@टिल्लू शर्मा◾टूटी कलम डॉट कॉम#…. खरसिया डेस्क…कोविड 19 की वजह से त्यौहारों पर भी ग्रहण लग गया था। मगर अब स्थिति नियंत्रण में होने की वजह से लोग बेफिक्र हो चुके है। बाजारों में बहुत मंथर गति से चहल पहल बढ़ रही है। जिसका कारण आसमान पर जा पहुंची महंगाई एवँ लोगो की जेबें खाली होना है।
पटाखो का भरपूर संग्रहण मुसीबत न बन जाये कहीं…पिछले साल कोरोना की वजह से पटाखों की न आवक हुई और न चलाने की इजाजत प्रशासन ने प्रदान की थी। इस बार आंशिक छूट मिली हुई है। शहर के धनिक व्यवसाइयों ने इस छूट का पूरा फायदा उठाकर पिछले वर्ष की कमाई भी इस वर्ष में एक सांथ करने की मंशा से पटाखो का भरपूर स्टॉक मंगा रखा है। खरसिया को एक दृष्टि से छोटा शिवाकाशी कहा जाए तो कोई आश्चर्य नही होगा क्यूंकि खरसिया की गली गली ,दुकान,दुकान,घर घर के अंदर अवैध रूप से पटाखों की दुकानें संचालित हो रही है और ऐसा भी नही है कि इसकी भनक पुलिस को न हो। पुलिस की आंखों के सामने पटाखो की धड़ल्ले से बिक्री की जा रही है। किसी भी तरह की रोक टोक समझाइश की कतई आवश्यकता नही समझी जा रही है। यदि वास्तव में कार्रवाई की जाये तो सैकड़ो घर,दुकानों से बगैर लाइसेंस के बिक रहे पटाखो की जप्ती आसानी से कर ली जा सकती है। अगर पुलिस मन मे ठान ले तब.टूटी कलम
आगजनी हो जाने पर स्थिति विस्फोटक हो सकती है…यदि किसी पटाखे विक्रय स्थल पर गलती से भी आग लग जाये तो स्थिति अत्यंत गम्भीर हो सकती है क्योंकि स्टेशन रोड की सकरी गलीनुमा सड़क पर पटाखो की सैकडों दुकानें घरों के भीतर से संचालित हो रही है। जहां सुबह से रात तक भीड़भाड़ रहती है। जिस वजह से आशंकित दुर्घटना हो जाने पर दमकल वाहन भी उक्त मार्ग में प्रवेश नही कर पायेगी। जिस वजह से छोटी सी चिंगारी भी शोला के रूप में भड़क सकती है। जिस वजह से जानमाल की भी हानि हो सकती है। टूटी कलम