रायगढ़—— कोरोनाकाल में लाकडाउन के कारण लैलूंगा के कृषकों को विश्वस्तरीय पहचान वाले जवाफूल चावल को बेचने के लिए कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था। जिस वजह से उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। जिससे उबरने के लिए उन्होंने आई ए एस भीम सिंह को अवगत करवाया था। जिस पर संज्ञान लेते हुए कलेक्टर ने इसका हल निकालने के लिए आश्वासन दिया था।
कलेक्टर ने कृषकों के चावल को प्रदर्शनी के माध्यम से बिक्री करवाने के लिए उम्दा पहल की,जिसका भरपूर प्रतिसाद मिला। कलेक्ट्रेट में लगाई गई प्रदर्शनी को एक दिन के लिए और बढ़ा दी गई थी। लैलूंगा के जवाफूल चावल की महक पाने को शहरवासी बेताब दिखे और चावल का स्टॉक खत्म होने के बाद भी लोगो का आना लगा रहा।
मिली जानकारी के अनुसार 02 दिनों में लगभग 5 लाख 25 हजार रुपए का 35 क्विंटल चावल खुदरा में बेच डाला गया। जो कि अपने आप मे रिकार्ड है। इस सफलता के पीछे कलेक्टर भीम सिंह की दूरदर्शी सोच है। बतलाया जा रहा है कि ग्राहकों की मांग पर जवाफूल चावल की बिक्री के लिए भविष्य में प्रदर्शनी लगती रहेगी।
प्रदर्शनी संचालक ने बतलाया कि उक्त जवाफूल चावल की पैदावार लैलूंगा,पहाड़,राजपुर में अधिक होती है। जिसकी महक से देश की राजधानी देहली वासी भी मुरीद है साथ ही खाड़ी देशों में जबरदस्त मांग रहती है। कोरोनाकाल में यहां का चावल भेज नही पाने के कारण से छत्तीसगढ़ के शहरों में प्रदर्शनी के द्वारा चावल की बिक्री की जायेगी। संचालक ने बतलाया कि मोबाईल क्रमांक 9424188004 पर फोन कर एक क्विंटल से अधिक का चावल जिले में कहीं भी भेजा जा सकता है। चावल 2,10,25 किलो की पेकिंग में उलपब्ध होते है। जिसकी कीमत 150/-प्रति किलो निर्धारित की गई है।
प्रदर्शनी में जवाफूल चावल के अतिरिक्त वन विभाग के संजीवनी उपक्रम के द्वारा वन जड़ी बूटियों से निर्मित चूर्ण,तेल,अचार,मुरब्बे,मशरूम,ग्रीन टी आदि की अच्छी खासी संतोषप्रद बिक्री हुई।








