टूटी कलम रायगढ़ —- जिला दंडाधिकारी भीम सिंह ने जिले में धारा 144 लगाने के आदेश देने के बाद भी सँविधान की धारा 144 का जमकर मख़ौल उड़ाया जा रहा है। धारा 144 के अनुसार 4 व्यक्ति से ज्यादा कहीं एकत्रित नही हो सकते। मगर देखा यह जा रहा है कि आदेश देने के बाद किसी भी तरह का कोई पालन नही किया जा रहा है। राजनीतिक दल बैठकों का आयोजन कर,भूमि पूजन आदि कर रहे है। जिसमें कोविड 19 के साथ ही 144 का उलंघन करना आमबात हो चुकी है। संकटकाल में भी राजनीतिक लोग अपनी गतिविधियां जारी रखे हुए है। दुपहिया पर 3,4 चार पहिया में 6,8 लोग घूमते नियमो को तोड़ते किसी भी सड़क पर देखे जा सकते है। समय सीमा से पहले और समय सीमा के बाद दुकानों का संचालन करना पुलिस एवं प्रशासन को चुनोती देना कहा जा सकता है। व्यापारियों के मन से चालान एवं प्रतिष्ठानों के सिलबन्दी का ख़ौफ नदारद हो चुका है। बुधवार साप्ताहिक अवकाश के दिन भी हर वस्तु आसानी से उपलब्ध हो जाती है। गुमास्ता,श्रम,नापतौल,फूड एंड सेफ्टी विभाग भी कुछ होते है या केवल तनख्वाह देने के लिए ये विभाग बनाये गए है। हर बात का ठीकरा जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन पर फोड़ना उचित नही होता है। कितने समाजसेवी और संगठन आमजन को कोरोना के विषय मे किसी भी तरह का प्रचार प्रसार क्यो नही कर रहे है। लाकडाउन लगने के बाद अपना घुमक्कड़पन जारी रखने के लिए 100₹ के बिस्किट,100₹ का पानी वितरण करने के बहाने से मानो प्रशासन से इजाजत ले ली हो या फिर अधिकार प्राप्त कर लिया कि तर्ज पर बेफिक्री से तफरीह करने निकल आएंगे। शाम को 6 बजे बाजार बंद हो जाता है तो उसके बाद घूमने वालो की रात थाना परिसर में बिठवाकर गुजरवानी चाहिए ताकि कुछ लोगो के कारण सब तक संदेश जाना चाहिए कि रात में घूमना स्वास्थ्य के लिए मान, मर्यादा,प्रतिष्ठा के लिए हानिकारक हो सकता है।