🎯 टिल्लू शर्मा 🎤 टूटी कलम रायगढ़ ….. कई अरसों के पश्चात राशन विक्रेताओं के ठिकानों पर जिला कलेक्टर रानू साहू के आदेश पर खाद्य विभाग, नापतोल विभाग आदि ने छापेमारी कर जांच पड़ताल कर सामानों के विक्रय मूल्य एवं स्टॉक का ब्यौरा लिया गया. बताया जा रहा है कि प्रदेश में जिस तेजी से कोरोनावायरस आ रहा है उसको देखते हुए बड़े राशन व्यापारियों ने अपने गोदाम खाद्य तेलों, चावल, दाल ,आटा ,शक्कर आदि से भरकर रखे गए हैं ताकि वे आपदा के समय अवसर का फायदा उठाने में पीछे ना रह सके। 2 साल के कोरोना संक्रमण काल में इन व्यवसायियों ने अनाप-शनाप दामों पर पिछले दरवाजे से एवं अपने घरों से खाद्य सामग्रियां बेचकर मोटी चांदी काटी है। वर्तमान में केंद्र सरकार के द्वारा खाद्य तेलों के मूल्य में काफी कमी कर दी गई है उसके बावजूद भी मुद्राराक्षस व्यवसाय ऊंचे दामों पर ही तेल बेच रहे हैं जिसका कारण वह ऊपर से ही मांगेराम पर सप्लाई होने का बहाना ग्राहकों को बतला कर उनकी जेबों पर डाका डाल रहे हैं। इसे एक तरह खुली डकैती भी कहा जा सकता है। कलेक्टर भीम सिंह के समय चेंबर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारियों के द्वारा कलेक्टर के हाथ पैर जोड़कर निवेदन कर व्यवसायियों को बचा लिया जाता रहा है। पूर्व कलेक्टर भीम सिंह व्यवसायियों के हितों के विषय में आम नागरिकों के हितों को अपेक्षा ज्यादा जोर देते रहे।
वर्तमान कलेक्टर रानू साहू के द्वारा जनहित में शिकायतों पर ध्यान दिया जा रहा है ।जिसका परिणाम सामने है कि बड़े-बड़े रसूखदार व्यापारी जिला प्रशासन के रडार पर आ चुके हैं। इस कार्रवाई से आम जनता कलेक्टर रानू साहू को साधुवाद दे रही है कलेक्टर रानू साहू ने भी छापेमारी करवा कर अपने मंसूबे स्पष्ट जाहिर कर दिए हैं की उनके रहते कालाबाजारी नहीं बक्शे जायेंगे। रानू साहू एक योग्य प्रशासक है उनकी नजरों में आम जनता खास है एवं खास लोग सामान्य हैं। वे किसी के दबाव में आकर उन्हें मनमानी करने की छूट प्रदान नहीं करने वाली है।