@टिल्लू शर्मा▪️टूटी कलम डॉट कॉम# रायगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग 53 के किनारे टीमरलगा व गुड़ेली में संचालित होने वाले चूने भट्ठे ही क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण की सबसे बड़े कारणों में से एक है बावजूद इसके क्षेत्र में संचालित ज़्यादातर चूने भट्ठे व खदान बिना नियमों के पालन किये ही धड़ल्ले से चल आ रहे हैं और किसी ने भी इन पर कभी ध्यान तक नहीं दिया।लेकिन इस बार चूंकि क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण ने अपनी सारी हदें पार कर दी हैं तब जाकर जिला पर्यावरण विभाग ने क्षेत्र के 10 प्रमुख चूना भट्ठों व खदानों को सख़्त अल्टीमेटम देते हुए क्लोज़र नोटिस जारी कर दिया है कि जल्द व्यवस्था में सुधार करों अन्यथा तमाम भट्ठे बन्द करवा दिए जाएंगे। जिन 10 चूना भट्ठों को क्लोज़र नोटिस जारी किया है उनमें श्री श्याम लाइम्स, बालाजी लाइम्स, माँ चंद्रहासिनी लाइम्स, आरके लाइम्स, श्रीराम लाइम्स, गायत्री इंडस्ट्रीज, माँ काली लाइम्स, छत्तीसगढ़ मिनरल्स, गड़ोदिया लाइम्स शामिल हैं।बता दें रायगढ़ जिले के सबसे प्रदूषित क्षेत्रों में शुमार टीमरलगा व गुड़ेली में बढ़ते प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह घनत्व के हिसाब से कहीं अधिक क्रशरों व चूना खदानों का संचालन होना है जिसमें ज़्यादातर भट्ठों में चिमनी की ऊँचाई, वांछित-ऊंचाई से काफी कम है जिसकी वजह से इनसे निकलने वाला विषाक्त धुंआ बिना फिल्टर हुए क्षेत्र के आबोहवा में अवशोषित हो जाता हैं नतीजतन क्षेत्र की आबोहवा दिन ब दिन प्रदूषित होते जा रही हैं।प्रदूषण रोकने के लिए क्षेत्र के 10 प्रमुख चूना भट्ठों को जरूरी निर्माण व सुधार करवाने हेतु निर्देशित किया गया है अगर जल्द सुधार नहीं किया गया तो सभी को बंद करवाया जायेगा। टूटी कलम







