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🛑टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम न्यूज रायगढ़ .. संपन्न विधानसभा चुनाव में सारे एग्जिट पोल को धत्ता बताते हुए भाजपा ने सरकार बना ली. जीत से गदगद भाजपा के द्वारा लोकसभा चुनाव में वही पुराने पैतरे अपनाते हुए नए चेहरे को ज्यादा तवज्जो दी गई है. जिस वजह से 11 में से 11 सीट जीतने का दंभ भरने वाली भाजपा को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है. जैसा कि रायगढ़ लोकसभा के लिए भाजपा की तरफ से राधेश्याम राठिया को उम्मीदवार बनाया गया है. जिनकी रायगढ़ जिले जशपुर जिले में कोई खास पकड़ पहचान नहीं है. जबकि उम्मीदवारों की चयन सूची में सुषमा खलखो एवं आर पी साय का नाम प्रथम पायदान पर था. इन दोनों संभावित उम्मीदवारों का नाम किसके दबाव में आकर काट दिया गया यह समझ से परे हैं. ये दोनों जशपुर जिला एवं रायगढ़ जिला में किसी के परिचय के मोहताज नहीं है. सुषमा खलखो पिछले 20 वर्षों से भाजपा की केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं को गांव-गांव तक पहुंचने में सक्रिय रही है.खलखो जशपुर की बेटी, कुनकुरी की बहू, और रायगढ़ की बहन है. इस हिसाब से इनकी पकड़ दोनों जिलों में है और आम जनता से इनके मधुर संबंध है. वही आर पी साय रिटायर आई जी है. जो रिटायरमेंट के पश्चात भारतीय जनता पार्टी के कट्टर समर्थक माने जाते हैं. यह भी किसी के परिचय के मोहताज नहीं है. इसके बावजूद इन दोनों का नाम काट देना पता नहीं बीजेपी किस राजनीति के तहत काम कर रही है. विधानसभा चुनाव में खरसिया, धरमजयगढ़,लैलूंगा,सारंगढ़ में कांग्रेस को जीत मिली है एवं रायगढ़ विधानसभा सीट भाजपा के ओ पी चौधरी अपनी काबिलियत के दम पर जीत हासिल किए है.
जशपुर राजघराने की अनदेखी कर दी गई. यह बात प्रमाणित है कि लोकसभा का चुनाव वही जीत सकता है जिस पर जशपुर राजघराने की छत्रछाया होती है. भाजपा उम्मीदवार राधेश्याम राठिया रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ क्षेत्र के हैं. जबकि विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जशपुर जिले की सभी सीटों पर अपना कब्जा जमा लिया था. इसके बावजूद जशपुर जिले से किसी को उम्मीदवारी न देने पर भाजपा की मुश्किलें सत प्रतिशत बढ़ सकती है. राधेश्याम राठिया का कार्य क्षेत्र घरघोड़ा रहा है. जहां की नगर पंचायत में कांग्रेस की सरकार है.राधेश्याम को धरमजयगढ़ विधानसभा का चुनाव संचालक बनाया गया था किंतु वहां से कांग्रेस के लालजीत सिंह राठिया ने जीत हासिल की है. राधेश्याम हायर सेकेंडरी तक शिक्षित है तो वही सुषमा खलखो स्नातक है और आर पी साय आईजी रह चुके हैं. पूरा विश्लेषण करने के पश्चात यह महसूस हो रहा है कि प्रत्याशी चयन में भाजपा ने जल्दबाजी कर गलती कर दी. नए चेहरे को आजमाने के चक्कर में रायगढ़ लोकसभा भाजपा के हाथ से निकलती दिख रही है. ऐसे में छत्तीसगढ़ की 11 की 11 सीट जीत कर गुलदस्ता के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उपहार स्वरूप देने का सपना चूर-चूर होता दिखाई दे रहा है.
वहीं यदि अगर कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में धरमजयगढ़ विधायक लालजीत सिंह राठिया या फिर लैलूंगा के पूर्व विधायक चक्रधर सिदार, हृदय राम राठिया पर दांव खेलती है तो राधेश्याम राठिया की मुश्किलें बढ़ जाएगी क्योंकि इन तीनों नाम को जशपुर जिला एवं रायगढ़ जिला में हर कोई जानता पहचानता है. संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में चक्रधर सिदार की टिकट शायद इसीलिए काटी गई होगी ताकि उन्हें लोकसभा का चुनाव लड़वाया जा सके.








