रायगढ़—- गौरवर्ण,मजबूत कद काठी,धीर गम्भीर,न काहू से दोस्ती न काहू से बैर,निर्विवाद,कुशाग्र बुद्धि वाले जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा की छवि एक ईमानदार अधिकारी के रूप में गिनी जाती है.सम व्यवहार,समदर्शी,समन्याय के धनी व्यक्तित्व से लबरेज वर्मा की पहचान पुलिसिया आचरण के विपरीत है.विषम परिस्थियों का अद्भ्य साहस से सामना करने की क्षमता इनमें कूट कूट कर भरी है.अनुशासन प्रिय ये अधिकारी अपने मातहतो के बीच उदारवादीता की मिसाल है.कार्य करने की क्षमता में किसी से कम नही है.
वर्तमान में देश,प्रदेश में कोरोना वायरस के चलते जो अनिश्चितता, डर,भय की स्थिति निर्मित हुई है। जिसकी वजह से पूरे जिले में भी लाकडाउन लगा हुआ है.इस लाकडाउन को सफल बनाने,कोरोना की आहट भी न हो इसके लिये ये बेहद सजगता से अपने कार्य को अंजाम देने के लिये अलसुबह से देर रात तक शहर में पेट्रोलिंग करते चौक, चौराहों पर खड़े होकर जनता को समझाईश देते नजर आते है परंतु न समझने वालों को लाठी की भाषा से समझाते है.इनके लगातार 18,20 घँटे सड़क पर ही डटे रहने की वजह से पुलिसकर्मियों में जोश का संचार बना रहता है.ये कब तो सोते है ? कब उठते है ? कब खाते है यह एक जानने योग्य विषय है.घर जाने पर एकाकीपन काट खाता होगा क्यूँकि इतनी कठोर ड्यूटी करने के पश्चात जिसे देखकर सारी थकान काफूर हो जाती है.इनका बच्चा अभी रायपुर में अपनी मम्मी के पास है जो कि लाकडाउन की वजह से रायगढ़ नही आ पा रहे है. ये उच्च अधिकारी चाहे तो उन्हें ला सकते है परन्तु घर पर रहने के सरकार के आदेश का पालन कर सरकार का साथ दे रहे है.शहर में शत प्रतिशत लाकडाउन सफल करवाने में कुछ चुनिंदा अधिकारीयो में एक नाम अभिषेक वर्मा का भी है. वर्तमान में इनकी जीवटता देखने एवं अपनाने के लिये एक उदाहरण है कि देश के लिए इंसान को कुछ समय तक के लिए सबकुछ त्याग देना चाहिए.शहर की गली गली में घूमता इनका वाहन लोगो के पैरों में मानो जंजीर डाल दिया हो । वर्मा अगर चाहे तो कार्यालय में आराम से बैठकर कार्य संचालित एवं आदेश ठोक सकते है परन्तु मातहतो में वो हौसला नही आयेगा जो अभी बना हुआ है