@टिल्लू शर्मा▪️टूटी कलम डॉट कॉम#रायगढ़ तेजतर्रार महिला आदिवासी सांसद गोमती साय के शुरुआती दौर के कार्य को देखते हुए जिले वासियो के मन मे काफी उम्मीदें जागी थी परन्तु धीरे धीरे कर सारी आशाओ पर तुषारापात होता गया। वे भी राजनीतिक रंग में डूब गई एवँ 5 साल बगैर संघर्ष की लड़ाई लड़े अन्य खड़ूस नेताओ की तरह से पूरा करने में ही श्रेष्ठ समझा। टूटी कलम
रायगढ़ एयरपोर्ट का सपना हुआ चूर चूर… गोमती साय को सांसद चुने जाने के बाद जिले के लोगो को एक मानक एयरपोर्ट मिलने की आस जगी थी जो अब पूरी तरह से टूट गई है। पूर्व में बने कोड़ा तराई एयरपोर्ट की हालत भी बद से बदतर होकर जुआरियो,शराबियो,प्रेमियो के काम आ रहा है। आजू बाजू अतिक्रमण हो चुका है। झाड़,झंखाड़ फलफूल गए है। कभी इस हवाई पट्टी पर देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों,मुख्यमंत्रीयो के वायुयान लैंडिंग करते थे। मगर अब जिंदल एयरपोर्ट के आसरे काम चलाया जा रहा है। जहां के अधिकारी अपने मालिक के इशारों पर चलते है। किसे कैसे ट्रीट करना है। यह सब जिंदल प्रबंधन तय करता है। जिले के आला अधिकारियों को भी उनके कहे पर ही चलना पड़ता है। कोड़ातराई की हवाई पट्टी ना मामा से काना मामा ही भला था। कोड़ातराई-पटेलपाली के बीच आगन्तुको के लिए सर्व सुविधायुक्त होटल चक्रधर कॉटेज (होटल) भी बनाया गया था। जिसे शायद किसी पोहा मिल वाले ने गोदाम बना रखा है। बिजली विभाग वाले बिजली काटने के लिए घूमते रहते है परंतु इस इस होटल की लाइटें 24सो घँटे जलती रहती है। इस पर ध्यान क्यो नही दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के टॉप टेन जिलो में रायगढ़ जिले का महत्वपूर्ण स्थान है। इसके बावजूद हवाई सेवा से महफूज है। जिले वासियो को हवाई यात्रा करने के लिए रायपुर,बिलासपुर और पड़ोसी राज्य ओडिसा के झारसुगुड़ा एयरपोर्ट जाना पड़ता है। जो कि रायगढ़ के मुकाबले हर दृष्टि से कमतर है। हवाईपट्टी के विस्तार या नए एयरपोर्ट के लिए सांसद ने शायद कोई प्रयास ही नही किया। रहा सवाल भूमि अधिग्रहण का तो सरकार के लिए कुछ असंभव नही है। टूटी कलम
खेतो की मेड़ो के रूप में तब्दील नेशनल हाइवे एवं जिले की सड़कें.….एक प्रदेश से अन्य प्रदेशों को जोड़ने वाले मार्ग को नेशनल हाइवे कहा जाता है। जिसके रखरखाव बनवाने की जिम्मेवारी केंद्र सरकार पर होती है। केंद्र में भाजपा सरकार,न खाऊंगा,न खाने दूंगा कहने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है और सांसद भी भाजपाई है। इसके बावजूद रायगढ़ जिले के नेशनल हाईवे रायगढ़ से धरमजयगढ़, रायगढ़ से खरसिया (पुराना) की हालत खेत के मेड़ो सरीखे हो चुकी है। जहां खेती बाड़ी की जा सकती है। नेशनल हाइवे 49 में बिजली विभाग ने हाईटेंशन वायरिंग कर ऊंचे ऊंचे टावर सड़क के बीचों बीच उठा दिए थे। जिसे हटाना ही पड़ेगा।जिसके लिए अरबो रुपयों से नवनिर्मित नेशनल हाइवे को जगह जगह से तोड़कर बिजली के टावर किनारे करने ही होंगे। जिसमे करोड़ो रूपयो का भ्र्ष्टाचार होना तय है। सड़को के बीच मे लगे हाईटेंशन विद्युत टावर पूरे विश्व मे नमूना का रूप ले रखा है। यदि किसी को रायगढ़ से अम्बिकापुर जाना हो तो उसके लिए लंका विजय करना सरीखा होगा। वहीं यदि रायगढ़ से बिलासपुर पुराने मार्ग से जाना पड़ जाये तो कमर की हड्डी सरक सकती है। टूटी कलम
रेलवे टर्मिनल की योजना टाँय टाँय फिस्स…. सन 1998,99 में तत्कालीन सांसद अजीत जोगी के प्रयास से रायगढ़ में रेलवे टर्मिनल बनने की आस जगी थी। जिसका बकायदा नटवर हाई स्कूल के मैदान में रेलमंत्री के हांथो रिमोट दबाकर शिलान्यास भी कर दिया गया था परंतु यह योजना क्यूं टाँय टाँय फिस्स हुई लोगो की समझ से परे है। आज यदि रायगढ़ में टर्मिनल बन जाता तो जिले केअतिरिक्त,जशपुर,जांजगीर जिले के लोगो को भी लाभ मिलता रोजगार के अवसर बढ़ते,व्यवसाय बढ़ता और रायगढ़ जिला प्रदेश का विकासशील जिला बन जाता। पूर्व भाजपा सांसद विष्णु देव साय, तत्कालीन सांसद गोमती साय ने इस दिशा में एक कदम तक आगे नही बढ़ाया। टूटी कलम
नरवा,गरवा, घुरवा, बाड़ी की असफलता पर मौन स्वीकृति….छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार की सभी योजनाएं फ्लॉप शो साबित हो रही है। नरवा को फ्लाईएश से पाटा जा रहा है,उद्योगों द्वारा कब्जा कर जल का दोहन कर विषाक्त बनाया जा रहा है। गरवा की तस्करी का बहुत बड़ा केंद्र छत्तीसगढ़ बना हुआ है। जिसका कारण ओडिसा,बिहार,झारखंड, महाराष्ट्र की सीमाओं से जुड़ना है। गौठानो के नाम पर करोड़ो रूपये फूंक डाले गए और गौठानो में एक भी गाय नही पाई जाती। इन गौठानो को बकायदा सोलर लाईट, कोटनो,चारा, पक्का निर्माण, का रूप देकर सुसज्जित भी किया गया है परंतु मवेशीयां रात के समय सड़को के बीचों बीच बैठे रहते है। जो कि दुर्घटनाओ का कारण भी बनते है। इन सब असफलताओ का भी कोई फायदा विपक्ष नही उठा पा रहा है और सरकार को भी घेरने की कोई योजना भी नही बना पा रहा है। टूटी कलम






