✒️ टिल्लू शर्मा टूटी कलम रायगढ़ पालिका निगम के दो वार्डो 09 एवं 25 में संपन्न हुए चुनाव में वार्ड क्रमांक 08 की सामाजिक,व्यवहारिक,मिलनसार,हंसमुख कांग्रेसी पार्षद रुक्मणी साहू ( ननकी नोनी ) के द्वारा की गई मेहनत की बदौलत भाजपा की झोली में जाने वाली जीत को हार में बदल डाली। लड़की हूँ लड़ सकती हूँ को चरितार्थ कर दिखलाया। क्षेत्र के वार्डो 6,7,8,9 में रुक्मणी की यहां के लोगो पर अच्छी खासी पकड़ है। लोगो के सुख दुख में सदैव तत्पर सांथ खड़े रहने वाली ननकी की स्वछ छवि के कारण भाजपा के प्रत्याशी श्रवण सिदार जिसकी जीत तय मानी जा रही थी। उसको हार का सामना करना पड़ा। इस वार्ड में जिला भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी थी। भाजपा के कद्दावर नेता गुरूपाल भल्ला,आलोक सिंह,पूनम सोलंकी,दिबेश सोलंकी,विजय भैया,मंजुल दीक्षित,मोहम्मद आवेश आदि की लॉबिंग पर कांग्रेस विधायक प्रकाश नायक की कुशल मॉनिटरिंग ने पानी फेर दिया एवं कांग्रेस के भीतरघातियो को उनकी औकात दिखला दी और भाजपा प्रत्याशी श्रवण सिदार को हार का मुंह देखना पड़ गया। जिससे यह सुनाई आने लगा कि अब श्रवण सिदार का राजनैतिक कैरियर खत्म हो गया। टूटी कलम

जिला भाजपा अध्यक्ष ने रण क्षेत्र छोड़ा…इस चुनाव में खास बात यह रही कि व्यवसायी अध्यक्ष ने अपने प्लांट में हुई घटना की लीपापोती करने की खातिर चुनाव से दूरी कर ली एवं प्रत्याशी को उनके हाल पर छोड़ गायब सरीखे हो गये। लोग बतला रहे है कि चुनाव में कहीं उनका खर्च न हो जाये। इसलिये शायद वे रण क्षेत्र में कहीं नही दिखे। भाजपा के नेता भी अब उन्हें नही पचा पा रहे है। इस बात की भी शहर में जमकर चर्चा है। घडो में बटी भाजपा का बड़ा घड़ा भी अच्छा खासा ना खुश है। इनके जिला अध्यक्ष बनने के बाद भाजपा निगम,पंचायत,वार्ड सभी चुनाव लगातार हार रही है। आम जनता इनको नेता न मानकर व्यवसायी मान रही है क्योंकि भाजपा द्वारा सरकार के खिलाफ किसी भी किस्म का नशा मुक्ति, धरना,प्रदर्शन,आंदोलन न करने का कारण कांग्रेसियो से व्यवसायिक पार्टनरशिप माना जा रहा है। टूटी कलम
प्रकाश नायक चुनाव संचालन से लोगो की बोलती बंद.. स्थानीय विधायक प्रकाश नायक की छवि खराब करने के लिए तथाकथित फूल छाप कांग्रेसियो ने एड़ी चोटी का जोर लगाकर अपना उल्लू सीधा करने का भरपूर एवं कुत्सित प्रयास किया जो सफल न हो सका। प्रकाश नायक की सधी राजनीति के कारण दोनों वार्डो में कांग्रेस का परचम लहरा गया। जिससे यह ऐहसास जरूर हो गया कि प्रकाश नायक अब पहले वाले प्रकाश नायक नही रह गए है। वे अब राजनीति के मंजे हुए नेता बन चुके है। उनके सामने अब भीतरघातियो की चाल सफल होना संभव नही है। प्रकाश अब दिल का नही दिमाग का इस्तेमाल कर चाणक्य बन चुके है। टूटी कलम









