टूटी कलम रायगढ़ जिले का बहुचर्चित, विश्वसनीय, पाठको की पहली पसंद नंबर वन के पायदान पर न्यूज वेब पोर्टल “टूटी कलम” अपनी लोकप्रियता की वजह से छत्तीसगढ़ स्तर पर जाना पहचाना जाने लगा है. संपादक निडर,निष्पक्ष,निर्भीक, बेबाक,बेखौफ, असलियत से नाता रखने वाला, लेखक, चिंतक, विचारक, विश्लेषक, व्यंग्यकार,स्तंभकार,कलमकार, माता सरस्वती का उपासक, लेखनी का धनी, कलम का मास्टरमाइंड चंद्रकांत (टिल्लू) शर्मा रायगढ़ छत्तीसगढ़ 83192 93002…. जिला ब्यूरो चीफ राष्ट्रीय अखबार दैनिक जन जागरण संदेश
🏹टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम 🎤न्यूज रायगढ़ छत्तीसगढ़ बुधवार की सुबह बेलादुला के पाईप घाट के समीप कुछ लोग नदी किनारे बैठे थे। रहरहकर चीत्कार औऱ सभी की नम आंखे पूरे मोहल्लेवाले औऱ आने-जाने वालों को भी द्रवित कर रहे थे। ये सभी गुंजन के स्वजन हैं जिसका शव 3 दिन पहले यहीं पर मिला था। बुधवार को उसके स्वजनों ने अंतिम संस्कार की क्रिया पूर्णकर नदी तट पर आए थे, जहां मां आशा सिंह जो खुद कैंसर का इलाज करवा रहीं है अपनी बेटी का ख्याल नहीं रख पाने के लिए खुद को कोस रही थीं पिता नीरज कभी खुद को संभालते तो कभी पत्नी को। वो यह मानने को तैयार ही नहीं है कि उनकी बेटी की मौत हुई है वह हत्या की आशंका जता रहे हैं जिसके संदर्भ में वह चक्रधर नगर थाना प्रभारी से निवेदन कर चुके हैं।
परिजनों ने बताया कि गुंजन आखिर बेलादुला कैसे पहुंच गई, उसे अगर नहाना होता जूटमिल से लगे केलो नदी के कई तट और घाट है। गुंजन को नदी में नहाने का शौक भी नहीं था। वह सुबह उठती थी फूल तोड़कर वापस आ जाती। उन्होंने बताया कि गुंजन के घर समीप असमाजिक तत्वों का हमेशा डेरा लगा रहता है और जिस जगह गुंजन का शव मिला है वहां की भी हालत ऐसी ही है। परिजन गुंजन के साथ किसी अनिष्ट की शंका जता रहे हैं। जबकि पुलिस इस पूरे मामले को पानी में डूबने से हुई मौत मान रही है।
बेलादुला का मरीन ड्राईव असमाजिक तत्वों का गढ़
जिस जगह गुंजन का शव मिला है वह पूरे क्षेत्र में बदनाम रहा है। सूरज ढलने के बाद से उगने तक वहां आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों का जमघट लगा रहता है। गंजेड़ी,शराबियों के अलावे जुआ देर रात तक चलता है। 26 मई की सुबह गुंजन का शव मिला था उसके पहले देर रात इसी जगह काफी हंगामा हुआ था। असमाजिक तत्वों ने सुबह तक पूरा मोहल्ला सर पर उठा रखा था। कई घरों के बाहर दस्तक देने की आवाजें भी आई। मोहल्लावालों ने बताया कि पुलिस ने 5-6 लोगों को उसी दिन उठाकर ले गई थी जिसे चक्रधनर नगर पुलिस ने सिरे से नकार दिया।
घर से अकेले निकली थी गुंजन
चक्रधर नगर थाना प्रभारी निरीक्षक प्रशांत राव आहेर ने बताया कि गीता सिंह उर्फ गुंजन की मौत प्रथम दृष्ट्या पानी में डूबने से लगती है। पोस्ट मार्टम की रिपोर्ट आनी भी बाकी है। पुलिस जांच कर रही है। गुंजन के घर के आसपास सीसीटीवी फुटेज खंगाला जा रहा है। गुरुवार दोपहर तक यह स्पष्ट हुआ है कि गुंजन अपने घर से अकेले निकली थी और सीसीटीवी फुटेज के अनुसार वह रजा मेडिकल स्टोर तक अकेले दिखी थी। अभी और सीसीटीवी देखे जा रहे हैं। सभी एंगल पर पुलिस जांच कर रही है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गुंजन अपने घर से पैदल निकली थी और आगे जाकर वह किसी की मोटरसाइकिल में बैठकर घटना स्थल पर पहुंची थी. जहां रुकने पर तीन चार लड़के और आ गए और उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश किए गुंजन के विरोध करने पर उन्होंने उसको पानी में डूबा कर मार डाला. गुंजन की लाश जहां पर पाई गई. वहां पर पचरी नहीं है इसलिए वहां पर नहाने के लिए उतरना असंभव है. पानी में डूब कर करने पर लाश को फुल कर ऊपर आने में 12 घंटे से अधिक का समय लगता है. लेकिन गुंजन की लाश बगैर फूले ऊपर कैसे आ गई ? गुंजन की लाश को सर्वप्रथम किसने देखा था ? और उसने किसको सूचित किया था ? गुंजन के घर से घटना स्थल तक 25 सीसी टीवी कैमरे से ऊपर लगे हुए हैं जिन्हें बारीकी से जांच करने पर सच सामने आ सकता है. घटनास्थल के पास कई घरों के दरवाजे शायद गुंजन ने अपने बचाव के लिए खटखटाये होंगे परंतु धन्य है वे घर वाले भी जिन्होंने दरवाजा कौन खटखटाया है देखना उचित नहीं समझा और डर के मारे चद्दर ओढ़ कर सो गए. लोगों के अनुसार रात में वहां पर बहुत बवाल हुआ था. जिस पर पुलिस ने क्या कार्रवाई करी. यह जानना भी अति आवश्यक है. नदी में नहाने वाला इंसान पचरी, घाट, साफ सुथरी जगह देखकर नहाने उतरता है ना की झाड़ियां के बीच. बालिका के साथ जोर जबरदस्ती करने की धारणा इसलिए खत्म हो जाती है क्योंकि बालिका के कपड़े शरीर पर ही थे. अगर यह एक ब्लाइंड मर्डर केस है तो इसे सुलझाना पुलिस की पहली जिम्मेवारी होती है. पुलिस के द्वारा इसकी सूक्ष्मता से जांच कर दूध का दूध और पानी का पानी कर देना चाहिए ताकि उठते हुए प्रश्न का सही उत्तर मिल सके.