🎯 टिल्लू शर्मा 🎤 टूटी कलम रायगढ़ उद्योगो द्धारा फ्लाई ऐश के अवैध परिवहन और डंपिंग को लेकर एक बार फिर विधनसभा में गरजे विधायक प्रकाश नायक : उद्योगिक नगरी रायगढ़ में बढ़ती प्रदूषण को लेकर विधायक प्रकाश नायक हमेशा ही संवेदनशील रहते हैं और विधासभा के सभी सत्रों में पुरजोर तरीके से इस मुद्दे को उठाते है जिससे उद्तोगो पर कार्यवाही होती रहती है। आज विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन विधायक ने फ्लाई ऐश के अवैध डंपिंग को लेकर सवाल उठाए हैं। विधायक ने वन मंत्री से पूछा कि …….…………
विभागीय मंत्री मो अकबर द्वारा उद्योग्वार विस्तृत जानकारी दी गई है। विधायक का कहना है कई उद्योगाें द्धारा जितनी फ्लाई ऐश डंपिंग की अनुमति ली गई उससे ज्यादा मात्रा में फ्लाई ऐश का परिवहन किया गया। इन उद्योगाें और उनके ट्रांसपोर्टरों द्वारा अवैध स्थानों में नियम विरुद्ध फ्लाई ऐश का डंपिंग किया गया है। कृषि भूमि पर फ्लाई ऐश गिराने से उस भूमि उर्वरक क्षमता कम होती है और भूमि कृषि योग्य नहीं रह जाता। इस प्रकार फ्लाई ऐश की अवैध डंपिंग पर तत्काल रोक नही लगाया जाय तो आने वाले समय में कृषि उत्पादन में गिरावट आ सकती है, कई स्थानों में सड़क किनारे फ्लाई ऐश की अवैध डंपिंग की जाती है जिससे प्रदूषण बड़ने का खतरा पैदा होता है। नदी नालों के पास भी उद्योगाें द्धारा फ्लाई ऐश डाल दिया जा रहा है जिससे जल प्रदूषण बड़ने से समस्या पैदा हो सकती है, रायगढ़ जिले को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए ऐसे उद्योगों पर लगाम लगाना जरूरी है।
ज्ञात रहे कि टूटी कलम के द्वारा भी समय समय फ्लाई ऐश से संबंधित समस्याओं को समाचार के माध्यम जनप्रतिनिधियों तक पहुंचाने का प्रयास किया जाता रहा है। हमारे समाचारों का असर अब विधानसभा में मानसून सत्र के दौरान देखने को मिल रहा है। खरसिया विधानसभा क्षेत्र का शायद ही कोई ऐसा गांव रहा हो जिसमें फ्लाई ऐश अवैध तरीके से डंप न की गई हो , बतलाया जाता है कि मंत्री के खासम खास कहलाए जाने वाले अमलडीहा के सेठ के द्वारा उद्योगों से लाखो टन फ्लाई ऐश निकालने का ट्रांसपोर्टिंग करने का ठेका ले रखा है। जिसमें “दीपक” की आड़ में “निराकार” भी आकार लेकर “विकास” की संभावनाएं तलाश कर “अमन” चैन की बांसुरी बजा रहे है। NH 49 तो मानो इन फ्लाई ऐश के धंधेबाजों के लिए अपने पुरखों की पैतृक जायदाद बनी हुई है. मंत्री के द्वारा इन 8-10 भूमि के को नष्ट करने वालों को इतनी छूट आखिर किस वजह से दी हुई है यह सब की समझ से बाहर हो चुकी है। वैसे तो खरसिया विधानसभा को कांग्रेस की परंपरा शीट माना जाता है परंतु आगामी विधानसभा चुनावों में इस विधानसभा से कांग्रेस को जीत तो निशित रूप से मिलेगी परंतु जीत का जो रिकार्ड है वह कम हो जाएगा।