✒️टिल्लू शर्मा की टूटी कलम रायगढ़ की से.…. अगर दुनिया मे टोटको पर प्रकाश डाला जाये तो सबसे ज्यादा टोटके परंपरागत शराबी करते है एवं अपने बाद की पीढ़ी को यही टोटके अघोषित रूप से सिखला जाते है। जैसे कि ठेके पर शराब खरीदने के बाद बोतल पर लगे होलोग्राम को वही निकालकर ठेके की ग्रिल पर,दीवाल पर चिपका देना। शराब पीने से पहले बोतल को नीचे से जमकर ठोकना,दूसरे के गिलास में शराब नही पीना चाहे चखना,भोजन एक ही थाली में क्यूँ न करते हो सिगरेट,बीड़ी के कश भले ही एक से ही क्यूँ खिंचे जाते हो। टूटी कलम
हिन्दू मुस्लिम अलग अलग है,एक मगर है उनका प्याला,बने रहेंगे पीने वाले बनी रहेगी मधुशाला
शराबियो का ऐसा मानना होता है कि झूठी शराब पीने से नशा दुगुना हो जाता है। सुरूर में आने के बाद शराबियो में तगड़ी दोस्ती देखी जाती है। तेरी माँ, तेरा बाप,तेरा भाई मतलब मेरी माँ, तेरी बहन,मेरा बाप,मेरा भाई है। भाई तेरे लिए जान हाजिर है। आदि आदि बात कर रक्त रिश्तेदारी से भी ऊपर अपनी रिश्तेदारी जतलाई जाती है। यह होता है शराबियो का आपसी प्रेम । टूटी कलम
मंदिर,मस्जिद बैर कराती,मेल कराती है मधुशाला
शराब पीते पीते या फिर ज्यादा नशा हो जाने के बाद हर शराबी यह कहता है कि साली ये शराब बहुत ही खराब चीज है। कल से शराब पीना बंद कर दूंगा परन्तु अगले दिन शराब पीने के टाइमिंग पर वही टोटके पुनः शुरू कर कहा जाता है कि बस आज आज आखिरी बार पी रहा हूँ। जब किसी शराबी का नशा नही उतरता तब सुबह फिर से शराब का सेवन कर नशा उतारने का टोटका है। जिसको हैंगओवर कहा जाता है। टूटी कलम
लाख पिये दो लाख पिये कभी न खाली होगी हाला, बने रहेंगे पीने वाले बनी रहेगी मधुशाला
मुंह से शराब न महके पर करते है रिसर्च….शराबी शराब का सेवन कर यह नही चाहते कि उनके मुंह से शराब सेवन की गंध मारे इसलिए एक शराबी दूसरे शराबी को अमरूद के पत्ते,बेर के पत्ते,तुलसी के पत्ते,लौंग,इलायची,पान,पान पाउच,पिपरमेंट,चमन बहार आदि का सेवन करने एवँ माउथवॉश, टूथपेस्ट करने की सलाह भी देते है ताकि उनका शराबी मित्र का साथ भी बना रहे। टूटी कलम
दिन को होली रात दिवाली रोज मनाती है मधुशाला….सुबह से देर रात तक शराब ठेको पर भीड़ उमड़ी रहती है। जिससे मेला सरीखा माहौल बना रहता है ।कोई खुशी में तो कोई गम में,कोई मानसिक तनाव में तो कोई मौज मस्ती में शराब का सेवन तो रईस बाप की बिगड़ैल औलादे शराब का सेवन करना स्टेटस सिम्बाल मानते है। मगर शादी के समय पूछे जाने पर यह कहा जाता है कि हमारे लड़के में सुपारी खाने तक का ऐब नही है भले ही लड़का बार मे देर रात तक क्यूं न बैठा रहता हो। कोई मच्छी,चिकन,मटन,अंडा,सलाद,पापड़,मिक्चर,मूंगफली दाने के साथ सोडा मिलाकर पीता है तो कोई नमक चाटकर पीने को अपनी किस्मत समझता है। नशा तो नशा होता है। भले ही देशी शराब का हो या विदेशी शराब का हो। टूटी कलम
नौसिखिए करते है बियर, सिगरेट से शुरुआत…प्रायः यह देखा जाता है कि शराबी जीवन की शुरुआत कालेज में पहुंचे ही हो जाती है। जहां भांति भांति के युवक अध्ययन करने आते है और मौज मस्ती के नाम पर बियर का सहारा लेकर पक्के शराबी बन जाते है। बियर के बाद देशी,विदेशी शराब में लिम्का, माजा,कोका कोला आदि मिलाकर फेफड़ो,गले,लिवर को अल्कोहलिक बनाया जाता है। गांजा सेवन की शुरुआत भी कालेज लाइफ में हो जाती है। टूटी कलम