पर्यावरण को “कुरूप”बनाता “रूपाणाधाम”…पढ़िये क्यों यह उद्योग सेहत सहित आम जनमानस के लिए हानिकारक है…

ग्राम सरायपाली स्थित रूपाणाधाम उद्योग की दिनदहाड़े जहरीला धुंआ उगलती चिमनियों से भयावह प्रदूषण की चपेट में पूरा क्षेत्र…
पर्यावरण संरक्षण के लिए मुखर रहने वाले मंच ने शेयर की तस्वीरें…

तस्वीरों में स्पष्ट दिख रहा है कि उद्योगों को नहीं है किसी का भय…
कम्पनी के डायरेक्टर पर कोविड 19 काल में ट्रेवल हिस्ट्री छुपाने के लिए हुआ था अपराध दर्ज तो कर्मचारियों के खिलाफ स्कूली छात्राओं से छेड़छाड़ करने की हुई थी शिकायत…

@टिल्लू शर्मा◾ टूटी कलम डॉट कॉम # सरायपाली/रायगढ़।प्रदूषण की मार से बेहाल रायगढ़ जिले की जनता को लगता है कि अब इस समस्या का निदान असम्भव है।निकम्मे जनप्रतिनिधियों,गूंगे,बहरे अंधे हो चुके प्रशासन से अब किसी भी प्रकार की उम्मीद करना बेमानी है।ईएसपी बंद करना, फ्लाई ऐश कहीं भी फिंकवाना, बिजली-पानी-जीएसटी चोरी, अवैध कोयला,आयरन ओर,डोलोमाईट और भी खनिज की चोरी करते इन उद्योगपतियों ने विकास के झूठे सपने दिखाकर रायगढ़ को सिर्फ़ और सिर्फ़ छला है।चोरी कर थोड़े ही समय में कमाई अकूत धन संपदा से बौराये इन उद्योगपतियों ने अपने समक्ष शासन प्रशासन को बौना समझ लिया है।वैसे उनकी यह सोच गलत भी नहीं है क्योंकि जिस तरह से इनके द्वारा किये जाने वाले ग़ैरकानूनी कार्य बगैर किसी ठोस कार्यवाही के सुचारू रूप से संचालित हो रहे हैं तो “कानून मेरी मुट्ठी में” का मुगालता पाल लेना आसान होता है। टूटी कलम
बहरहाल “रूपाणाधाम” पिछले कोविड काल से सुर्खियों में बना हुआ है चाहे मामला इसके डायरेक्टर पर कोरोना गाइड लाइन के उल्लंघन का हो या फिर इस प्लांट में कार्यरत बदमाश कर्मचारियों/मजदूरों का हो,हर बार किरकिरी होने पर भी पूरी ढिठाई से समाज में समाजसेवी होने का ढिंढोरा पीटते उद्योग अंतर्गत पर्यावरण संरक्षण के मानकों का उल्लंघन कंपनी प्रबंधन द्वारा किया जा रहा है। टूटी कलम क्रमशः