



🎤 टिल्लू शर्मा ✒️ टूटी कलम रायगढ़ प्रदेश में भाजपा की नई सरकार बनने के साथ ही अब किरोड़ीमल नगर पंचायत में भी भाजपा की नई नगर सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया। कांग्रेस की नगर पंचायत सरकार के खिलाफ भाजपा ने जो अविश्वास प्रस्ताव लाया था वह आज पूर्ण बहुमत के साथ पारित हो गया। इस तरह किरोड़ीमलनगर नगर पंचायत में कांग्रेस की नगर पंचायत सरकार गिर गई। अविश्वास प्रस्ताव के लिए बुलाए गए सम्मेलन में अध्यक्ष हरि किशोर चंद्रा और उपाध्यक्ष मनीष शर्मा को जहां सिर्फ 5 वोट मिले। वहीं अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 10 वोट पड़े। और भाजपा द्वारा नगर पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के विरुद्ध लाया गया प्रस्ताव पूर्ण बहुमत के साथ पारित हो गया। और भाजपा के नेतृत्व में किरोड़ीमल नगर पंचायत में नये अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के निर्वाचन का रास्ता साफ हो गया है। अब भाजपा नये अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के निर्वाचन के लिए दावा पेश करेगी
इस उलट फेर के पीछे ओपी चौधरी का दिमाग.. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सन 2018 में खरसिया विधानसभा से चुनाव हारे ओपी चौधरी के दिल में कहीं ना कहीं बदले की भावना धधक रही थी. सत्ता परिवर्तन होते ही ओपी चौधरी ने ऐसा पाशा फेंका जिसकी उम्मीद किसी को नहीं थी. ओपी चौधरी रायगढ़ से विधायक चुने जाने के बाद प्रदेश के दो नंबर पर पावरफुल वित्त,योजना,आवास,सांख्यिकी कैबिनेट मंत्री बन गए और उन्होंने अपनी पूर्व हार का बदला किरोड़ीमल नगर पंचायत में काबिज कांग्रेसी राज के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव रखवाया गया. आश्चर्य की बात यह है कि किरोड़ीमल नगर पंचायत में कांग्रेस के 10 एवं भाजपा के पांच पार्षद थे. अविश्वास प्रस्ताव के बाद पाशा पूरा उल्टा पड़ गया. अब किरोड़ीमल नगर पंचायत में भाजपा के 10 और कांग्रेस के पांच पार्षद हो गए हैं. आगामी दिनों में नगर पंचायत अध्यक्ष उपाध्यक्ष के पद पर ओ पी के पसंद वाले चेहरे कार्य भार संभालेंगे. किरोड़ीमल नगर पंचायत में उलट फेर का सीधा असर खरसिया विधायक उमेश पटेल की छवि को प्रभावित करेगा. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जो लोग उमेश पटेल के दरबार में हाजिरी दिया करते थे, मत्था टेका करते थे. वे सब ओ पी खेमे में चले गए हैं. उसमें कांग्रेस के पदाधिकारी, पार्षद, पत्रकार शामिल है. उमेश पटेल का पहला किला ढहा देना ओपी चौधरी की कुशल रणनीति का एक ट्रेलर मात्र है. जिससे आने वाले समय में उमेश पटेल को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है. कांग्रेस का अभेद किला खरसिया ओ पी चौधरी के पावरफुल बन जाने के बाद खतरे के निशान से ऊपर आ गया है. अब देखना यह है कि ओपी चौधरी खरसिया विधानसभा में कौन सा दूसरा मास्टर स्ट्रोक लगाने वाले हैं.







