रायगढ़—- कभी पुलिस एवं प्रशासन की कड़ी कार्रवाई न देख जनमानस इनके पद और पावर से अंजान था.शायद 1984 के बाद कर्फ्यू जैसा माहौल देखने को मिला है.84 के बाद जन्म लेने वालों ने पुलिस,प्रशासन की सख्ती नही देखी थी और न ही सरेआम डंडे का इस्तेमाल देखा होगा। देश मे बढ़ते कोरोना वायरस की रोकथाम के लिये भारत सरकार ने 14 दिनों तक अपने अपने घरों में ही रहने की अपील कर जरूरत के सामान आदि खरीदने के लिए समय सीमा तय की गई है.इस समय सीमा का उलंघन करना जनता ने साधारण रुप मे लिया.प्रथम दिन तो मुनादी कर,हाँथ जोड़कर विनती की गई,बड़े ही मीठे शब्दो मे घर से न निकलने के लिए निवेदन किया गया परन्तु लोग अपने घुमक्कड़पन से बाज नही आ रहे थे.
अंततः इन दो अधिकारियों एस डी एम आशीष देवांगन एवं नगर पुलिस अधीक्षक अविनाश ठाकुर को लाठी का सहारा लेना पड़ गया क्योंकि मार के आगे भूत भी कांपते है.लगातार समझाईस के बाद भी लोग हल्के में ले रहे थे और शरीर पर नील एवं लाल धारी पड़ने पर ही उनके समझ मे आने लगा कि पुलिस और प्रशासन एक सिक्के के दो पहलू होते है.
संजय काम्प्लेक्स सब्जी मंडी में अतिक्रमण हटाने के समय युवा,एवं तेजतर्रार एस डी एम आशीष देवांगन ने लाठी थामकर लाठी की महिमा जान ली कि लातो के भूत बातों से नही मानते । लाकडाउन करवाने,नियम का पालन करने,दूरी बनाकर रखने,मुंह पर मास्क लगाने,कालाबाजारी रोकने आदि को न समझने वालों को आशीष देवांगन, अविनाश ठाकुर की जुगल जोड़ी ने जमकर समझाया,बहती गंगा में खूब हाथ धोये फिर सेनेटाइजर से हाथ सुखाये. शहर की चारो दिशाओं, चौक चौराहों पर बेवजह घूमने वालो की जमकर खातिरदारी की आधे शटर गिराकर दुकान चलाने वालों को भरपूर प्रसाद दिया गया.
अविनाश, आशीष का मतलब लोगो की समझ से बाहर है । इन दोनों के वाहन देखकर लोग निश्चित पिटाई समझ जाते थे.इन दोनों ने जनता को समझाने के लिए कठिन परिश्रम किया है । लाकडाउन करवाने एवं लोगो को अपने घर पर ही रहने के लिए मजबूर करने के लिए जय-वीरू ने बहुत पापड़ बेले रात 2 बजे से पटेलपाली सब्जी मंडी तो सुबह 5 बजे से शहर की व्यवस्था फिर 10 बजे से नगर भ्रमण फिर विभागीय बैठक अगर सोचा जाये तो आशीष देवांगन और अविनाश ठाकुर कब खाते पीते है ? कब सोते है ? कब जागते है ? क्यूंकि ये दोनों कभी भी,कहीं भी,किसी भी समय प्रकट हो जाते है ।
इनका अथक प्रयास एक दिन में ही रंग ला दिया,दूसरे दिन से शहर की सड़के,गलियां,बस स्टैंड,रेलवे स्टेशन ने खामोशी की चादर ओढ़ ली एवं मातारानी के आशीर्वाद एवं राम-बलराम की जोड़ी के सख्त रवैये की वजह से कोरोना नामक डरावनी बीमारी के संक्रमण का एक भी मामला सामने तो क्या पीठ पीछे भी नही आया.