

रायगढ़ जिले का बहुचर्चित, विश्वसनीय,लोकप्रिय,दमदार,पाठको की पसंद, छत्तीसगढ़ स्तर पर जाना पहचाना न्यूज वेब पोर्टल,**टूटी कलम** निडर,निष्पक्ष, निर्भीक, बेबाक,बेखौफ, पत्रकारिता करना मेरा शौक है,जुनून है,आदत है,दिनचर्या है, मजबूरी है,कमजोरी है, 👉..ना कि आय का साधन है,व्यवसाय है,पेट भरने का जुगाड़ है,और ना ही ..👉 डराने,धमकाने, ब्लैकमेलिंग,उगाही,वसुली,भयादोहन, विज्ञापन,लेने का लाइसेंस मिला हुआ है. संपादक माता सरस्वती का उपासक, कलम का मास्टरमाइंड,बेदाग छवि की पहचान, सच को उजागर करने वाला,लेखक विश्लेषक,चिंतक,विचारक,व्यंगकार, स्तंभकार, हर जगह दिखावे के लिए माइक आईडी लेकर नहीं घूमने वाला @यारों का यार दुश्मनो का दुश्मन@ *चंद्रकांत (टिल्लू) शर्मा 8319293002
🏹टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम 🎤न्यूज रायगढ़….. जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी के वायरस से निजात पाने के लिए जूझ रही थी. तब अवसर वादियों ने इसमें भी कमाई करने की खातिर कोई मौका नहीं खोया. आपदा में अवसर तलाश लिया गया. सूत्रों से मेरी जानकारी के अनुसार रायगढ़ की एक फर्म श्रेया कारपोरेशन के द्वारा कोरोना से ग्रसित मरीजो के लिए संजीवनी का कार्य करने वाले बाईपेप ,वेंटीलेटर आदि इंस्ट्रूमेंट की सप्लाई में अनियमितता को बढ़ावा देते हुए. अधिकारियों से सांठ गांठ कर सरकार को करोड़ों रुपए की हानि पहुंचाई गई थी. तब अकलतरा के तत्कालीन विधायक सौरभ सिंह के द्वारा विधानसभा में जोर-शोर से मामला उठाया गया था. तब सरकार ने जांच के आदेश देते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया और मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उक्त फर्म के द्वारा अभी 3 सालों से टेंडर प्रक्रिया में 60 गांठ करते हुए सरकार को आर्थिक क्षति पहुंचाई जा रही है. मेडिकल सामानों के क्रय संबंधित जानकारी आरटीआई के माध्यम से निकलवा कर गोरख धंधे का पूरा खुलासा किया जाएगा.
कांग्रेस सरकार का तख्ता पलट होने के बाद भाजपा सरकार सत्ता में बैठी है इसलिए अब फिर से उम्मीद जग गई है कि सौरभ सिंह के द्वारा उठाए गए भ्रष्टाचार के मामले पर छत्तीसगढ़ शासन के वित्त मंत्री जिन्होंने कहा है कि 1 ₹ का भी भ्रष्टाचार करने वालों को जूते की माला पहनाई जाएगी. अब देखना यह है कि ओपी चौधरी के द्वारा मामले की जांच करवाकर किन-किन लोगों को जूते की माला पहनाई जाएगी. पूरे छत्तीसगढ़ में है मेडिकल,फर्नीचर,खेल सामग्री आदि की खरीदी में जमकर भ्रष्टाचार किया गया है. स्वास्थ्य विभाग, समाज कल्याण विभाग, आदिवासी जनजाति विभाग की जांच करवाने पर कई अधिकारी कर्मचारी बर्खास्त निलंबित किए जा सकते हैं एवं कइयों पर आर्थिक अपराध दर्ज किया जा सकता है. क्रमशः,निरंतर,लगातार.