
रायगढ़ नगरीय क्षेत्रों में भू-माफियाओं के हौंसले बुलंद हैं। उनको जहां भी सरकारी जमीन दिखती है, उस पर कब्जा कर बैठ जाते हैं। प्रशासन की चेतावनी के बाद भी इनके पैर जमीनों से नहीं हट रहे, जबकि कुछ दबंगों के खिलाफ शिकायती आवेदन प्रशासन के पास पहुंच चुके हैं। शिकायत सामने आने के बाद भी इन भू-माफियाओं को जमीनों से बेदखल नहीं कराया जा सका है। रायगढ़ नगर निगम क्षेत्र में बेजाकब्जा कर अवैध निर्माण की जानकारी का मामला सामने आया है।
इस सम्बंध में बतलाया जा रहा है कि सुरेश रोहड़ा का पार्टनर अपने आप को नंदेली हाऊस का कृपापात्र बतलाता है। किसी समय मे सेवादल के अध्यक्ष रह चुके बंगाली दादा की नंदेली हाऊस में अच्छी पैठ थी परन्तु छोटी छोटी बच्चियों से चाकलेट के बहाने शारीरिक छेड़छाड़ के बहुचर्चित मामले ने उसको नंदेली हाउस से दूर कर दिया गया था। वर्तमान में उस मामले को लगभग सभी भूल चुके है। बतलाया जाता है कि विधानसभा चुनाव के समय बंगाली ने पुनः नंदेली हाऊस का रुख किया था परन्तु उसे फिर वहां से भगा दिया था। अब यह देखना है कि नंदेली हाऊस इस मामले पर क्या रुख अपनाता है।
सुरेश रोहड़ा द्वारा बेखौफ करोड़ो की सरकारी जमीन को कब्जा कर बनाया जा रहा है दुकाने और, बेचने के लिए लिया जा रहा है एडवांस
जानकारी के मुताबिक बिल्डर सुरेश रोहड़ा उर्फ छोटू जो प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता है तथा आसपास की जमीनों को खरीदता है तथा उसकी कच्चा व पक्का प्लॉटिंग के साथ साथ व मकान व दुकान बनाकर बिल्डर का भी काम करता है। शहर में सुरेश रोहड़ा उर्फ छोटू नाम से प्रसिद्ध इस बड़े प्रापर्टी डीलर व उसके एक सहयोगी मित्र जो बैकुंठपुर गौशालापारा में निवास करता है दोनों की नजर बोईरदादर मुख्यमार्ग पर स्थित रिफ्यूजी बंगालीपारा में सरकारी नजूल जमीन पर पड़ी तो दोनों ने बलपूर्वक करोड़ों की सरकारी जमीन पर कब्जा करते हुए सात से आठ दुकानों का निर्माण करा रहे हैं और लाखों रुपए में उसे बेच रहे हैं।
अवैध जमीन पर अवैध दुकान का निर्माण करने के साथ साथ लोगों से अग्रिम राशि लेकर कर रहे हैं ठगी
जिसमें एक दुकान की कीमत लगभग ₹12,00000 लाख के हिसाब से ग्राहकों से अग्रिम राशि वसूल कर सरकारी भूमि पर अवैध दुकानों का निर्माण किया जा रहा है। दुकानों को खरीदने वाले ग्राहकों को यह कहा जा रहा है कि यह हमारी भूमि है और दुकानों के निर्माण में नगर निगम की अनुमति है कह कर ठगा जा रहा है। लाखों की ठगी का शिकार हो रहे दुकान खरीदने वाले लोगों को यह भान भी नहीं है कि यह दोनों कब्जा धारी सरकारी तंत्र को चैलेंज करते हुए खुलेआम दुकान निर्माण कर रहे हैं और लाखों रुपए एडवांस लेते हुए ठगी भी कर रहें हैं। इस प्रकार के कृत्य अपराध की श्रेणी में आता है।
वार्ड पार्षद की भूमिका पर उठ रही उंगलियां
आपको बता दें कि इस मामले में वार्ड पार्षद की खामोशी मोहल्ले वासियों को संदिग्ध नजर आ रही है। जिसका जिक्र उन्होंने अपनी शिकायत में किया है। क्योंकि वार्ड का पार्षद एक जनप्रतिनिधि है और उसके आंखों के सामने सरकारी जमीन पर इस प्रकार से जमीन दलालों द्वारा बेजाकब्जा कर अवैध रूप से दुकानों का निर्माण किया जा रहा है और पार्षद महोदय ने रत्ती भर का विरोध दर्ज नहीं किया यह बात समझ से परे है। वार्ड पार्षद को भी इस अवैध निर्माण की जानकारी है लेकिन उन्होंने इस बात का विरोध तक दर्ज नहीं किया गया है जिस पर मोहल्ले वासियों को दाल में कुछ काला तो नजर आ रहा है।
अवैध कब्जा व दुकान निर्माण की शिकायत मोहल्लेवासियों ने दिनांक 31/08/2020 को नगर निगम आयुक्त आशुतोष पाण्डेय से की थी।
चोरी छुपे आधी रात को होता है दुकानों का अवैध निर्माण
शिकायत कर्ताओं ने बताया की सरकारी जमीन को कब्जाधारियों द्वारा बलपूर्वक बेजाकब्जा करते हुए अवैध दुकानों का निर्माण कर लोगों को लाखों रुपए में दुकान को बेचकर लाभ कमा रहे हैं। कब्जाधारियों द्वारा सरकार तथा नगर निगम को करोड़ो का चूना लगाने में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं कर रहे हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि सरकारी जमीन को हड़प कर लाखों के वारे न्यारे का खेल पूरा करने की कोशीश चोरी छिपे आधी रात को होता है। जहां सुरेश रोहड़ा व उसके साथी छुपते छुपाते तेजी से दुकान का निर्माण करवाते हैं ताकि सरकारी तंत्र सोते रहे और यह लोग अपना काम करते रहें। इन लोगों को ना तो प्रशासन का डर है, ना तो निगम का डर है और ना ही कानून का डर है। खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ाते हुए ये भू माफिया लोग अवैध निर्माण कर करोड़ों की सरकारी जमीन को हथियां रहें हैं।
शिकायत कर्ताओं ने सुरेश अरोड़ा और उसके साथी के विरुद्ध कानूनन दंडात्मक कार्यवाही हेतू की मांग
सुरेश रोहड़ा व उसके साथी दोनों कब्जाधारियों के विरुद्ध शिकायतकर्ताओं ने निगम आयुक्त को इस अवैधानिक करतूत के बदले न केवल उनके विरुद्ध उचित दण्डात्मक कारवाही की मांग की है बल्कि सरकारी भूमि को कब्जा मुक्त करवाने की अपील भी किया है ताकि निगम प्रशासन उस भूमि का उपयोग जनहितकारी योजनाओं के लिए कर सके।
क्या नगर निगम आयुक्त इस अवैध कब्जा तथा अवैध निर्माण करने वालों पर करेंगे कार्यवाही या फिर….
लगातार भूमाफियाओं द्वारा सरकारी जमीन पर कब्जा के कारण जिला प्रशासन से सभी लोगों को उम्मीद है की प्रशासन ऐसे भू माफियाओं को सबक सिखाएगी और उनके द्वारा जो जमीन कब्जा किया गया है उसे छुड़ाते हुए अपना कर्तव्य निभाएगी। अब देखना यह है कि नगर निगम आयुक्त आशुतोष पाण्डेय इस शिकायत के बाद इन दोनों अवैध कब्जा धारियों पर पर क्या एक्शन लेते हैं ?
“31 अगस्त 2020 को यह शिकायत पत्र आयुक्त को दिया गया था। मामला कोई छोटा मोटा नहीं है सर करोड़ों की सरकारी जमीन का है और इसके साथ ही इसे बेचने का जुगाड़ भी बना लिया गया है जिसके नाम पर एडवांस भी लिया गया मगर शिकायत के 3 दिन बाद तक अभी तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है।”
बहरहाल आपको बता दें की रिफ्यूजी बंगालीपारा बोईरदादर के रहवासियों में जमीन के अवैध कब्जे और अवैध निर्माण को लेकर जबरदस्त जनाक्रोश दिखाई दे रहा है। उनका कहना है कि इस मामले में जल्द ही कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई तो मामले की शिकायत जिला कलेक्टर और रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक से भी करेंगे। किसी भी स्थिति में इन कब्जाधारियों को सरकारी जमीन पर कब्जा नहीं करने देंगे। अगर जिला प्रशासन इस विषय पर संज्ञान नहीं लेती है तो मोहल्ले वासियों का कहना है कि सभी मिलकर लोकतांत्रिक ढंग से आंदोलन भी कर सकते हैं।