रायगढ़ जिले का बहुचर्चित, विश्वसनीय,लोकप्रिय,दमदार,पाठको की पसंद, छत्तीसगढ़ स्तर पर जाना पहचाना न्यूज वेब पोर्टल,**टूटी कलम** निडर,निष्पक्ष, निर्भीक, बेबाक,बेखौफ, पत्रकारिता करना मेरा शौक है,जुनून है,आदत है,दिनचर्या है, मजबूरी है,कमजोरी है, 👉..ना कि आय का साधन है,व्यवसाय है,पेट भरने का जुगाड़ है,और ना ही ..👉 डराने,धमकाने, ब्लैकमेलिंग,उगाही,वसुली,भयादोहन, विज्ञापन,लेने का लाइसेंस मिला हुआ है. संपादक माता सरस्वती का उपासक, कलम का मास्टरमाइंड,बेदाग छवि की पहचान, सच को उजागर करने वाला,लेखक विश्लेषक,चिंतक,विचारक,व्यंगकार, स्तंभकार, हर जगह दिखावे के लिए माइक आईडी लेकर नहीं घूमने वाला @यारों का यार दुश्मनो का दुश्मन@ *चंद्रकांत (टिल्लू) शर्मा 8319293002

🏹टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम 🎤न्यूज रायगढ़… हमारे द्वारा लिखे गए समाचार पर संवेदनशील पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल ने तत्वरित संज्ञान लेते हुए. जिले के सभी थानों में तीन सवारी मोडिफाइड साइलेंसर ब्लैक फिल्म पर कार्रवाई एवं वाहनों की जांच करने के आदेश जारी किए. पुलिस अधीक्षक के आदेश के बाद कार्रवाई तेज कर दी गई. रायगढ़ शहर के लक्ष्मीपुर चौक पर यातायात डीएसपी रमेश चंद्रा ने कम बल होने के बावजूद सघन अभियान चलाते हुए तीन सवारी मोडिफाइड साइलेंसर एवं ब्लैक फिल्म पर कार्रवाई की गई. विशेष कर बुलेट मोटरसाइकिल चालकों को पकड़ने के लिए सक्रियता दिखाई गई. मगर कई मोटरसाइकिल चालक,तीन सवारी वाले, अपनी जान एवं एक्सीडेंट की परवाह करे बगैर जुर्माना के चंद रुपए पटाने की अपेक्षा बहुत ही तेज गति से पुलिस की कार्रवाई से बचकर भागते देखे गए. अगर ऐसे में कोई दुर्घटना हो जाती है तो उसकी जिम्मेवार रायगढ़ पुलिस और यातायात विभाग नहीं होगा. रोके गए वाहनों से जब जुर्माना की राशि अदा करने के लिए कहा गया तब लोगों ने अपने स्टार पर नेताओं को फोन लगाना शुरू कर दिया परंतु डीएसपी ने किसी से भी फोन पर बात नहीं करने की बात कही गई. उनका एक ही कहना था कि जुर्माना पटाओ क्या गाड़ी को यातायात थाने में खड़ी कर दो और जुर्माना पटाकर अपने वाहन ले जाओ किंतु किसी की भी सिफारिश काम नहीं आएगी.
भूपदेवपुर में थाना प्रभारी रामकिंकर यादव ने की कार्रवाई….इसी तरह वाहन चेकिंग अभियान में भूपदेवपुर थाना प्रभारी के द्वारा एक मारुति ओमनी (वैन) CG 13 UB 6764 को रोका गया. वैन की जांच करने पर उसके अंदर साड़ी जींस आदि रेडीमेड कपड़े पाए गए. वाहन चालक से जब बिल मांगा गया तो वह पेश नहीं कर पाया. पुलिस को लोकसभा चुनाव के दौरान कपड़े बांटने की आशंका हुई इसलिए वाहन को थाने में खड़ी करवा दिया गया और मामले की विवेचना आगे बढ़ा दी गई.







