टूटी कलम रायगढ़ — सन 1993,95 के समय मे हमारा शहर कस्बाई रूप में था। लोग एक दूसरे को जानते पहचानते थे। आपसी प्रेम होता था।लोग एक दूसरे के सुख दुख में खड़े रहते थे। उस समय जिला पुलिस अधीक्षक पद पर दुर्गेश माधव अवस्थी थे। जो आज पुलिस विभाग के सर्वोच्च पद पर आसीन है। उन्हें रायगढ़ से जुड़ी यादे याद है तो शहर वासियों को भी उनकी कड़क कार्यशैली याद है।
डी एम अवस्थी की कड़क छाप आज भी लोगो को याद है। वे पैदल ही शहर के भ्रमण पर निकल जाया करते थे एवं रामनिवास टाकीज चौक पर हमारी दवाई दुकान पर आकर रुकते थे। सिविल ड्रेस में खड़े होकर वहीं से सब पर निगाह भी रखते थे एवं मुझसे शहर का हालचाल पूछते थे। जिसपर मैं अपनी अनिभिज्ञता जाहिर कर देता था। उनके बच्चे की दवाई भी मेरी दुकान से जाती थी। या तो वे स्वयं आते या फिर फोन से बंगले पर भिजवाने को कहते थे।
सैलून पान दुकानों पर विशेष फोकस था उनका— पुलिस अधीक्षक डी एम अवस्थी शहर में छेड़छाड़ के मामले न हो इसलिए सभी नाई दुकानों को आदेश दिए थे कि वे अपनी सैलूनों के बाहर स्टीरियो,साउंड सिस्टम न बजाएं एवं पान दुकानदारो को निर्देश थे कि वे अपनी दुकानों में दर्पण न लगावे। जो लोग उनके आदेशो की अवहेलना करते पाये जाते थे उन पर कड़ी कार्रवाई की जाती थी।
कालजो,स्कूलों के आसपास सादे लिबास में पुलिस कर्मी घूमते थे। जो स्कूल कालेज लगने के पूर्व एवं छुट्टी के समय मंडराने वाले रोमियो,सड़क छाप मजनुओं पर निगाह रखते थे और पकड़ पकड़ कर समझाइस दी जाती थी।
बाइकर्स गैंग वालो की सरेराह होती थी धुलाई उस समय के बाइकर्स गैंग,3 सवारी,कानफोड़ू हॉर्न वालो की सिट्टी पिट्टी गुम कर दी थी दुर्गेश माधव अवस्थी ने पकड़े जाने पर कोई चालानी कार्रवाई न कर चौक चौराहों पर धुलाई या कान पकड़कर उठक बैठक करवाई जाती थी।
तीन सवारी बाईक वाले की अवस्थी ने की थी जबरदस्त धुलाई — एक बार एस पी अवस्थी दोपहर 12,13 बजे चक्रधरनगर की तरफ से आ रहे थे कि तीन सवारी बाइक वाले अवस्थी की कार को ओवरटेक कर आगे निकल गए। जो अवस्थी को नागवार लगा। उन्होंने अपनी कार बाइक वालो के पीछे लगा दी थी। बाइक वालो की शायद किस्मत खराब थी कि वे लोग अलंकार रेस्टोरेंट के पास रुक गए थे। तभी पीछे से एस पी डी एम अवस्थी पहुंच गए। उसके बाद जो हुआ वो देखकर सब अवाक रह गए। अवस्थी ने उन तीनों रँगबाजो की सरेआम इस कदर पीटा की उनकी सारी हेकड़ी निकल गई। वे मार खाये उस समय के रंगबाज अब वृद्ध हो चले होंगे मगर उनको वह पिटाई आज भी अवस्थी की याद दिला देती होगी।
सुनील पांडेय हत्याकांड पर से पर्दा उठाया था अवस्थी ने —- शहर के बहुचर्चित सुनील पांडेय हत्याकांड पर से भी अवस्थी ने पर्दा उठा दिया था।इस हत्याकांड की तफ्तीश स्वयं उन्होंने ही कि थी। वे घटना स्थल पर पहुंचे तो फ्रिज से बहते पानी को देखकर ही मामले का पटाक्षेप कर दिए फिर घटना स्थल से लाखा तक पहुंचने में कितना समय लगा डेड बॉडी को प्लांट करने में किन परिस्थितियों में सुनील पांडेय की हत्या कितने लोगों ने मिलकर की थी।पूरा सच सामने ला दिया था। जिसे सुनकर हर आदमी के शरीर मे सिहरन सी दौड़ गई थी।