पुलिस अधीक्षक के कमान संभालने के बाद आम जनमानस को लग गया था कि जिले के लगभग सभी थाना प्रभारीयो के थानाक्षेत्र बदले जाएंगे एवं कप्तान तेजतर्रार थानेदारों को मजबूत क्षेत्ररक्षण वाले थानों की अहम जिम्मेवारी सौपेंगे
कप्तान ने थानेदारों को परखा एवं गहन समीक्षा कर एक माह बाद 6 निरीक्षको को फेरबदल कर,आने वाले समय मे व्यापक फेरबदल करने की अपनी मंशा जाहिर कर दी,जिससे थाना प्रभारीयो में बैचेनी देखी जा सकती है। कोई तिल का ताड़ बनाकर मामले को पेश कर रहा है तो कोई हांथो पर हाँथ धरे अपना बोरिया बिस्तर बांधे अपनी बारी आने का इंतजार कर रहा है।
थाना प्रभारीयो ने अपने पैतरे बदल दिए क्या ?—- कप्तान की नजरों में आने के लिए तरह तरह के उपाय करने में लग गए है ताकि किसी कमाऊ थाने का प्रभार उन्हें मिल जाये। इन दिनों पुलिस अवैध शराब पकड़ने के लिए कहीं ग्रामीणों का भेष धारण कर जंगल के भीतर आमद दे रही है तो कहीं मछुआरे का भेष धारण कर नदी के बीच पहुंच कर शराब पकड़ने की भूमिका अदा कर रही है। जबकि पुलिस वाले अपनी मजबूत कद काठी, हेयर स्टाइल, आदि के कारण आसानी से पहचान लिये जाते है।
कहीं उद्योग के सिक्युरिटी शिफ्ट इंचार्ज अपनी सूझबूझ से चोरी के पिग आयरन लोड ट्रेलर को पकड़कर ट्रेलर प्लांट के भीतर खड़ी करवाकर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाने पर पुलिस इसे अपनी सफलता मान अपनी पीठ थपथपाने का कोई मौका नही चूककर कप्तान की नजरों में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाना मात्र है। जबकि क्षेत्र के बंद हो चुके वीसा पावर,हेक्सा पावर आदि के लौह सामग्री कबाड़ियों ने दिन दहाड़े काटकर सैकड़ो ट्रक के माध्यम से बेच खाया है। वहीं कबाड़ियों के आपसी संघर्ष के कारण काफी सिर फुटौवल हुए। कुछ हत्याएं भी हुई जिनपर पर्दा डाल दिया गया है। शाम होते ही क्षेत्र के थाने के सामने टेबल-कुर्सी डालकर वहानो से वसूली शुरू का खेल शुरू कर दिया जाता है। ओवरलोड,नो एंट्री,हेलमेट,सीटबेल्ट आदि कई खामियां बतलाकर वाहन चालकों को तंग किया जाता है। थाना प्रभारी यदि कभी कभार थाने में उपस्थित मिल जाये तो यह परम सौभाग्य माना जाना चाहिए।
सम्मान का असली हकदार आशुतोष चतुर्वेदी है—अगर न्यायसंगत दृष्टि से देखा जाये तो jsw को अपने सिक्युरिटी शिफ्ट इंचार्ज आशुतोष चतुर्वेदी को पुरस्कृत कर सम्मान किया जाना चाहिए जिसकी सूझबूझ ततपरता के कारण वषों से इस चोरी के खेल में शामिल कइयों को बेनकाब करने सरीखा कर्तव्य निभाया है। अब तक न जाने मिलीभगत कर jsw को कितने करोड़ का चूना लगाया जा चुका होगा ? पुलिस को भी चाहिए कि चोरी के इस खेल में शामिल सभी मास्टरमाइंडो पर कार्रवाई करे। पकड़े गए ड्राईवर, खलासी,गार्ड तो कर्मचारी मात्र है। जो पूरी वफादारी से अपने मालिको की चोरी में सहयोग देते है।