@टिल्लू शर्मा◾ टूटी कलम डॉट कॉम#…रायगढ़…… दीपावली के अगले दिन “गोवर्धन पूजा” की जाती है। हिंदुओ के लगभग सभी त्योहारों पर वासुदेव कृष्ण की उपस्थिति रहती है। इसका मतलब यह है कि बगैर मोहन के सब सुन है। गोवर्धन पूजा वाले दिन सभी देवालयों में अन्नकूट का भोग लगाकर प्रसाद का वितरण किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि सालभर मंदिरों में जो खाद्य सामग्री आती है। उसे इस दिन पकवाकर भक्तों के बीच बांटा जाता है। सब्जी आदि मंदिरों में एकत्रित हुए चढ़ावे के रुपयों से खरीदी जाती है। मंदिरों में भक्तों को पंगत में बैठाकर प्रसाद परोसा जाता है एवं लंच बाक्सओ में भी प्रसाद दिया जाता है। जिसमे कोई भेदभाव नही किया जाता है। लोगो को बुला बुला कर प्रसाद दिया जाता है। टूटी कलम जय श्री श्याम
यहां की छटा ही निराली है हे श्याम प्रभु…शहर का अतिप्रसिद्ध खूबसूरत मंदिर भेदभाव करने के नाम से भी अतिप्रसिद्ध है। बतलाया जाता है कि इस मंदिर के भोग को बकायदा मंडल के सदस्यों के द्वारा रसूखदार समझे जाने वालों,उच्चाधिकारियों के घर पहुंचाया जाता है। लंच बॉक्स में भोग लेने वालों को भी फर्म का नाम बतलाने पर हैसियत के अनुसार प्रसाद भरकर दिया जाता है। बड़े बड़े मोटे मोटे पेट वालो के यहां मोबाईल से प्रसाद लेने हेतु आने का निमंत्रण दिया जाता है। बाबो की माखन-मिश्री के दर्शन तक आम लोगो को नही करवाये जाते है। मंदिर के भीतर लोगो को प्रसाद रूपी भोजन परोसा जाता है। किसी आमजन की क्या मजाल कि अंदर प्रवेश पा जाये। मन्दिर के द्वार पर पारखी नजरो के धनी लोग नजरें जमाये मुस्तैद खड़े रहते है। टूटी कलम जय श्री श्याम