@टिल्लू शर्मा◾टूटी कलम डॉट कॉम#रायगढ़…. शहर का सबसे पुराना एवँ शिक्षित लोगो का क्षेत्र होने के बाद इस क्षेत्र के चौक का नाम गांजा चौक है। जो कि विवादित है जबकि इस क्षेत्र में फिलहाल गांजा का इतना बड़ा व्यवसाय नही होता कि जिसे गांजा चौक के नाम से पहचाना जा सके और न ही गांजे के उड़ते धुंए और गंध पहचान बनाने में कोई भूमिका निभाते हो।4 दशक पहले इस चौक पर जरूर गांजा एवँ भांग के ठेके संचालित होते थे। जो अब केवल अधेड़ों,बुजुर्गों की यादों में ही सिमटकर रह गये है। टूटी कलम
नामचीन लोगो का क्षेत्र है गांजा चौक….स्वतंत्रता संग्राम सेनानीयो, बुद्धिजीवीयो,वक्ताओ,साहित्यकारों,लेखकों,कलमकारों,चिंतकों को उपजाने वाले इस क्षेत्र को ब्राम्हण एवँ ओड़िया लोगो के कारण ही पहचाना जाता है। इस क्षेत्र के निवासियों के कारण रायगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर समय समय पर अलग अलग विधाओं के कारण पहचान मिलती रही है। डॉक्टरों,इंजीनियरों,एडव्होकेटो, खिलाड़ियों,कलम वीरों से यह पूरा क्षेत्र भरा पूरा है। इस क्षेत्र के निवासी बेहद शालीन भी माने जाते है। चौक पर ही जामा मस्जिद भी है परन्तु कभी भी आपसी सौहार्द बिगड़ने की नौबत तक नही आई है। जबकि नवरात्र के समय मस्जिद के सामने ही मां जगत जननी का का पंडाल भी लगा दिया जाता है। रथ यात्रा के समय भी जगन्नाथ महाप्रभु, बलभद्र, सुभद्रा के रथ इसी चौक से गुजरते है। टूटी कलम
शहीद विपप्लव की शहादत की वजह से नामांतरण किया जा सकेगा….मणिपुर में माओवादियों के हमले में शहीद हुए शहर के पुत्र विपप्लव का इस क्षेत्र से बचपन से ही जुड़ाव रहने के कारण विपप्लव के समकालीन लोगो एवं युवाओ ने सही निर्णय लिया है कि उक्त चौक का नामांतरण विपप्लव( बुलु) के नाम पर किया जाना चाहिए ताकि सपरिवार शहीद हुए विपप्लव का नाम अजर अमर रह सके। चौक पर इनकी मूर्ति लगवानी चाहिए। जिस पर आकर्षक लाइटिंग की व्यवस्था के सांथ प्रतिमा की साफ सफाई की व्यवस्था निगम प्रशासन को निभानी चाहिए। साल में एक बार 13.11 को शहर वासी शहीद दिवस के रूप में मनाकर शहर के जांबाज बेटे बुलु को देश के लिए किये गए बलिदान के कारण यादों में जिंदा रखा सके। टूटी कलम









