वीडियो देखने के लिये लिंक को टच करें। वैश्विक माहमारी कोरोना के ऐतिहातन पूरे देश मे लाकडाउन कर संक्रमण को रोकने का प्रयास चल रहा है। रोज बन रहे नये नियमो में तहत एक यातायात सम्बंधी नियम आया कि स्कूटर,मोटरसाइकिल में 1 ही व्यक्ति तथा 4 पहिया वाहन में 2 सवारी ही मान्य होंगे। मास्क,हेलमेट की अनिवार्यता भी रहेगी।इस नियम को टूटते हुए देखना है तो रायगढ़ आ जाइये जहां आपको प्राइवेट तो कम मगर सरकारी वाहन,अधिकारी,कर्मचारी, एम्बूलेंस बहुतायत संख्या में नियम तोड़ते दिखे तो कोई आश्चर्य नही होना चाहिए। लोग लाकडाउन में अपनी उनको खाली,वीरान सड़को पर वाहन चलाते भी दिख सकते है तो एक्टिवा पर 3 सवारी युवतियां,बाईक पर तीन सवारी पुलिस के जवान कभी भी देखे जा सकते है। न मास्क,न हेलमेट पुलिस खड़ी चौराहों पर आंखे मूंद, देहाती,ग्रामीणों की चालानी कर अधिकारी गदगद हो जाते है मगर शहरी ड्राइवरो को देखकर नियम कानून ताक में रख दिये जाते है।
सबसे ज्यादा कोई इस लाकडाउन का नियम तोड़ रहा है तो वह है एम्बुलेंस, जिसे देखकर ही दिल मे सनसनी हो जाती है। ये एम्बुलेंस बगैर मरीज के सायरन बजाते जबरिया दौड़ते दिख जाती है। इस समय एम्बुलेंस तस्करी में लिप्त मिल जाये तो कोई आश्चर्य नही होना चाहिए क्योंकि शराब माफियाओं के लिए ये वाहन उपयोगी होने के साथ ही डॉक्टर भी घर के ही होते है। जिस तरह से एक मारुति ओमनी में 1 मरीज के साथ ड्राइवर सहित 8 लोग इसलिये बैठ जाते है कि मरीज की सोनोग्राफी मात्र करवानी थी। जबकि अधिकतम 3 लोग भी एम्बुलेंस में जाकर सोनोग्राफी करवा सकते थे। इसको अस्पताल प्रबन्ध की लापरवाही कही जाएगी तो चौक -चौराहों पर ड्यूटीरत पुलिस कर्मियों को भी क्लीन चिट नही दी जा सकती।जिला प्रशासन यदि चाहे तो अस्पताल प्रबंधन पर कानूनी कार्यवाही,188 कायम कर सकता है क्यूंकि इसके लिए गवाह की जरूरत नही है। *टूटी कलम* के द्वारा बनाया गया वीडियो एवं ड्राईवर का कथन ही पर्याप्त है।यदि प्रशासन कार्यवाही कर दे तो भविष्य में इस तरह की करतूतों पर विराम लग सकता है।पुलिस अधिकारियों को चाहिए कि वे अपने मातहतो को एम्बुलेंसो पर फोकस करने के लिए निर्देशित कर चालानी,जप्ती के आदेश से भी सफलता अर्जित की जा सकती है।