कल किरण दूत एवं टूटी कलम ने नमक के खेल पर विस्तृत जानकारियां बंटोरी तो सभी व्यापारियों ने चेम्बर आफ कॉमर्स पर आरोप लगाते हुए कहा कि यदि कोई व्यापारी प्रशासन का विरोध नही करेगा तो उसका बायकाट कर माल देना बंद करवा दिया जायेगा। ऐसी धमकी चेम्बर के द्वारा दी जा रही है। जिससे बोध हो रहा है कि चेंबर चाहता है कि सामानों की खुलकर कालाबाजारी हो और यदि प्रशासन कार्रवाई करे तो उसका विरोध किया जाये। पान मसालो, राशन सामग्रियों की कालाबाजारी चेंबर की सरपरस्ती में हो रही है एवं चेम्बर का साथ वे ही व्यापारी दे रहे है। जिन पर प्रशासन ने जुर्माने एवं तालाबंदी की कार्यवाही की है। वह तो भलमनसाहत है कि प्रशासन ने धारा 1955,188,269,270,272 की कार्यवाही नही की वर्ना चेम्बर किस बिल में दुबक जाता पता ही नही चलता। चेंबर के नाम पर दशकों से राजनीतिक रोटियां सेंकने वालो ने अपना अधिकार जमा रखा है। इसके चुनाव कब होते है शायद ही किसी को मालूम होगा। लोगो को तभी मालूम चलता है जब अखबारों में पुनः पदाधिकारी बनने के समाचार प्रकाशित होते है। वैसे भी चेम्बर को भाजपा की सहयोगी दल के रूप में पहचाना जाता है। अब चूंकि सरकार बदल चुकी है तो कांग्रेस के विधायक प्रकाश नायक को चाहिए कि चेम्बर पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को कब्जा हो इस के लिए ध्यान देना जरूरी है ताकि भाजपा के धरना प्रदर्शन,नेतागिरी से चेम्बर को मुक्त रखा जा सके।
व्यापारियों ने बतलाया कि नमक की कोई किल्लत नही है। थोक व्यापारियों द्वारा नमक का भरपूर स्टॉक कर जबरिया अभाव बनाया जा रहा है ताकि कुछ समय बाद नमक की कालाबाजारी की जा सके। 10 बोरा नमक मांगने पर 1 बोरा नमक ही दिया जा रहा है और प्रिंट रेट से ज्यादा पर सप्लाई की जा रही है। बतलाया जा रहा है कि गांधी गंज के भीतर नमक के गोदाम से ब्लैकमार्केटिंग का खेल खेला जा रहा है।