तरह की बातें सामने आ रही है । जिससे सतनामी समाज की भावनाएं आहत हो रही है।
कहा जा रहा है कि इस मेडिकल कालेज के अंदर शुरू होने वाले अस्पताल का नाम गुरु घासीदास के नाम पर होगा एवं मेडिकल कॉलेज का नाम यथावत रहेगा। इस विषय मे मुखिया ने स्पष्टीकरण किया ही नही था। जब मेडिकल कालेज की बिल्डिंग तैयार ही नही हुई थी तो किस तरह से मेडिकल कालेज का नामकरण भूमिपूजन के साथ ही कर दिया गया था। तब इस मेडिकल कॉलेज का नाम जिला अस्पताल स्व.सेठ किरोड़ीमल जी के नाम पर क्यो नही किया गया था। भाजपा शासनकाल में भूमिपूजन के साथ ही स्व.लख्खीराम मेडिकल कालेज का नाम सरकार,तत्कालीन स्वास्थ्यमंत्री के दबाव में कर दिया गया था। अब मेडिकल कालेज का भवन बनकर तैयार हो गया तो उसका नाम संत घासीदास के नाम पर ही होना चाहिए। क्या मेडिकल कॉलेज के अलग अलग विभागों के नाम अलग अलग लोगो के नाम पर किया जायेगा। जैसे कि सेठ किरोड़ीमल जिला अस्पताल से सम्बंधित स्व.लखीराम मेडिकल कालेज का संत गुरु घासीदास अस्पताल का मिनीमाता महिला रोग विभाग
इस तरह से लोगो के मनो में भ्रांतियां उतपन्न हो सकती है। जिसका खामियाजा तत्कालीन कांग्रेस सरकार को अगले चुनाव में भुगतना पड़ सकता है। मुख्यमंत्री के अगले दौरे पर कहीं सतनामी समाज लामबंद होकर विरोध पर न उतर जाये।








