समाचारों का रूफटॉप छत्तीसगढ़ स्तर पर तेजी से आगे बढ़ रहा रायगढ़ जिले का बहुत चर्चित,छत्तीसगढ़ स्तर पर जाना पहचाना जाने वाला, बुद्धिजीवियों,प्रबुद्ध वर्ग के पाठकों की पहली पसंद,निडर,निष्पक्ष,निर्भीक,बेबाक,दबंग,जनहित एवं समस्याओं पर प्रकाश डालने वाला एकमात्र वेब न्यूज़ पोर्टल “टूटी कलम” संपादक परशुराम पुत्र,माता सरस्वती का उपासक,रावण प्रेमी,कलम का मास्टरमाइंड,लेखक, चिंतक,विचारक,विश्लेषक,कवि व्यंग्यकार, चंद्रकांत (टिल्लू) शर्मा…. पत्रकारिता करना केवल हमारा शौक है,दिनचर्या है,जुनून है, पागलपन है,लिखने का शौक है,आदत है, ना व्यवसाय है ना, पेट भरने का साधन है, ना धमकी चमकी,ना ब्लैकमेलिंग,ना उगाही वसूली,करने का लाइसेंस प्राप्त है, चाटुकारिता,चापलूसी,बुराई,जलनखोरी, से कोसो दूर कलम से वार करना हमारी फितरत है,दूसरों के समाचारों को कॉपी पेस्ट करना, चोरी करना, जिला प्रशासन निगम प्रशासन पुलिस प्रशासन की विज्ञप्तियों को छाप कर पत्रकार कहलाने का शौक नहीं है हमें,और ना ही हम किसी भी समाचार पर प्रश्न वाचक चिन्ह खड़े करते हैं,स्पष्ट,सपाट,खुलकर लिखने को पत्रकारिता कहते हैं .……🐅🐅
🥁🥁टिल्लू शर्मा ✒️✒️टूटी कलम 🎤 न्यूज रायगढ़ छत्तीसगढ़ 🏹🏹.. पिछले 45 दिनों से देश में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ चल रहा है जिसमें लोग गंगा नदी में डुबकी लगाकर स्वयं को भाग्यशाली मान रहे हैं. ऐसा भी माना जाता है कि गंगा नदी में डुबकी लगाने से पूर्व में किए गए सारे पाप धुल जाते हैं. इलाहाबाद में तीन नदियां आकर मिलती है इसलिए उसे त्रिवेणी संगम कहा जाता है और मनुष्य तीन नदियों के जल से स्नान कर अपने द्वारा पूर्व में किए गए पापों को धोकर नए पाप करने में जुट जाता है.
आंकड़ों पर जरा गौर करें.. प्रिंट मीडिया इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के द्वारा बताया जा रहा है कि 45 दिनों में 65 करोड़ लोगों से अधिक लोगों ने प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर डुबकी लगाई गई है. अब इसको यदि दिमाग से गणित लगाकर सोचा जाए तो आंकड़े पूरी तरह से फेल होते दिख रहे हैं. 65 करोड़ यानी कि प्रतिदिन लगभग डेढ़ करोड़ लोगों ने आस्था की पवित्र डुबकी लगाई है. अब सवाल यह उठता है कि क्या प्रयागराज में डेढ़ करोड़ लोग इकट्ठे हो सकते हैं. नदी के किनारे कितने लोगों के एक साथ एकत्रित होने की क्षमता है. प्रयागराज में डेढ़ करोड़ लोगों के रुकने,खाने,पीने, मल मूत्र त्यागने की व्यवस्था किया जाना संभव हो सकता है. 65 करोड लोगों के द्वारा मल मूत्र त्यागने पर क्या प्रयागराज में बीमारी फैलने का खतरा नहीं है. प्रयागराज के नदी किनारे,आसपास के मैदान, खेत खलिहान, क्या सुरक्षित रह पाए होंगे. उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा प्रयागराज को साफ सुथरा करने में क्या कई महीने नहीं लग जाएंगे और अरबो रुपए का खर्च नहीं हो जाएगा.
अब जरा देश की आबादी पर गौर करें…. मान लिया जाए कि देश की आबादी 150 करोड़ है. इस आबादी में से मुस्लिम, क्रिश्चियन, जैनी , बौद्ध धर्म को मानने वालों की संख्या को घटा दिया जाए.बच्चे,बूढ़े,अपंग,अक्षम आदि लोगों को घटा दिया जाए. तो सनातन धर्म को मानने वालों की जनसंख्या कितनी होनी चाहिए. अगर बौद्धिक स्तर पर पूरा आंकलन किया जाए तो मीडिया एवं सरकार के द्वारा बताए गए आंकड़े पूरी तरह से बेबुनियाद और झूठे साबित होंगे. ना इतनी बड़ी जगह है ना वैसी व्यवस्था हो सकती है कि 65 करोड लोग 45 दिन में डेढ़ करोड़ लोगों के हिसाब से त्रिवेणी संगम में डुबकी लगा सके. यह बात अच्छी है कि हिंदुओं में हिंदुत्व की भावना जाग रही है. मगर झूठ दिखाकर हिंदुओं के नाम पर राजनीति करना किसी भी रूप में सही नहीं है. अगर इतना ही हिंदुत्व प्रेम है तो देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करने में सर्वांग कांप जाता है.