🏹टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम 🎤न्यूज रायगढ़ छत्तीसगढ़…. सन 2018 में जब ओ पी चौधरी पहली बार विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट से खरसिया विधानसभा से प्रदेश कांग्रेस के कद्दावर नेता, मंत्री, नंदेली के नंदन, स्वर्गीय नंद कुमार पटेल के पुत्र उमेश पटेल के विरुद्ध चुनाव मैदान में उतरे थे. जो कि ओ पी का पहली चुनावी अनुभव था. उस समय भाजपा के नेताओं, कार्यकर्ताओं, मतदाताओं के अतिरिक्त मीडिया वालों ने भी ओ पी का जमकर फायदा उठाया था. उस समय चपले में भजिया पार्टी के नाम पर किसी ने नगदी, तो किसी ने विंटर जैकेट, तो किसी ने चुनावी खर्च के नाम पर,अपनी इच्छा अनुसार ओ पी की जेबें ढीली की गई थी. उस समय चुनावी सभा के दौरान ओ पी चौधरी ने अति उत्साहित होकर कहा था कि यदि मैं चुनाव जीत जाऊंगा तो कहर बनकर टूट पड़ूंगा और केंद्र में भाजपा की सरकार रहने पर मैं पावरफुल व्यक्ति रहूंगा. मगर वह चुनाव ओपी चौधरी हार गए थे. मीडिया एवं विपक्ष ने ओ पी चौधरी के कथन को जमकर वायरल किया गया था. मीडिया ने यह भी दिखलाया था कि ओपी चौधरी के द्वारा मतदाताओं को सेविंग किट पार्टी जा रही है. चुनाव हारने के बाद ओ पी चौधरी ने इसे गंभीरता से मानते हुए और चैलेंज स्वीकार करते हुए अपना पूरा ध्यान रायगढ़ विधानसभा सीट पर केंद्रित कर दिया था. भाजपा के पदाधिकारी से लेकर कार्यकर्ताओं तक किसी को यह एहसास नहीं होने दिया कि वे रायगढ़ विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे. उम्मीदवारों की प्रस्तावित सूची की रेस में सुनील रामदास, उमेश अग्रवाल, विकास केडिया,गौतम अग्रवाल,आशीष ताम्रकार, आदि एक दर्जन लोगों के नाम चल रहे थे. राजनीति के चाणक्य ओ पी चौधरी में पहले सबको अपने पक्ष में लाया और अपने चुनाव नहीं लड़ने की बाते अंत तक करते रहे. सन 2023 के विधानसभा चुनाव में रायगढ़ से ओ पी चौधरी चुनाव लड़ेंगे. इसकी भविष्यवाणी सोशल मीडिया पर “टूटी कलम” ने की थी और वही हुआ जो हमने कहा था. चुनाव से कुछ दिन पहले ओपी चौधरी के नाम से रायगढ़ विधानसभा के लिए भाजपा टिकट दे देती है. ओपी चौधरी का नाम आने के बाद किसी ने भी हिम्मत नहीं जुटाई विरोध करने की चुनाव संपन्न होने के बाद भी किसी को यह यकीन नहीं हो रहा था कि ओ पी चौधरी ऐतिहासिक मतों से चुनाव जीत कर प्रदेश के खजांची (वित्त मंत्री) बन जाएंगे. लोग यही समझ रहे थे कि उन्हें खेती किसानी, पशुपालन, शिक्षा मंत्री, मछली पालन जैसे विभाग का दायित्व सौप दिया जाएगा.
ओ पी चौधरी वित्त मंत्री बनने के बाद सबसे पहले सरकारी अधिकारियों को चेतावनी दे दिए कि उनके कार्यकाल में किसी भी तरह की गड़बड़ी पाए जाने पर उन्हें टांग दिया जाएगा. इसी तरह उन्होंने कहा कि यदि कोई भी व्यक्ति उनके नाम से एक रुपए का भी भ्रष्टाचार करेगा तो उसे जूते की माला पहनाई जाएगी. समस्त शासकीय विभागों में गोपी का संदेश पहुंचा दिया गया है कि उनके नाम से किसी का भी कोई कार्य न किया जाए. ओ पी के कड़े तेवर देख कर भू माफियाओ,कोल माफियाओं, रेत माफियाओ,कबाड़ माफियाओं, खनिज माफियाओ,शराब माफियाओं आदि सभी माफियाओं के दिल में ओ पी के नाम की दहशत बन चुकी है. अवैध कारोबारीयों, रिश्वतखोर अधिकारियों,कर्मचारीयों, जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन में ओपी चौधरी के नाम का खौफ कायम हो चुका है. जो संभावना थी की लोकसभा चुनाव के बाद ओपी चौधरी अपने फुल फॉर्म में आ जाएंगे और उनके आसपास फटकने वालो का पत्ता साफ हो जाएगा. आई ए एस ब्रेन कभी नहीं चाहेंगे कि किसी भी तरह की बदनामी का दाग उन पर लग जाए. रायगढ़ विधानसभा सीट ओपी चौधरी के लिए आगामी दो चुनाव तक के लिए सुरक्षित हो चुकी है. रायगढ़ विधानसभा वासियों का सिर गर्व से कभी भी ऊंचा हो सकता है की प्रदेश का मुख्यमंत्री उनके विधानसभा क्षेत्र का है. ओपी चौधरी के द्वारा सन 2018,2023 में कहे गए कथन अब पूरे किए जा सकते हैं. ओ पी चौधरी को देश के गृह मंत्री अमित शाह का अत्यंत करीबी माना जाता है.