✒️ टिल्लू शर्मा टूटी कलम रायगढ़ छत्तीसगढ़ अपने शांत- शालीन, धीर – गंभीर स्वभाव के लिए जाने पहचाने जाने वाले निगम आयुक्त संदीप मिश्रा इन दिनों मीडिया की सुर्खियां बने हुए हैं। जिसका अहम कारण यह है कि मार्च क्लोजिंग को लेकर आयुक्त काफी सजगता से नियमितीकरण, टैक्स वसूली के प्रति कड़ाई का रूप अख्तियार कर लिए हैं। जो कुछ लोगो को रास नहीं आ रहा है। सन दो हजार अट्ठारह आईएएस बैच के अधिकारी संबित मिश्रा पूर्व में धरमजयगढ़ एसडीएम के रूप में है कार्य कर चुके हैं। वर्तमान में निगम आयुक्त के पद पर कार्यरत हैं। लगभग एक डेढ़ साल से आयुक्त पद पर कार्य के दौरान उन्हें निष्क्रिय,कमजोर प्रशासनिक अधिकारी समझा जाता रहा है। अब जबकि उनका ध्यान शहर के विकास की ओर हुआ है तो लोगों की बेचैनियां बढ़ गई है। जब से रायगढ़ कलेक्टर के रूप में तारण प्रकाश सिन्हा ने पदभार संभाला है तब से संबित मिश्रा में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है । जिसकी वजह संगत की रंगत मानी जाती है। मिश्रा के फार्म में लौटते ही उनके मातहत कर्मचारियों का हौसला एवं हिम्मत बढ़ गई है । जिस वजह से जगह जगह जनप्रतिनिधियों की डांट फटकार खाकर काम बंद करने वाले सब इंजीनियर सूरज देवांगन काफी उत्साहित होकर कार्य करने में जुट गए हैं।
पूर्व निगम आयुक्त आशुतोष पांडे के तबादला के पश्चात शहर के विकास कार्य ठप्प पड़ गए थे। उन कार्यों को वर्तमान निगम आयुक्त संबित मिश्रा अमलीजामा पहनाने में जुट गए हैं। मिश्रा के की सक्रियता से शहर में जगह-जगह अवैध अतिक्रमण करने वालों की रातों की नींद एवं दिन का सुकून उड़ गया है। लोगों के दिल में भय समा गया है की उनके अवैध अतिक्रमण पर कभी भी निगम का बुलडोजर चल सकता है। जब जब निगम के सब इंजीनियर सूरज देवांगन ने आयुक्त के आदेश पर शहर की सड़कों से अवैध अतिक्रमण, ठेले, गुमटियां आदि हटाने के कार्य की शुरुआत की गई। तब तब कांग्रेसी पार्षद एवं विधायक शहर के विकास के विरोध में खड़े हो गए । जिसे हंडी चौक, सतीगुड़ी – घड़ी चौक गौरव पथ गोगा मंदिर के पास के लोगों ने अपनी आंखों से देखा है।जिस वजह से विकास कार्य आगे नहीं बढ़ पाए।
निगमायुक्त संबित मिश्रा आईएएस अधिकारी हैं। यदि वे निगम आयुक्त ना होकर जिला दंडाधिकारी (कलेक्टर) के पद पर होते तो उनका विरोध करने वाले भी आज उनके पक्ष में खड़े रहते एवम उनके कार्यों की सराहना करते दिखते। यदि अटल विहार (कोतरा रोड) कॉलोनी निवासी पानी का टैक्स नहीं पटाएंगे तो निगम बिजली बिल का भुगतान ,कर्मचारियों की तनख्वाह, मेंटेनेंस, रखरखाव, विकास के कार्य कैसे कर पाएगा। नगर पालिका एवं नगर निगम राज्य सरकार का एक ऐसा उपक्रम है जो हमेशा विवादों मे ही घिरा रहता है। नोटिस के बाद नोटिस देने के बावजूद कॉलोनी वासियों ने पानी का टैक्स पटाने के प्रति अपनी रुचि नहीं दिखाई जिस वजह से निगम को मजबूरन अपनी रुचि जाहिर करनी पड़ गई। इसी तरह से है नोटिस पर नोटिस देने के बावजूद लोगों ने नियमितीकरण करवाना उचित नहीं समझा। मजबूरन निगम प्रशासन को लोगों के व्यवसायिक प्रतिष्ठान सील बंद करने पड़ गए। जिसके बाद लोगों ने राजनीति करना शुरू कर दिया एवं चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष एवं निगम सभापति के द्वारा आयुक्त से निवेदन कर सील बंद हुई दुकानों की सील खोलने का आग्रह किया परंतु आयुक्त मिश्रा अपने आदेश से टस से मस नहीं हुए जिसके बाद कलेक्टर के द्वारा हस्तक्षेप करने पर दुकानों की सील खोल दी गई। जिससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि निगम सभापति एवं आयुक्त के बीच आपसी सामंजस्य का अभाव है या फिर कांग्रेसी सभापति से आयुक्त ने जबरन का विवाद मोल लिया गया है ताकि उनकी शिकायत मुख्यमंत्री की जा सके एवं उनका तबादला करवाया जा सके। लगता है विवादों की जड़ नगर निगम से आयुक्त छुटकारा पाना चाह रहे है। निगम आयुक्त ने होलिका दहन के लिए नया आदेश जारी करते हुए होलिका दहन करने वाली समितियों से भी जानबूझकर पंगा लिया गया लगता है। आयुक्त के फरमान के बाद होलिका दहन करने वाली समितियां स्थानीय विधायक प्रकाश नायक की शरण में जाकर आयुक्त के आदेश से उन्हें वाकिफ करवा दिया गया। जिसके बाद विधायक प्रकाश नायक ने बयान दिया कि जहां होलिका दहन होते आ रही है। वहीं पर ही होलिका दहन की जाएगी एवं दहन स्थान पर वे स्वयं मौजूद रहेंगे देखता हूं कि कौन कैसे होलिका दहन करने से रोक सकता है। इससे यह जाहिर हो रहा है कि निगम आयुक्त संबित मिश्रा इतने माह शांत रहने के पश्चात अपने कार्यों के प्रति सजग हो चुके हैं जिस वजह से उनकी सजगता जनप्रतिनिधियों को खटकने लगी है। इस कारण मिश्रा का तबादला निकट भविष्य में होना लगभग लगभग तय माना जा रहा है क्योंकि वैसे भी निकट भविष्य में होने वाले प्रदेश स्तरीय विधानसभा के चुनाव के मद्देनजर अधिकारियों का तबादला किया जाना सुनिश्चित है। शायद इसी वजह से मिश्रा जनप्रतिनिधियों की बातों को अनसुनी कर रहे है ताकि उनकी शिकायतें जनप्रतिनिधि सरकार स्तर तक कर सके जिस वजह से उनको निगम के कीचड़ से मुक्ति मिल सके।
रायगढ़ निगम के कर्मचारी प्रतिदिन सुबह से ही विद्युत खंभो एवं सरकारी भवनों पर लगाये गए एवं लगाए जा रहे हैं बोर्ड, फ्लेक्स, आदि को निकालकर जप्त कर रहे हैं ताकि शहर की सुंदरता बनी रह सके। इस वजह से भी निगम आयुक्त जनप्रतिनिधियों के निशाने पर आ गए हैं। संबित मिश्रा भविष्य में कार्यपालन अधिकारी अथवा अपर कलेक्टर बनाकर कहीं पदस्थ किए जा सकते हैं।