
💣 टिल्लू शर्मा ✍️टूटी कलम रायगढ़ छत्तीसगढ़ वार्ड क्रमांक 27 में हुए उपचुनाव की मतगणना के बाद भाजपा प्रत्याशी सरिता राजेंद्र ठाकुर ने एकतरफा जीत हासिल कर टूटी कलम के द्वारा किए गए चुनावी विश्लेषण पर अपनी मुहर लगा दी। हमारे द्वारा टिकट वितरण से लेकर मतदान होने तक वार्ड क्रमांक 27 में होने वाले चुनाव पर अपनी निगाहें जमा रखी थी एवं हमने शुरू में ही लिख दिया था कि प्रत्याशी चयन के मामले में कांग्रेस जल्दबाजी कर गई। हमने यह भी लिखा था कि पूर्व पार्षद स्वर्गीय संजना शर्मा के आत्महत्या के कारणों का खुलासा ना होने की वजह से वार्ड के मतदाता एवं कांग्रेसी कार्यकर्ता कांग्रेसी नाराज चल रहे हैं और यह भी संभावना व्यक्त की थी कि कांग्रेस को भीतरीघात का सामना करना पड़ेगा हुआ । हमारे तीसरे नेत्र का अनुमान सटीक रहा कि कांग्रेस के तथाकथित नए नवेले कार्यकर्ताओं के द्वारा कांग्रेस के बूथ में बैठकर खुल्लम-खुल्ला घात कर दिया क्योंकि जिनके अंदर भाजपा समाई हो वे केवल ऊपरी तौर पर कांग्रेसी कहला सकते हैं परंतु उनके अंदर कमल खिला हुआ रहता है।

रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक की मेहनत पर पानी फिर गया प्रकाश नायक ने वार्ड क्रमांक 27 मैं कांग्रेस की जीत का परचम लहराने के लिए अकल्पनीय मेहनत और अथक प्रयास किए गए थे। कांग्रेस के द्वारा हाई पॉलिटिक्स कर कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने वाले संभावित लोगों को श्री जगन्नाथ पुरी की यात्रा पर भेज दिया था ताकि वे यदि वोट मांगने निकलेंगे तो कांग्रेस को नुकसान के अतिरिक्त और कुछ हासिल नहीं होगा।चुनाव के शुरुआती दौर में ऐसा लग रहा था कि वार्ड क्रमांक 27 में पुनः कांग्रेस का कब्जा हो जाएगा क्योंकि वार्ड क्रमांक 27 कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। मगर चुनाव के 1 दिन पहले रात को कांग्रेस के बड़े पदाधिकारियों के द्वारा नगर पुलिस अधीक्षक अभिनव उपाध्याय से हुज्जत बाजी एवं बदतमीजी की गई। जिसका वीडियो रातों-रात वार्ड क्रमांक 27 के सभी मतदाताओं के मोबाइल फोन पर फॉरवर्ड कर दिया गया। सुबह होते होते पूरी बाजी पलट गई और कांग्रेस के पोलिंग बूथ खाली पड़े नजर आए मतदान केंद्र के गेट के बाहर कांग्रेसी प्रत्याशी रानी सोनी, अशोक सोनी,संजुक्ता सिंह, नगर निगम की महापौर के अतिरिक्त अन्य कोई कांग्रेसी खड़े हुए नहीं दिखलाई दिया जबकि भाजपा प्रत्याशी के साथ अन्य तीन उम्मीदवार भी जा खड़े हुए थे।जिस वजह से उनके वोट भी कांग्रेस के वोटो में तब्दील हो गए। दर्जनों भाजपा कार्यकर्ता अपने प्रत्याशी के साथ अंत तक डटे हुए थे।

भरत दुबे के सक्रिय होने से चुनाव में पेंच फंसा एवं निर्दलीय प्रत्याशी बिगाड़ सकते हैं चुनावी समीकरण की हवा निकली जमानत हुई जप्त सोशल मीडिया पर इस तरह के समाचार भी वायरल किए गए कि भरत दुबे ने निर्दलीय प्रत्याशी को समर्थन देकर चुनावी समीकरण बिगाड़ दिया है और भरत दुबे किंग मेकर बनने जा रहे हैं। भरत दुबे के द्वारा समर्थन प्राप्त निर्दलीय प्रत्याशी को 200 मात्र इस वजह से मिल गए की मतदाताओं ने निर्दलीय प्रत्याशी को आम आदमी पार्टी (आप) का प्रत्याशी समझ लिया था। उगता सूरज वाले प्रत्याशी 3 अंक की भी संख्या पार नहीं कर पाते। इसी तरह जो भी जनता कांग्रेस की प्रत्याशी के द्वारा हजारों लोगों के पैर छूने के बाद भी महज 13 वोट ही प्राप्त हो सके एवं उससे ज्यादा 57 वोट हाथी छाप को प्राप्त हुए।

आशीष ताम्रकार की घर वापसी तय समझी जा रही है। भाजपा से निष्कासित कट्टर हिंदूवादी नेता एवं कट्टभाजपा समर्थक आशीष ताम्रकार के द्वारा 15 दिनों के भीतर भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में इतनी अधिक मेहनत कर डाली की कांग्रेस को छोड़कर अन्य प्रत्याशियों की जमानत तक जप्त हो गई। आशीष ताम्रकार ने टूटी कलम को बतलाया की वह भाजपा से ना अलग हुए थे और ना ही अपने आप को अलग मानते हैं। वे आजीवन भाजपा की निस्वार्थ सेवा करते रहेंगे। आशीष ने कहा कि जरूरी नहीं है कि पार्टी में रहकर या फिर पदाधिकारी बनकर ही पार्टी की सेवा की जा सकती है। सेवा करने का भाव दिल से उत्पन्न होता है ना कि पद मिलने से ही भाजपाई माना जाएगा।










