
🏹 टिल्लू शर्मा 🖋️ टूटी कलम रायगढ़ …….शहर में घटी एक घटना की वजह से राजनीतिक हलकों के साथ बौद्धिक वर्गों में हलचल मच गई। हुआ यूं कि वार्ड क्रमांक 25 की भाजपा की टिकट से पार्षद का चुनाव हारी महिला रश्मि गभेल (वर्मा ) के द्वारा आत्महत्या का प्रयास करने की खबर पुरे सोशल मीडिया में आग की तरह से फैल गई। पूरे शहर में पान ठेला होटलों में एक ही चर्चा की जाने लगी बताया जा रहा है कि उक्त महिला में फांसी पर लटक कर अपनी जान देने की कोशिश की थी जिसे उसके परिजनों ने देखकर फांसी से उतार कर अस्पताल ले जाया गया। जैसा कि मालूम हुआ है की उक्त महिला ने फांसी लटकने से पूर्व एक सुसाइड नोट लिखकर अपने व्हाट्सएप से कई लोगों को वायरल किया था। लोगों के द्वारा व्हाट्सएप देखने के पश्चात इसकी सूचना परिजनों को दी एवं परिजन स्थल पर पहुंचकर रश्मि को फांसी से उतारते हैं यह की रश्मि ने कमरे की दीवार पर भी 3 नाम राजकुमार वर्मा, अमित पांडे, एवं वार्ड क्रमांक 25 की कांग्रेसी पार्षद जिससे वह चुनाव में पराजित हुई थी सपना सिदर का नाम लिख दिया था। बाद मे रश्मि का मृत्यु पूर्व बयान लिया गया। घटना का कारण रश्मि के द्वारा स्थानीय विनोबा नगर मोहल्ले में अपने घर का निर्माण करना बतलाया गया जिसकी शिकायत सपना सिदार के द्वारा नगर निगम में किया जामा बतलाया गया। यह की अमित पांडे के द्वारा भी उसके मकान को तुड़वाने की धमकी दी जा रही थी। साथ ही रश्मि के पति राजकुमार वर्मा के द्वारा भी उसे परेशान किया जा रहा था। ज्ञात रहे कि रश्मि एवं उसके पति का विवाद पिछले कुछ वर्षों से चला आ रहा है। इसमें किसी भी किस्म का कोई नया पानी नहीं है बताया जा रहा है कि चुनाव के समय भी रश्मि के पति ने रश्मि के खिलाफ मोहल्ले वासियों को काफी भड़काया गया था उस दौरान भी उनके बीच मारपीट आदि होने की बाद भी कहीं जा रही है। चुनाव के समय रश्मि के पति ने कहा था कि जो औरत अपने पति की नहीं हो सकती वह आप लोगों की कैसे हो पाएगी। उक्त आत्महत्या करने के प्रयास में पत्रकार अमित पांडे का रोल कहां पर रहा है इसके भी कोई मजबूत एवं खोज साक्षी रश्मि के द्वारा नहीं दिए जा सके हैं उक्त घटना में अमित पांडे का नाम जबरन सीखने का प्रयास किया गया जो पूर्व नियोजित षड्यंत्र के अतिरिक्त अन्य कुछ नहीं हो सकता है। शहर में अमित पांडे से द्वेष रखने वालों की भी कोई कमी नहीं है पूर्व पार्षद संजना शर्मा की मृत्यु के पश्चात अमित पांडे को एक माह जेल में रहना पड़ा था । उस समय भी अमित पांडे को लेकर पूरे शहर में अमित के खिलाफ जनमानस की भीड़ जुटाने का प्रयास किया गया था। शायद अमित का जेल से बाहर आ जाना लोगों को रास नहीं आया। इसलिए उसे इस मामले में बलि का बकरा बनाने का प्रयास किया गया ताकि लोगों को लगे कि अमित के द्वारा महिला नेत्रियों को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर आत्महत्या करने के लिए उकसाया जाता है.

आत्महत्या का प्रयास करना कहीं फिल्मी पटकथा तो नहीं है….. जानकार सूत्र एवं विशेषज्ञ बताते हैं कि यदि कोई जिंदा इंसान फांसी पर लटक जाता है तो क्षण भर में ही उसके गर्दन की हड्डी टूट जाती है जिससे उसका बचना असंभव होता है. इस कृत्य पर इंसान का मल – मूत्र स्वयमेव उत्सर्जित हो जाता है, गर्दन एक तरफ लटक जाती है,आंखें बाहर पलट जाती है, जीभ बाहर निकल आती है, गले पर रस्सी से चोट के निशान दिखलाई देने लगते हैं सूत्रों ने यह भी बताया कि यदि कोई जिंदा इंसान बगैर ऊंचाई पर लटके जमीन पर खड़े रहकर अपने गले में फांसी का फंदा डालकर किसी खिड़की आदि में गठान लगाकर गर्दन को जोर से झटका दे देता है तब भी उसके प्राण निकल जाते हैं। परंतु इस केस में रस्सी के सहारे ऊपर लटकी हुई रश्मि को को उतारा जाना बताया जा रहा है। जिसके पश्चात भी जीवित रहना एवं स्वस्थ रहना असंभव है । उक्त मामला फिल्म स्क्रिप्ट लिखने की तरह से लग रहा है। बरहाल अब पुलिस की विवेचना में ही पूरे मामले का खुलासा हो सकेगा । पुलिस के द्वारा बयान लेने की कार्यवाही शुरू की जाएगी। जिसमें वार्ड क्रमांक 25 के नागरिकों, रश्मि के परिचितों, नगर निगम के कर्मियों, सपना सिदार, अमित पांडे, आदि के बयान पर उक्त मामले की खुलासे की उम्मीदें लगी हुई है। इधर रश्मि पर आत्महत्या करने का प्रयास का मामला दर्ज किया जा सकता है एवम बगैर पुलिस को जानकारी दिए शरीर को तथाकथित फांसी से उतारने वालो पर भी मामले की कायमी की जा सकती है।

रश्मि के पिता का विवादित बयान से मोहल्लेवासीयो में काफी रोष पनप रहा है…. रश्मि के पिता ने खुलकर कहां है कि पूरा विनोबा नगर क्षेत्र नजूल में है ।इसलिए जब उनका घर तोड़ा जाएगा तो पूरे विनोबानगर को तोड़ा जाना चाहिए। उनके इस कथन के बाद विनोबा नगर वासियों में काफी आक्रोश एवं गुस्सा उत्पन्न हो गया है। किसका घर तोड़ना है और किसको बसाना है यह नगर निगम के अधिकारियों के द्वारा तय किया जाएगा। यदि ज्यादा फुल कर विरोध किया जाएगा तो रश्मि के पिता के खिलाफ नगर निगम के अधिकारीयों के द्वारा शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने का मामला दर्ज करवा दिया जा सकता है । यदि रश्मि के पिता को कोई आपत्ति शिकायत हो तो उन्हें न्यायालय का सहारा लेना चाहिए ना की की सार्वजनिक रूप से पूरे मोहल्ले को उजाड़ देने की बात कहनी चाहिए। टूटी कलम