🛑टिल्लू शर्मा ✍️टूटी कलम रायगढ़ छत्तीसगढ़… रायगढ़ शहर के होनहार मिलनसार युवाओं में लोकप्रिय हंसमुख बालाजी डोर के संचालक मयंक मित्तल के द्वारा गोदाम के अंदर फांसी लगाकर आत्महत्या करने के बाद हर किसी के सामने प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया था कि आखिर किन परिस्थितियों के कारण मिट्ठू ने कायरता एवं बुजदिली का रास्ता अख्तियार करते हुए अपने प्राण त्याग दिए. बाद में धीरे धीरे पूरी बातों का खुलासा होता गया कि मिट्ठू को क्रिकेट के सट्टे खेलने की ला से लगी हुई थी जिस वजह से वह कुछ माह पूर्व ही लाखों रुपए हारा था जिसके पश्चात उसके परिजनों ने मिलजुल कर हारी हुई रकम की आ जाएगी कर मिट्ठू को भविष्य में सट्टा ना खेलने की समझाइश दी गई थी. इंसान सब कुछ बदल सकता है परंतु अपनी फितरत और आदत बदलने में अक्सर नाकाम रहता है और यही बात मिट्ठू पर लागू हो गई कि कुछ समय तक क्रिकेट के सट्टे से दूरी बनाने के बाद दीपावली के पूर्व भारत-पाकिस्तान के मैच के दौरान उसका फिर से एक बार क्रिकेट सट्टे का प्रेम जाग उठा और वह सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 25 लाख रुपया मैच के दौरान हार गया था। जिसकी भरपाई करने के लिए वह दीपावली की रात ताश पत्ती के जुए में रकम जीत का कर क्रिकेट के सट्टे में हारी हुई रकम को चुकाना चाह रहा था, परंतु किस्मत ने या उसके साथ जुआ खेल रहे जुआरियों ने उसे छलकर 60 लाख रुपए हराकर मिट्ठू को सदमे में ला दिया गया। बताया जा रहा है कि रात में हारी हुई रकम की वसूली के लिए एवं क्रिकेट में हारी रकम की वसूली के लिए लोगों के द्वारा उसे अल सुबह से ही परेशान करना शुरू कर दिया गया था। जिसके पश्चात मिट्ठू ने समस्या का हल ना पाने के पश्चात आत्महत्या करने का कठोर निर्णय लिया गया और वह शाम 5:45 पर अपने गोदाम में जाकर साड़ी के द्वारा बनाए गए फांसी के फंदे पर लटक गया और अपने प्राण त्याग दिया।
मिट्ठू की निकाली गई शव यात्रा के दौरान शहर के लोग जुआ एवं सट्टा के विरोध में तख्तियां थामे हुए मुक्तिधाम तक पहुंचे एवं उन्होंने पुलिस से मांग की की मिट्ठू को युवा एवं सट्टे की रकम के लिए परेशान करने वाले खाई वालों पर पुलिस 306 की कार्रवाई कर अपराध दर्ज करें एवं उनको जेल दाखिल करें ताकि शहर का सट्टामय होता माहौल मिट्ठू की मौत के बाद कुछ सुधार में आ सके। बरहाल सिटी कोतवाली के थानेदार शनिप रात्रे माय स्टेप घटनास्थल पर पहुंचकर बारीकी से जांच पड़ताल कर मृतक का मोबाइल जब्ती करते हुए साइबर सेल को सौप कर मोबाइल की कॉल डिटेल एवं व्हाट्सएप ,मैसेंजर, पर आए और गए समाचारों को खंगाला जा रहा है जिसके पश्चात कई लोगों से पूछताछ करने के लिए पुलिस उन्हें थाना बुला सकती है एवं दो चार लोगों को मयंक को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने हेतु 306 का आरोपी बना सकती है।







