
✒️टिल्लू शर्मा टूटी कलम…. बरखा वर्सेस संजना विवाद में बरखा सिंह ने बाजी मार ली क्योंकि संजना शर्मा ने निजी होटल के सभागार 22 फरवरी को में 17 पाषदो के संयुक्त हस्ताक्षर युक्त इस्तीफे की धमकी देकर 23 फरवरी को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम सौपे जाने की अघोषित धमकी तक दे डाली थी,परन्तु बरखा सिंह इन सब पाषदो से एक कदम आगे निकल चुकी थी। जिसका कोई भान,ज्ञान कांग्रेस पार्षदों को नही हो पाया था। बरखा सिंह ने 1 दिन पहले ही अर्थात 21 फरवरी को अपना त्यागपत्र प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष फूलोदेवी नेताम को प्रेषित कर दिया था। टूटी कलम

विरोध तय है निवर्तमान अध्यक्ष बरखा सिंह ने भी कच्ची गोलियां खेलकर राजनीति नही की है। रानी चौहान की ताजपोशी के बादअसंतुष्ट कांग्रेसी महिलाओं के द्वारा कांग्रेस कार्यालय अपना विरोध प्रकट कर मोहन मरकाम,भूपेश बघेल के नाम ज्ञापन सौपा जा सकता है। टूटी कलम
क्या केवल दो ही कांग्रेसी नेत्रियां है पूरे जिले में….. बतलाया जा रहा है कि रानी चौहान की नियुक्ति होने के बाद यह प्रश्न स्वयमेव उठ खड़ा होता है कि क्या पूरे जिले में कांग्रेस के पास रानी चौहान और रिंकी पांडेय ही महिला नेत्रियां क्रियाशील है। टूटी कलम
संजना शर्मा दौड़ से बाहर.… जिला महिला कांग्रेस अध्यक्ष की पहली दावेदार संजना शर्मा निवर्तमान अध्यक्ष बरखा सिंह की ताजपोशी से इतनी अधिक पीड़ित हुई कि इन्होंने निगम परिसर को विवाद का स्थल चुनकर कांग्रेस के समझे जाने वाले कद्दावर नेताओ के मार्गदर्शन में चक्रव्यूह की स्क्रिप्ट तैयार कर बरखा को निगम बुलवाया गया। जिसमें बरखा बुरी तरीके से फंस गई। जिसके कारण उन्हें अपने पद से त्यागपत्र देना पड़ गया। टूटी कलम
