🔴70 वर्षीय वृद्धा की मौत पर मचा बवाल🔴कांच फोड़ो गए,डाक्टरो किया गया अभद्र व्यवहार🔴शासकीय सम्पति को पहुचाया गया नुकसान🔴 भर्ती गम्भीर मरीजो में छाई बैचैनी🔴
टूटी कलम —-रायगढ़ आज कोविड हॉस्पिटल में उस वक्त अफरा तफरीह का माहौल निर्मित हो गया। जब कोरोना पीड़ित एक वृद्धा ने कोविड अस्पताल में दम तोड़ दिया।
इस सम्बंध में मिली जानकारी के अनुसार कोविड 19 हॉस्पिटल मातृ-शिशु अस्पताल में भर्ती स्थानीय केवड़ाबाड़ी निवासी एक वृद्धा ने दम तोड़ दिया। जिसकी सूचना मिलते ही मृतक के परिजन अस्पताल पहुंच गए एवं वृद्ध महिला की मृत्यु का कारण इलाज में बरती गई लापरवाही को लेकर डाक्टरो पर आरोप लगाते हुए। अभद्र व्यवहार करते हुए स्क्रीनिंग रूम में लगे शीशों को तोड़कर जमकर उत्पात मचाया। उपद्रवियों के आक्रमक तेवर देख कर डाक्टर,नर्से आदि भाग खड़े हुए। इस घटना की सूचना पाकर चक्रधरनगर थाना प्रभारी अभिनवकान्त सिंह अस्पताल पहुंचकर काफी समझाइश दी गई तब जाकर मामला शांत हुआ।
आज घटित इस घटना के बाद सेवाकार्य में जुटे डाक्टरो, नर्सों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि अपनी कमजोर सुरक्षा के कारणों से ये लोग हड़ताल पर जाकर अपने हांथ खड़े कर सकते है। जिस वजह से संकट काल मे मरीजो का इलाज न होने का गहरा साया मंडरा सकता है एवं हालात बद से बदतर हो सकते है।

समूचा विश्व इस माहमारी से निपटने का हल ढूंढने में लगे है। देश,राज्य शहर में यह संक्रमण तेजी से पैर पसार रहा है। जिला प्रशासन अपने स्तर पर दवाई,बेड, आक्सीजन,वेंटिलेटर,कवारेंटी न सेंटर आदि की व्यवस्था करने में दिन रात जुटा हुआ है। पुलिस प्रशासन 24×7 ड्यूटी बजा रहे है। डाक्टर नर्स, वार्डबॉय,एम्बुलेंस चालक,पैथालॉजी वाले आदि न तो ढंग से खा पा रहे है और न ही चैन से सो पा रहे है। घरों में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने पर पारिवारिक सदस्य भी कन्नी काट लेते है परन्तु ये कोरोना वारियर्स उन गम्भीर मरीजो की सेवा सुश्रेवा में अपनी जान की परवाह किये बगैर जुटे हुए है। ऐसे कोरोना वारियर्स का सम्मान न कर अपमान करना कहां तक सही है। डाक्टर चाहे कितना भी प्रोफेशनल क्यूँ न हो परन्तु वह भी अपने दुश्मन मरीज को मारना न चाहकर जान बचाना चाहेगा।

इस तरह की घटनाओं से अस्पताल में भर्ती गम्भीर मरीजो के स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ा होगा। यह सोचनीय है। क्षणिक भावावेश, उतेजना में आकर इससें इतना बड़ा कदम उठा लेता है कि वह बाद में सजा योग्य बन जाता है।देश की अपनी सरकारी सम्पति को नुकसान पहुंचाना,सरकारी डाक्टरो से अभद्रता,गम्भीर मरीजो के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव,जन मानस को भड़काने का प्रयास,उद्दंडता,अभद्रता,तोड़फोड़ करना आदि संगीन अपराधों की श्रेणी में आता है। साथ ही 54,269,270, आदि से सम्बंधित एक दर्जन धाराओं का आरोपी बन जाता है। बरहाल अब यह देखना है कि मेडिकल कालेज,अस्पताल प्रबंधन,जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन इस घटना पर क्या कार्रवाई करता है कि भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति न हो सके।

इस सम्बंध में जो जानकारी छन कर आई है कि मृतक वृद्धा की मृतदेह लेने जब परिजन पहुंचे तो उनमें से एक अर्थात बीएससी द्वितीय वर्ष नर्सिंग की छात्रा थी। जिसने किसी की परवाह न करते हुए पिपिईकीट को काट दिया एवं शोर मचा दिया कि वृद्धा पलक झपक रही है। उसके इतना बोलने पर मृतक के परिजनों ने हंगामा खड़ा कर दिया। डर के मारे बेचारे डाक्टर जान बचा कर भाग खड़े हुए। चक्रधरनगर थाना प्रभारी अभिनवकान्त के आने के बाद उपद्रवियों को दौड़ाया गया। जिससे अस्पताल में अफरा तफरीह मच गई। बरहाल अभी तक अस्पताल प्रबंधन ने लिखित शिकायत पुलिस में नही की गई है।