🌀टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम रायगढ़ .. छत्तीसगढ़ प्रदेश में आगामी होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर काउंट डाउन शुरू हो चुका है. लोग अपना अपना तुक्का छोड़ रहे हैं. प्रदेश में दोबारा सत्ता पर काबिज होने के लिए सत्ता पक्ष में बैठी कांग्रेस पार्टी के द्वारा 90 विधानसभा सीटों में से 75 से अधिक सीट जीतने का लक्ष्य बनाकर मंथन का दौर जारी है. इसमें निष्क्रिय,अलोकप्रिय हो चुके, भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे विधायकों की टिकट कटना शत प्रतिशत संभव है एवं यह पार्टी के हित में भी हितकारी है कि उनकी अपेक्षा नए, ऊर्जावान,तेज तर्रार युवा,लोकप्रिय,बेदाग छवि के जिताऊ चेहरे को प्रत्याशी बनाकर रण क्षेत्र में उतार कर उनको मौका दिया जा सके. इसलिए रोजाना राजनीति समीकरण बदल रहे हैं. दोनों ही पार्टियों में प्रत्याशियों को लेकर गहरी छानबीन की जा रही है. भाजपा की मुश्किलें इसलिए कम नहीं हो रही है कि क्योंकि 15 साल तक सत्ता सुख भोग चुकी पार्टी के द्वारा सत्ता में वापस आने के लिए काफी माथापच्ची करनी पड़ रही है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह,भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा सहित भाजपा के 220 शीर्ष नेताओं के द्वारा छत्तीसगढ़ से कांग्रेस की सरकार हटाने के लिए दौरा,आम सभा, पार्टी की बैठके ली जाने लगी है. भाजपा की मुश्किलें इसलिए ज्यादा बढ़ गई है की आगामी होने वाले चुनाव में प्रत्याशी बनकर विधायक बनने का सपना छोटे से छोटा कार्यकर्ता भी अपनी मानसिकता बना लिये है. धन कुबेर कार्यकर्ताओं के द्वारा साम, दाम, दंड, भेद की नीति अपनाकर अपनी टिकट लाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है. चाहे वे पार्षद बनने के लायक भी नहीं होंगे. लेकिन पैड मीडिया का सहारा लेकर वेब पोर्टल न्यूज़ वालों को 500,1000 ₹ में खरीद कर अपने पक्ष में जबरदस्त तरीके से माहौल बनाने का प्रयास किया जा रहा है. ताकि उनके द्वारा रुपए देकर छपवाए गए समाचारों को रायपुर, दिल्ली के नेताओं तक पहुंचा जा सके और अपना नाम बड़े नेताओं के दिमाग में बैठाया जा सके. यदि भाजपा के द्वारा धन बल के जोर पर टिकट बांटी जाएगी तो भाजपा को 10 सीटो में भी जीत के लिए भी जूझना पड़ जाएगा.
बेदाग छवि के रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक के खिलाफ तथा कथित कांग्रेसी नेताओं के द्वारा ही विपरीत माहौल बनाया जा रहा है… रायगढ़ के युवा, जुझारू, लोकप्रिय,ऊर्जावान,कर्मयोगी, शांत, शालीन,गंभीर,विधायक प्रकाश शक्राजित नायक की टिकट कटवाने की खातिर कुछ तथाकथित स्वयं को कट्टर कांग्रेसी बतलाने वाले,जीवन में कभी पार्षद न बन पाने वाले लोग एड़ी चोटी का जोर लगा रखे है। जिसकी खातिर उनके द्वारा लगातार रायपुर एवं दिल्ली की दौड़ लगाई जा रही है एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं से अपने पूर्व संबंधों की दुहाई दी जा रही है. जिनके द्वारा प्रकाश नायक को खलनायक साबित करने में कोई कमी नहीं की जा रही है. स्वयं को रायगढ़ के विधायक के रूप में देखने की खातिर इन तथाकथितों के द्वाराअखबारों के समाचारों की कटिंग,इलेक्ट्रॉनिक मीडिया,वेब मीडिया की रिकॉर्डिंग समाचारों आदि दिखलाकर अपने टिकट पाने की जुगत लगाई जा रही है. जबकि रायगढ़ विधानसभा का बच्चा-बच्चा इस बात से वाकिफ है कि प्रकाश नायक एक बेदाग छवि के,ऊर्जावान,मिलनसार, कर्मयोगी,धीर गंभीर, शांत,शालीन,सहज उपलब्ध, सुख दुख में काम आने वाले विधायक है एवम इस बार चुनाव जीतने के बाद प्रकाश नायक को भूपेश मंत्रिमंडल में निश्चित रूप से स्थान दिया जाएगा.
विधायक प्रकाश नायक का काम बोलता है.. बैनर,पोस्टर,होर्डिंग,फ्लेक्स,वाल पेंटिंग के माध्यम से अपना परिचय बतलाने वाले या छाए रहने वाले गुणा भाग से दूर रहने वाले विधायक प्रकाश नायक के द्वारा अपने द्वारा जन हितार्थ,विकास के कार्यों सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी, नाली, पुल, पुलिया, के कार्यों को पूर्ण करवा कर कभी भी स्वयं की महिमा मंडित नहीं की जाती है. जिला पंचायत,नगर निगम रायगढ़ चुनाव, मध्यवती चुनाव, विपक्ष के द्वारा महापौर के विरुद्ध लाए गए अविश्वास प्रस्ताव आदि समय में प्रकाश नायक ने अपना जलवा दिखलाते हुए भाजपा को बैक फुट पर धकेला गया है. अपने स्वर्गीय पिता पूर्व मंत्री,विधायक डॉक्टर शक्राजित नायक के सानिध्य में राजनीति का दांव पेच सीख चुके. प्रकाश नायक को राजनीति का चाणक्य माना जाने लगा है.