इसे कहते है मानवीय गलतियों का परिणाम
रायगढ़ छ. ग.—– लगभग 1 दशक से शहर का नासूर बन चुके पानी निकासी के चेंबर लोगो के नालियों में कचरे फेंकने के कारण से पूर्णतया बंद हो चुके थे.जिससे शहर की मुख्य सड़क पर गर्मियों के दिनों में भी बरसाती पानी जैसे जल ठहराव रहता था.कभी कभार हल्की फुल्की सफाई कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री नगर निगम रायगढ़ कर रहा था.जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों को इससे कोई सरोकार नही था.
इस ओर *टूटी कलम* ने दबंगता से मुद्दा उठाया था.जिस पर निगम प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए 2 एक्सीवेटर की सहायता से वर्षो से बंद पड़े नाले के चेम्बर को खोला गया.जिससे सड़क पर भरा हुआ संक्रमित पानी तुरन्त बह कर निकल गया.चेम्बर खुदाई के दौरान चप्पल,जूते, प्लास्टिक की बोतलें, थर्मोकोल के टुकड़े आदि निकलना आसपास के रहवासियों, दुकानदारों का स्वयं स्वार्थ कहा जा सकता है.लोगो के गैर जिम्मेदाराना कार्यो का परिणाम सबको भुगतना पड़ता है.



