🏹 टिल्लू शर्मा 🖋️टूटी कलम रायगढ़ ….. लोहा व्यवसायियों के द्वारा आयोजित की गई प्रेस वार्ता में यह बात स्पष्ट रूप से सामने आ गई की इन लोगों में कई गुट बन चुके हैं ।वरिष्ठ उद्योगपतियों ने प्रेस वार्ता से अपनी दूरी बना कर रखी जिसकी चर्चा पूरे शहर में हो रही है । बतलाया जा रहा है कि कुछ अति उत्साहित युवा उद्योगपतियों के रण में उतर जाने की वजह से जिंदल से समझौते का मार्ग अवरूद्ध होता दिखलाई पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि युवा उद्योग पतियों के द्वारा मजदूरों की आड़ में जिंदल पर दबाव बनाने का प्रयास एवं मुख्य मार्ग जाम कर आम लोगों के आवागमन में परेशानी का सबब बनाया जा रहा है । नेशनल हाईवे जाम कर सरकारी कार्य में अड़चन डालने का भी कार्य किया जा रहा है।
जिंदल के द्वारा नियमों के तहत जो एग्रीमेंट किया था उस अनुसार ओपी जिंदल औद्योगिक पार्क पूंजीपथरा को बिजली सप्लाई दी जा रही है कोयले के दाम एवं कॉल परिवहन में लगे वाहनों के किराए में वृद्धि होने के पश्चात जिंदल के द्वारा कुछ विद्युत दरें बढ़ा दी गई जिसका विरोध लोहा व्यवसायियों के द्वारा किया जा रहा है उनकी मंशा यह है कि सस्ते में ही बिजली प्राप्त कर अपने उत्पादकों को ऊंचे रेट पर बेचा जा सके। जिंदल उद्योग यदि इन व्यवसायियों की प्रत्येक मांग मांग कर भी समझौता कर ले तो भविष्य में जिंदल की तरफ से तरह-तरह की परेशानियां उत्पन्न कर इन उद्योगों की कार्य क्षमता को प्रभावित किया जा सकता है ।जैसे कि कभी ट्रांसफार्मर उड़ जाना, कभी सिटी ब्लास्ट हो जाना, कभी तार का टूट जाना, कभी तार का चोरी हो जाना, कभी बिजली खंभे का गिर जाना , कभी कोयले की आपूर्ति कम बतलाना या फिर घटिया कोयले की आपूर्ति होना आदि इस तरह अनेक कई बहाने हैं। जिससे औद्योगिक पार्क के व्यवसायियों को तकलीफों का सामना करना पड़ सकता है।
प्रेस वार्ता के दौरान नवीन जिंदल पर फब्तियां कसना एवं स्वर्गीय ओपी जिंदल का नाम लेना किसी भी रूप में सही नहीं माना जा सकता क्योंकि लोहा व्यवसाइयो के आंदोलन करने में इनकी कोई भूमिका प्रत्यक्ष रूप से सामने नहीं आई है । यह छोटे व्यवसाईयों एवं बड़े व्यवसाई के बीच मतभेद का मामला है। अशी उत्साहित युवा वासियों को जय श्री l या जेपी एल के विरुद्ध अपना धरना प्रदर्शन मावलंकर ना बस लाना चाहिए ना कि ईश्वर जी बाबू जी एवं नव जिंदल का नाम लेकर उन्हें बदनाम करने के बोल बोलने चाहिए। उनके द्वारा बोले गए साजन रूप से कथा मीडिया में आने से नहीं रोका जा सकता है। अगर देश के प्रतिष्ठित उद्योगपति नवीन जिंदल इसे अपनी प्रतिष्ठा मानकर देश के किसी भी कोने में युवा उद्योगपतियों के खिलाफ मानहानि का मामला दायर कर दे तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होनी चाहिए। उनकी मानहानि हुई है इसका प्रमाण प्रेस वार्ता में बोले गए उद्बोधन एवं प्रिंट मीडिया में छप चुके समाचार ही पर्याप्त होंगे।