🌀टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम रायगढ़ … आसान विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की द्वितीय सूची शायद भाजपा के द्वारा जारी कर दी गई है. जिसमें अधिकांश वही घिसे,पिटे,पुराने,चुनाव हार चुके लोगों को फिर से टिकट दी गई है. कहीं रायगढ़ विधानसभा से उम्मीदवारी के लिए हाथ पैर मार रहे उमेश,सुनील,पूनम, गोपिका,विलिस,रथ्थू,गुरुपाल,विवेक,विकास आदि चेहरों को भाजपा संगठन के द्वारा नकार दिया गया है. पिछले 4 वर्षों से सत्तारूढ़ कांग्रेस,भूपेश सरकार के खिलाफ धरना, प्रदर्शन, आंदोलन, में सक्रिय भूमिका निभाने,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह की सभा को सफल बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा चुके, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख माढविया आदि का डाबर नेताओं के आगमन पर आगे पीछे मंडराने वाले समर्थकों का जत्था, लग्जरी वाहनों की कतारें, ग्रामीणों को भीड़ के रूप में जुटाने के लिए अपनी ऊर्जा लगाने अपनी तिजोरी का थोड़ा सा मुंह खोलने वाले, ग्रामीण क्षेत्रों में दशकर्म,छठी,जन्म ,मृत्यु, नवधा रामायण, भजन, कीर्तन, पूजा, पाठ, रामनाम सप्ताह आदि में बगैर बुलाए पहुंचकर कुछ शगुन देकर अपने साथ चलने वाले फोटोग्राफर से फोटो खिंचवाकर इस तरह से वायरल किया जाता है मानो वे सर्वमान्य नेता है. जबकि होता इसके विपरीत है बाद में लोग उनके कार्यों को नौटंकी करार देते हुए खूब उपहास उड़ाया करते हैं. *शोले* में फिल्म मे पानी की टंकी पर चढ़कर कूदकर जान देने की नौटंकी करने वाले *वीरू* का मजाक उसके दोस्त*जय* के द्वारा उड़ाया जाता है. इसी तरह से स्वयं को समाजसेवी, रसूखदार, पहुंच वाला,धनाढ्य, रायगढ़ विधानसभा से सशक्त प्रत्याशी बतलाने वाले का मजाक इनके द्वारा खरीदे गए पैड मीडिया वालो, परंपरागत चमचो, के द्वारा पीठ के पीछे उड़ाया जाता है. इनके द्वारा धन बल के जोर पर समर्थकों की अपेक्षा आस्तीन के सांप पले जाते हैं. जो मुख में राम और बगल में छुरी लेकर तैयार रहते हैं. इनके दरबार में पैड मीडिया वाले गुड़,शक्कर,मिठ्ठे पर मक्खीयों की तरह और गंदगी में मच्छरों की तरह से मंडराते देखे जा सकते हैं. इनका कार्य ही होता है एक दरबार से दूसरे के दरबार में भटकना और पापी पेट का जुगाड़ करना. कीमत सामने वाले के द्वारा तय की जाती है कि वे कितनी कीमत पर उन्हें खरीद सकते हैं. इनके बिकने की कीमत एक पव्वा सादा से लेकर अधिकतम 1000 ₹ तक की होती है. खरीददार थोड़ा सा स्वल्पाहार करवा दे या फिर किसी ढाबे में भोजन के लिए फोन कर दे यह उसकी महानता होती है.
राजनीतिक गलियारों में चर्चा के अनुसार रायगढ़ विधानसभा सीट से खरसिया विधानसभा नंदेली के पड़ोसी गांव बायंग निवासी ओम प्रकाश चौधरी को रायगढ़ विधानसभा से भाजपा का प्रत्याशी बनाया जाना लगभग तय माना जा रहा है. जो लोग पैदाइशी रायगढ़ जिला मुख्यालय में रहकर भाजपा के कद्दावर नेता बनते हैं. उनके लिए यह काफी शर्मनाक बात है की पूरा जीवन भाजपा की सेवा में बिताने के पश्चात भी पार्टी उन्हें जननेता के रूप में नहीं मान रही है.
रायगढ़ विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी ओ पी चौधरी का नाम संभवतः तय होने के बाद कांग्रेस खेमे में खुशी का माहौल देखा जा रहा है. जिसकी वजह ओपी चौधरी का स्थानीय निवासी नहीं होना एवं भाजपा के कार्यकर्ताओं के द्वारा खुला घात करने की संभावना बलवती माना जा रहा है. भाजपा से टिकट मिलने की बाट जो रहे लोगों के द्वारा किसी भी तरह से ओपी चौधरी का समर्थन खुले रूप में नहीं किया जाएगा एवं अति उत्साहित लोगों की दिली ख्वाहिश रहेगी की किसी भी रूप में रायगढ़ जिले की चारों विधानसभाओं से भाजपा का कोई प्रत्याशी जीत का स्वाद न चख सके.
विजय अग्रवाल एक बार फिर से बिगाड़ सकते हैं भाजपा का समीकरण. हीरा भाजपा के प्रथम पंक्ति के नेता विजय अग्रवाल पिछले एक दशक से हो रही उपेक्षा का दंश झेल रहे हैं. विजय को टिकट न देकर भाजपा एक बार फिर से बहुत बड़ी गलती करने जा रही है. पिछले चुनाव में टिकट का मिलने से क्षुब्ध विजय ने बगावती रूप अख्तियार करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़कर भाजपा के लगभग 50,000 वोटो पर सेंध लगाते हुए। भाजपा प्रत्याशी स्वर्गीय रोशन लाल अग्रवाल को चुनाव नहीं जितने दिया था. वही गलती इस बार फिर भाजपा करने जा रही है क्योंकि वयोवृद्ध हो रहे विजय अग्रवाल का शायद भाजपा से प्रत्याशी बनने का यह अंतिम अवसर होगा क्योंकि उम्र दराज होने की वजह से अगले चुनाव में भाजपा के द्वारा उनका नाम आगे नहीं बढ़ाया जा सकेगा. इसलिए हो सकता है कि विजय के द्वारा एक बार फिर से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़कर किस्मत आजमाई जा सकती है. विजय के अंदर इतनी चमत्कारी के शक्ति है कि वे निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में भले ही चुनाव न जीत सके किंतु भाजपा प्रत्याशी को हरा अवश्यअ सकते हैं.









