👀 टिल्लू शर्मा ✒️ टूटी कलम रायगढ़ छत्तीसगढ़… पिछले दिनों से बजरंगबली को निगम से पानी देना निगम वालों के गले की फांस बन गया है. निगम के जल कर विभाग के बाबू भैया द्वारा जल कर वसूली के लिए लोगों को नोटिस दिए गए थे. जिनसे यह चूक हो गई थी टिकरापारा इससे बजरंगबली मंदिर के परिसर में लगे नल कनेक्शन के बिल मे मंदिर के निर्माण कर्ता अथवा पुजारी के स्थान पर बजरंगबली के नाम पर 400 ₹ बकाए की जलकर की नोटिस काटकर भिजवाई गई. जो किसी जागरूक व्यक्ति अथवा वार्ड के पार्षद के हाथों लग गई। जिसके बाद पूरे शहर में निगम की छीछालेदर होनी शुरू हो गई। एक तो आगामी विधानसभा का समय और उस पर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार, निगम के महापौर, सभापति, शहर मंत्री, सभी कांग्रेस के है। अधिकारी भी प्रदेश सरकार की इच्छा अनुसार पदस्थ किए गए हैं। इस मामले को भाजपा ने हाईप्रोफाइल मामला बनाकर नगर निगम के अधिकारियों कर्मचारियों को सवालों के कटघरे में खड़ा कर आम जनता से सहानुभूति एवं समर्थन बटोरने के लिए तरह तरह से निगम प्रशासन पर हमले बोले जा रहे हैं। कल भाजपा पार्षद दल की बैठक बुलाकर आगे की रणनीति तय की गई। जिला भाजपा अध्यक्ष उमेश अग्रवाल ने काफी उग्र होते हुए मीडिया के सम्मुख यह बयान दिया कि आगामी 28 तारीख को रायगढ़ नगर निगम की शव यात्रा निकालकर निगम परिसर में अंतिम संस्कार किया जाएगा। आज उस समय निगम में अजीब स्थिति निर्मित हो गई जब पूर्व विधायक विजय अग्रवाल के समर्थकों के द्वारा निगम पहुंचकर निगम आयुष को अपने मानसिक संतुलन का इलाज करवाने बाहर जाने की सलाह देते हुए टिकट सौंपी गई।
अब टिकट आगरा की सौंपी गई है या फिर रांची की इसका स्पष्टीकरण अब भाजपा को मीडिया में पुनः देना पड़ेगा क्योंकि आयुक्त को टिकट सौपे जाने संबंधित दो समाचार प्रसारित हुए हैं जिनमें जगह को लेकर असमानताएं हैं। एक मीडिया के द्वारा स्थान आगरा बतलाया गया है तो वहीं दूसरी मीडिया में स्थान रांची बताया गया है। वैसे दोनों ही स्थान मानसिक रोगियों के इलाज के लिए जाने जाते हैं परंतु एक व्यक्ति एक ही स्थान पर ही इलाज करवा सकता है ना कि 2 स्थान पर एक साथ

