🌀टिल्लू शर्मा टूटी ✒️कलम रायगढ़ … गणेश चतुर्थी के बाद अनंत चतुर्दशी को गणपति बप्पा की विदाई कर दी जाती है और अगले बरस जल्दी आने का आह्वान किया जाता है किंतु रायगढ़ में विराजित कोतरा रोड बावली कुआं के गणेश जी की प्रतिमा को पूर्णिमा की रात में पितृ पक्ष प्रतिप्रदा लगने के समय डीजे की धुन पर मदमस्त होकर, थिरकते,नाचते, गाते, गुलाल, उड़ाते, आतिशबाजी करते विसर्जन के लिए ले जाना शायद गणेश जी को पसंद नहीं आया और 4 साल से चली आ रही पुरानी रंजिश मार पिटाई किडनैपिंग के रूप में सामने आ गई.
इस संबंध में सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जब बावली कुआं के गणपति जी को विसर्जन के लिए ले जाया जा रहा था तो उसमें मोटरसाइकिल से शामिल होने जा रहे. दो युवकों को सतीगुडी चौक पर 8 — 10 युवकों के द्वारा रोक कर एक युवक की जबरदस्त तरीके से पिटाई कर दी गई और उसे मोटर साइकिल में बिठाकर ले गए. बाद में आहत युवक को उसके साथियों के द्वारा जिला चिकित्सालय में लाकर भर्ती करवाया गया। इस बीच गणेश विसर्जन का जुलूस सिल्वर पैलेस गोपी टॉकीज रोड के सामने पहुंच चुका था। जहां अपने साथी के साथ मारपीट होने के समाचार पाकर जुलूस में शामिल सारे युवक आक्रोशित होकर जिला चिकित्सालय के सामने सड़क पर मार्ग अवरूद्ध कर पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद, रायगढ़ पुलिस हाय हाय, रायगढ़ पुलिस मा****** है. आदि के नारे लगाते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए एवं आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी के लिए दबाव बनाने लगे. चक्का जाम, धरना, प्रदर्शन की खबर पाकर कोतवाली थाना प्रभारी सनिप रात्रे तत्काल मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियो को समझाइस देने की कोशिश करने लगे. अगर सैकड़ो की संख्या में उपस्थित युवकों के द्वारा थाना प्रभारी की बातों का कोई असर नहीं हुआ और वे अत्यधिक जोश के साथ पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दिए एवम पुलिस पर हावी हो गए. बात बनती ना देख थाना प्रभारी के द्वारा जूटमिल थाना प्रभारी रामकिंकर यादव, चक्रधर नगर थाना प्रभारी प्रशांत राव अहेर कोतवाली से पुलिस बल बुलवा लिया गया. जिनके द्वारा युवकों को समझाया बुझाया जा रहा था तभी मौके पर उपस्थित जूटमिल प्रभारी के ड्राइवर के साथ आक्रोशित युवकों ने हाथापाई कर दी। जिसके बाद चक्रधर नगर थाना प्रभारी प्रशांत राव अहेर, आरक्षक कोमल तिवारी,सतीश पाठक,आदि ने अपने बंधे हाथ खोलते हुए मारपीट कर रहे 3—4 युवकों को सबक सिखाया गया. तब जाकर माहौल कुछ शांत हो गया. तभी अचानक से किसी के द्वारा कीटनाशक शायद फिनेल की बोतल लाई गई.जिसे 3 युवकों ने एक एक घूंट पीकर खलबली मचा दी. उपस्थित युवकों के द्वारा फीमेल की बोतल छीनकर फेंकी गई और सेवनकर्ताओं को तुरंत अस्पताल में भर्ती करवाया गया.



वीआईपी ड्यूटी की वजह से पुलिस बल की कमी देखी गई.. छत्तीसगढ़ रायपुर एवं बिलासपुर में आए विशिष्ट व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए पूरे प्रदेश भर से पुलिस बल को वहां बुला लिया गया जिस वजह से जिला मुख्यालय में पुलिस बल की उपस्थिति नहीं के बराबर रही जिस वजह से आक्रोश युवक उंगलियों पर गिने जाने वाले पुलिस बल पर हावी हो गए थे. रायगढ़ जिला पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजय महादेवा, नगर पुलिस अधीक्षक अभिनव उपाध्याय, साइबर सेल प्रयक्षण अधिकारी, धरमजयगढ़ पुलिस अनुविभागीय अधिकारी दीपक मिश्रा, साइबर सेल की टीम, रायगढ़ पुलिस के हट्टे कट्टे ,लंबे चौड़े, मजबूत पकड़ वाले आरक्षको को शहर में ना रहने की कमी कल स्पष्ट रूप से दिखलाई दी. यदि ये सब रायगढ़ जिला मुख्यालय मे उपस्थित रहते तो शायद इस तरह की वारदात ना हो पाती. एक निहत्थे थाना प्रभारी के साथ मात्र दो तीन निहत्थे आरक्षक सैकड़ो आक्रोशित युवकों को समझाने बुझाने में किसी भी रूप में सफल नहीं हो सकते हैं और तब जब सब युवक मदमस्त हो रखे हो.
डीजे वाला भाग निकला और गणेश जी अकेले ट्रैक्टर में 2 घंटे तक सिल्वर पैलेस के पास बैठे रहे.. गणेश जी की धूमधाम से निकल गई शोभायात्रा अपने साथी युवक के साथ हुई मारपीट की बात सुनकर रोक दी गई एवं पुलिस कार्रवाई से बचने की वजह से डीजे संचालक अपना डीजे और लाइट लेकर भाग खड़ा हुआ. जिस वजह से गणेश जी सिल्वर पैलेस के सामने लगभग 2 घंटे तक बगैर किसी तामझाम के अकेले बैठे रहे और चक्का जाम धरना प्रदर्शन नारेबाजी देखते,सुनते रहे. जिन्हें बाद में कुछ युवकों की उपस्थिति में विसर्जन के लिए ले जाया गया. जहां हाइड्रा के द्वारा गणेश जी की मूर्ति को उठाकर जल में विसर्जित किया गया.
राजनीतिक फायदा लेने के लिए मौके पर पहुंचे कुछ लोग.. शहर के सतीगुड़ी चौक में हुई मारपीट की घटना एवं जिला चिकित्सालय के सामने चक्का जाम की सूचना पाकर शहर के कुछ लोग राजनीतिक रोटी सेंकने का प्रयास करते देखे गए साथ ही वारदात से दूर-दूर तक संबंध न रखने वालों के नाम उछाल जाते रहे और अपने प्रतिद्वंदियों विपक्षियों का नाम मामले में घसीटे जाने की सलाह देते नजर आए. वारदात के समय घटनास्थल पर मौजूद नहीं रहे लोगो पर रिपोर्ट में नाम दर्ज करवाने की चाल चलते देखे गए. मगर घटना स्थल पर मौजूद नहीं रहे लोगों का नाम पुलिस किस आधार पर जोड़ सकती है यह सोचनीय विषय है.
विपक्ष के पाले में है गेंद.. कल हुई घटना को लेकर विपक्ष के द्वारा क्षेत्रीय विधायक एवं उनके समर्थकों को घेरने का अवसर मिल चुका है परंतु वे भी किस आधार पर किसी सबूत पर उनका घेर सकते हैं. सबूतो के अभाव में विपक्ष पर मानहानि, छवि धूमिल करने का प्रतिवाद दायर किया जा सकता है.