रायगढ़—- जिला प्रशासन,निगम प्रशासन, वार्ड पार्षद की निष्क्रियता से हताश होकर वार्ड क्रमांक 29 की दो दर्जन से अधिक महिलाये रात्रि 8 बजे विधायक निवास पहुंची।उनके 10 किलोमीटर पैदल आने-जाने की मेहनत बेकार साबित हो गई। विधायक अपने निवास में नही थे तो उन्होंने विधायक कार्यालय में फोन नम्बर लिखवाकर संतोष करना पड़ गया।
सत्तीगूड़ी चौक पर महिलाओं का समूह देखकर जब उनसे इतनी भीड़ का कारण जानना चाहा तो उन्होंने कैमरे से मुखातिब हो कर कहा कि उन्हें सरकार द्वारा 2 माह का राशन न देकर केवल चावल दिया गया है। जिसे वे बगैर दाल, आलू, प्याज नमक के कैसे खाएंगी कौर कैसे परिवार वालो को खिलाएगी।उनके घरों में भोजन पकाने के लिए न तो लकड़ी है और न ही उज्ज्वला गैस है। जिला प्रशासन द्वारा वार्ड पार्षद के माध्यम से जो राशन बांटा जा रहा है वह गाइडलाइन के अनुसार आधा भी नही मिल पा रहा है। उज्जवला गैस के नाम पर जनधन योजना के खाते में डाले जाने वाली रकम 1000/-₹ आज पर्यंत नही आई है। जिसके लिए वे रोज बैंक के चक्कर काट रही है।
एक बात तो सही है कि यह कोरोना क्या आया। सरकारी नुमाइंदों की तो लाटरी निकल गई और कालाबाजारीयो की किस्मत चमक गई। मध्यम वर्गीय परिवार घुन की तरह पीस कर रह गया। जिनमे देने की आदत तो है मगर मांगने की आदत नही होती। समाज मे शहर में इज्जत बचाकर भी चलना जिनकी मजबूरी होती है।