रायगढ़ में लॉकडाउन की सफलता के हीरो युवा एसडीएम आशीष देवांगन को शहर के 48 वार्डों में राशन वितरण सामग्री के लिए अतिरिक्त प्रभार देकर शहर में अवैध सामानो के कारोबारियों एवं लाकडाउन के दौरान छूट ना दी जाने वाली सामग्रियों के विक्रेताओं के लिए तो मानो जिला प्रशासन ने नरम रुख अपनाकर उन्हें हरी झंडी दे दी गई हो पुरानी हटरी , हंडी चौक से गौशाला जाने वाले मार्ग पर दवाई दुकान, राशन दुकान के लाइसेंस आड़ में कॉस्मेटिक एवं प्लास्टिक के सामानों के रायगढ़ जिले के सबसे बड़े विक्रेता द्वारा प्रतिदिन सुबह 4:00 बजे से 9:00 बजे तक लाखों का सामानो की हेरा फेरी की जा रही है जिसके लिए यदि जिला प्रशासन, खाद्य विभाग, औषधि विभाग दबिश दे तो अनेक तरह के रहस्योद्घाटन होने से कतई इंकार नहीं किया जा सकता रायगढ़ में खाद्य विभाग नाम का कोई विभाग है या नहीं यह प्रश्निय है। यह विभाग मलाई खाने एवं भ्र्ष्टाचार के मामले में सर्वविदित है। अपना कार्यभार पुलिस प्रशासन पर थोप कर कुंभकरण की नींद में गाफिल है । जब तक एस डी एम आशीष देवांगन शहर की सड़कों पर सक्रिय रहे तब तक किसी भी व्यापारी की हिम्मत ना हो सकी कि वह लाकडाउन के नियम का उल्लंघन कर सके परंतु जैसे ही उनके ऊपर अतिरिक्त प्रभार डाला गया तब से शहर में हो रही दुकानों पर सील बंदी की ताबड़तोड़ कार्रवाई को ब्रेक मिल गया जिसका फायदा प्रत्यक्ष रूप से सीधे-सीधे देश के आपातकाल स्थिति में भी धन कमाने के लोलुप लोगों को मिल गया। अब जैसा कि देश में डाउन की तिथि बढ़ने की संभावना है इसलिए इन कारोबारियों पर लगाम कसना जरूरी है यह मुद्राराक्षस देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था के बहुत बड़े जिम्मेदार होंगे। जो कि समानो के ब्लैकमेलिंग आम उपभोक्ताओं की जेबो पर डाका डालने का कोई भी मौका नहीं चूकना चाहते जिसमें भले ही देश रसातल में चला जाये परंतु अपना घर भरता रहे।लगता है कि अचानक से धूमकेतु के जैसे चमकने वाले राम-बलराम की जोड़ी आशीष-अविनाश की कड़ाई एवं धुंआधार 188 के बन रहे प्रकरण से मिल रही लोकप्रियता किसी के मार्ग का रोड़ा न बन जाये इसलिए दिशा से अलग कर देना ही कोई न कोई शासकीय कारण हो सकता है।*चंद्रकांत (टिल्लू) शर्मा संपादक टूटी कलम*