टूटी कलम रायगढ़ जिले का बहुचर्चित, विश्वसनीय, पाठको की पहली पसंद नंबर वन के पायदान पर न्यूज वेब पोर्टल “टूटी कलम” अपनी लोकप्रियता की वजह से छत्तीसगढ़ स्तर पर जाना पहचाना जाने लगा है. संपादक निडर,निष्पक्ष,निर्भीक, बेबाक,बेखौफ, असलियत से नाता रखने वाला, लेखक, चिंतक, विचारक, विश्लेषक, व्यंग्यकार,स्तंभकार,कलमकार, माता सरस्वती का उपासक, लेखनी का धनी, कलम का मास्टरमाइंड चंद्रकांत (टिल्लू) शर्मा रायगढ़ छत्तीसगढ़ 83192 93002
🎤टिल्लू शर्मा ✒️ टूटी कलम रायगढ़ … अक्सर यह देखा जा रहा है कि धन पिपासु, मुद्राराक्षसो,के द्वारा होटल एवं लाज बनाकर प्रति घंटे किराए के हिसाब फ्रेंडली रूम उपलब्ध करवाकर नए ग्राहक के आगमन से पूर्व बेड की चादर, तकिया खोली, टॉवल, बदल दिए जाते हैं. ऐसा कार्य शहर की बहुत सी लाजो में चल रहा है. जहां युवतियां कोचिंग, कंप्यूटर, ट्यूशन, स्कूल, कॉलेज, टाकीज, मॉल,बाजार,जाने, के नाम पर अपने परिजनों की आंखों में धूल झोंक कर होटल के कमरे में पहुंच जाया करती है. इन होटल में प्रेमी मिलन आसानी से हो जाया करता है क्योंकि ऐसी लाजो में परिचय पत्र देने की आवश्यकता नहीं पड़ती है और ना ही रजिस्टर कंप्यूटर में नाम दर्ज करवाना पड़ता है. 24 घंटे गलत कार्यों में सेवा देने को तत्पर इन होटलो में पुलिस की जांच पड़ताल ना होने की वजह से प्रेमी जोड़े प्रेमालाप कर लेते हैं और होटल मालिकों की कमाई इतनी ज्यादा हो जा रही है कि इनको और होटल बनाने की आवश्यकता महसूस होने लगी है. मोहल्ले वासी आपसी संबंधों को निभाने के कारण किसी भी तरह की शिकायत नहीं करते हैं. जबकि होटल मालिकों के द्वारा मोहल्ले वासियों को कोई तवज्जो, इज्जत,आदर, सत्कार, नहीं किया जाता है. ऐसी होटलों के अगल-बगल, आमने-सामने,बड़े-बड़े नेता एवं रसूखदार लोग निवास करते हैं. इसके बावजूद होटल मालिक को उनके रसूक, इज्जत, से कोई सरकार नहीं रहता है और वह दिन रात अनैतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में ही लगा रहता है और वह चाहता है कि उसके होटल के सारे कमरे प्रति घंटा के लिए बुक हो और खाली होते जाएं, ताकि दूसरों को मौका मिल सके और उसकी जेब भर सके. रायगढ़ एवं आसपास की अनेक कॉल गर्ल के पास इन होटल के मोबाइल नंबर रहते हैं. जिसके द्वारा कमरा बुक कर दिया जाता है और ग्राहक को आमंत्रित किया जाता है. रेगुलर कॉल गर्ल से होटल मालिक प्रति घंटे का 500 ₹ लिया करता है. नए ग्राहकों से वही 1000 ₹ वसूला जाता है. होटल मालिक पुलिस की रेड ना होने का आश्वासन ग्राहकों को दिया करता है. वह किस आधार पर आश्वासन देता है यह अत्यंत सोचनीय विषय है.
शहर की नाम की बड़ी होटलो में पुलिस की छापेमारी न होने की वजह से इन होटलो के कमरों में 52 परियों की महफिल सजी रहती है और लाखों के दांव बेगम, बादशाह ,गुल्ला काटते रहते हैं. इन होटल के कमरों में खरसिया,सक्ति,बाराद्वार,चंद्रपुर, जामगांव कोतरलिया आदि जगहों के नामी गिरामी जुआरी पहुंचते है और रातभर काटपत्ती नामक जुआ खेला करते है. पुलिस की क्या मजाल जो इन होटल की तरफ आंख उठाकर भी देख सके. इसी तरह वन डे क्रिकेट सीरीज चालू होने पर होटल के कमरों में प्रति बॉल ,प्रति रन,प्रति विकेट प्रति खिलाड़ी पर घरों का दांव अर्थात एक घर का मतलब 10000 ₹ खेले जाते है.लंबी रकम हारने वाले मयंक, कैलाश,दुर्गा आदि सरीखे कदम उठाकर मौत को गले लगा लिया करते हैं.
पुलिस को चाहिए कि सभी लाजो,होटलों से दैनिक बुकिंग की जानकारी मंगवाकर जानकारी लेना चाहिए और कभी कभार सत्यापन के लिए छापेमारी करना चाहिए. ताकि अनैतिक कार्यों पर लगाम लग सके.








