🛑टिल्लू शर्मा ✍️ टूटी कलम रायगढ़ छत्तीसगढ़… शहर के युवा व्यवसाई मयंक अग्रवाल के आत्महत्या करने के पश्चात पुलिस के द्वारा चार लोगों को नामजद आरोपी बनाया है जिनमें से 3 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है और एक फरार होना बताया जा रहा है जिसकी तलाश में पुलिस लगातार जुटी हुई है. देर सबेर किसी भी पल फरार आरोपी की गिरफ्तारी किए जाने के समाचार प्राप्त हो सकते हैं. पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों को आज न्यायालय में पेश किया जाना था। दूसरी तरफ सर्व समाज के लोगों के द्वारा पुलिस से निवेदन किया था कि आरोपियों का पैदल जुलूस निकाला जाए ताकि लोगों के मन में पुलिस के प्रति विश्वास पैदा हो सके और अपराधियों के मन में दहशत कायम हो सके। जिसके बाद सिटी कोतवाली से आरोपियों को टाटा सूमो वाहन में बैठाकर न्यायालय ले जाया जा रहा था कि थाने से 10 कदम चलते ही टाटा सुमो हटरी चौक पहुंचते ही उत्तर प्रदेश पुलिस की वाहन की तरह खराब हो गई। जिसके बाद दो आरोपियों करण अग्रवाल एवं मोहम्मद अफजल को वाहन से उतारकर कुछ दूर तक पैदल मार्च करवाया गया। हाथों में हथकड़ी लगाए आरोपियों की चैन पुलिस के हाथों में थी और दो थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ चल रहे थे। जबकि तीसरा आरोपी धर्मेंद्र शर्मा को अन्य वाहन से सीधे न्यायालय पहुंचा दिया गया। इस तरह के कार्य करने पर पुलिस एक बार पुनः चर्चा में आ गई है। आमजन चर्चा कर रहे हैं कि तीनों आरोपियों को एक ही वाहन में क्यों नहीं बैठाया गया था ? धर्मेंद्र शर्मा को सीधे न्यायालय क्यों भेजा गया ? क्या पुलिस की नजरों में करण अग्रवाल और अफजल ही मुख्य आरोपी हैं ?
पुलिस के द्वारा ढिमरापुर चौक से या कोतरा रोड थाने से जुलूस निकालकर शहर भ्रमण करवाया जाना चाहिए था…. पुलिस की पैदल मार्च की गई कार्रवाई से गदगद हुए लोगों ने कहा कि आरोपियों को पूरे शहर का भ्रमण करवाया जाना चाहिए था जिसके बाद न्यायालय में पेश किया जा रहा था. जिससे छोटे मोटे सटोरियों के मन में पुलिस के नाम की दहशत कायम की जा सकती थी। ज्ञात रहे कि कुछ वर्षों पहले रायगढ़ के तत्कालीन दिवंगत पुलिस अधीक्षक राहुल शर्मा के द्वारा रायगढ़ के नामचीन कबाड़ी का जुलूस निकाला गया था जिससे बकायदा हाथ ठेला में अवैध कबाड़ लोड करवा कर चक्रधर नगर से न्यायालय तक ले जाया गया था। उस कार्रवाई के बाद से पुलिस के द्वारा इस तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब वर्तमान पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा के आदेश पर क्रिकेट के सटोरियों का जुलूस निकाला गया। अगर इसी तरह का कार्य पुलिस पहले कर देती तो शायद शहर में सट्टे का कारोबार अमरबेल की तरह नहीं फैल पाता।
जानबूझकर पुलिस वाहन खराब कर दी गई… आरोपियों को न्यायालय ले जाने वाली वाहन थाने से 50 कदम दूर जाकर हटरी चौक पर चलती चलती बंद हो गई जिस वजह से पुलिस ने आरोपियों को हटरी चौक से जिला चिकित्सालय के केलो नदी द्वार तक ले जाया गया। पुलिस के इस कदम को लोगों ने सराहनीय बताते हुए कहा कि आरोपी को ले जाने वाले ही उत्तर प्रदेश पुलिस की वाहन जब पलट सकती है तो छत्तीसगढ़ के रायगढ़ पुलिस की वाहन खराब क्यों नहीं हो सकती।