💣 टिल्लू शर्मा ✍️ टूटी कलम रायगढ़ छत्तीसगढ़ केंद्र सरकार के इशारे पर छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी की वजह से पूरे छत्तीसगढ़ के विकास कार्य प्रभावित हुए हैं। जिससे रायगढ़ जिला भी अछूता नहीं रहा। अब चूंकि प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई संभवतः पूरी हो चुकी है। जिस वजह से रायगढ़ जिले के अधूरे विकास कार्य को तेजी से गति मिलने की उम्मीद आम जनता लगाए बैठी है।
(1) शहर के बीचोबीच से संजय कांप्लेक्स सब्जी मंडी को अस्थाई रूप से इतवारी बाजार में शिफ्ट कर संजय कांपलेक्स मैं अत्याधुनिक सब्जी मंडी का निर्माण किया जाना है। संजय कांपलेक्स के बहुत बड़े भूखंड पर पार्किंग, बिजली, पानी,नाली सुलभ शौचालय, आदि की सुविधाओं सहित कई बड़ी-बड़ी मल्टी स्टोरी बिल्डिंग करोड़ों रुपए की लागत से बनाया जाना प्रस्तावित है। जिसके लिए राज्य सरकार ने नगर पालिका निगम रायगढ़ को 14 करोड़ रुपए की राशि का आबंटन कर दिया गया है। प्रथम चरण में संजय कांपलेक्स सब्जी मंडी को इतवारी बाजार मे ले जाना है। जिसके लिए निगम का बुलडोजर इतवारी बाजार में अवैध तरीके से नजूल भूमि पर बनाए गए बड़े-बड़े गोदामो एवं गैरजो पर चलाया जाना है। जिसके वजह से सेठ साहूकारों की तीमारदारी करने वाले भाजपा पार्षद की रातों की नींद उड़ गई है एवं वे संजय कांपलेक्स के शिफ्टिंग का विरोध प्रकट कर अपने नमक का कर्ज अदा करने लग चुके हैं। जबकि भाजपा संगठन ने उक्त मामले का विरोध नहीं करने की मानसिकता बना रखी है क्योंकि 10 माह के अंदर प्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने हैं और भाजपा संगठन नहीं चाहेगा कि सब्जी वासियों का विरोध सहना पड़े। सब्जी व्यवसाय से हजारों लोगों की आजीविका एवं परिवार चलता है। अब चूंकि कलेक्टर रानू साहू अपने कार्यालय में लौट चुकी है और विकास कार्यों की समीक्षा कर रही है। इसलिए बहुत जल्द ही इतवारी बाजार मे संजय कांपलेक्स शिफ्ट होने की उम्मीद शत प्रतिशत तय माना जा रहा है।
(2) मरीन ड्राइव के निर्माण कार्य में आएगी तेजी.. केलो नदी तट के दोनों तरफ मरीन ड्राइव बना हुआ है जोकि रायगढ़ की सुंदरता में चार चांद लगाता है परंतु वर्षों बीत जाने के बाद भी मरीन ड्राइव का कार्य कछुआ की चाल से भी धीमी गति से चल रहा है। मरीन ड्राइव बनाने के चक्कर में दोनों तरफ की मरीन ड्राइव को रायगढ़ शहर का कलंक बना दिया गया है। दोनों मरीन ड्राइव में चकाचक सड़कें,आकर्षक विद्युत व्यवस्था, लोगों के लिए नदी के किनारे सुकून के पल बिताने के लिए सीमेंटेड कुर्सियां, खाना खजाना,फास्ट फूड के ठेले,गुमटियां, फल फ्रूट के ठेले आदि व्यवस्थित तरीके से लग जाने पर लोग शाम के समय सपरिवार उक्त स्थल पर आना पसंद करने लगेंगे और छोटे-छोटे बच्चों को घुमाने के लिए निश्चित रूप से आने लगेंगे। कलेक्टर रानू साहू के द्वारा इस ओर अपनी चिर परिचित कार्यशैली अपनाने पर है मरीन ड्राइव का उद्धार किया जा सकता है।
अत्याधुनिक बस स्टैंड देखना लोगों को सपना सरीखा लगने लगा है… रायगढ़ शहर में उर्दूना से पहले कई एकड़ रिक्त शासकीय भूमि पर सर्व सुविधा युक्त अत्याधुनिक बस स्टैंड बनाने की योजना शहर के मास्टर प्लान में शामिल है जिसके लिए जगह का भी चयन किया जा चुका है परंतु सन 2020 से लेकर सन 2030 तक के मास्टर प्लान पर अब तक कोई भी प्लान शुरू नहीं किया जा सका है। जिसके लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेवार है। पूर्व कलेक्टर भीम सिंह ने शहर के विकास के लिए शायद ही कोई याद रखने लायक कार्य करवाया होगा। मास्टर प्लान की समय सीमा 3 वर्ष बीत चुकी है परंतु अब तक मास्टर प्लान सड़कों पर दिखलाई नहीं पड़ रहा है।
चक्रपथ की ऊंचाई कब बढ़ाई जा सकेगी.. जिला प्रशासन कार्यालय,जिला न्यायालय, एवं सभी सरकारी विभागो के कार्यालय,मेडिकल कॉलेज, जामगांव, अधिकारियों के निवास,कई रिहाईशी कॉलोनियों मैं आने जाने के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल चक्रपथ मार्ग का किया जाता है। शायद कलेक्टर राजू के कार्यकाल के समय चक्रपथ का निर्माण आवश्यकता को देखते हुए करवाया गया था। उस समय केलो डैम नहीं था। अब चूंकि केलो डैम अस्तित्व में आ चुका है और समय-समय पर अत्यधिक पानी भराव की स्थिति में डैम से पानी छोड़ने की वजह से बहुत नीचे बनाया गया चक्रपथ मार्ग गर्मी के दिनों में भी पानी छोड़ने की वजह से डूब जाया करता है जिस वजह से लोगों को काफी परेशानीयों से रूबरू होना पड़ता है। चक्रधर नगर चौक स्थित रेलवे क्रॉसिंग अधिकतर बंद रहा करता है।जिस वजह से आम जनता को घूम कर शहीद चौक से नया शनि मंदिर से भगत सिंह पुल होकर लंबा चक्कर काटकर अपनी मंजिल तक पहुंचा जाता है जिस वजह से वाहनों का पेट्रोल एवं समय का काफी नुकसान होता है। साथ ही यातायात जाम की स्थिति से भी गुजरना पड़ता है।
कब होगी रायगढ़ शहर की सड़कें चकाचक.. रायगढ़ शहर के 48 वार्डों की तमाम सड़कें दिनोंदिन बद से बदतर होकर गड्ढों के रूप में तब्दील होते जा रही है. जिस वजह से छोटी-छोटी दुर्घटना घटना लोगों के लिए लाचारी बन गया है। कौन किस मार्ग पर कटी फटी सड़कों के कारण चोटिल हो जाए यार डाल यह डर लोगों के मन में समाया रहता है। जिला कलेक्टर रानू साहू की दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण सड़कें चकाचक हो सकती है। सड़कों के निर्माण के बाद केबल वालो, ऑप्टिकल फाइबर वालो नल वालो, बोर वालों अमृत मिशन वालों को सड़कें खोदने पर भारी भरकम जुर्माना लगाना चाहिए एवं साथ ही तोड़ी गई सड़कों का निर्माण इन्हीं लोगों से करवाना चाहिए। यदि किसी के द्वारा प्रशासन की जगह अनुमति के सड़कें खोदी जाए तो उस पर पुलिस थाने में एफ आई आर भी दर्ज करवानी चाहिए। टूटी फूटी कटी फटी सड़कों की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती महिलाओं को होती है यदि समर से सड़के नहीं बनाई जाएगी तो फिर सड़कों पर ही प्रसव हो सकते हैं।







