टूटी कलम रायगढ़ जिले का बहुचर्चित, विश्वसनीय, पाठको की पहली पसंद नंबर वन के पायदान पर न्यूज वेब पोर्टल “टूटी कलम” अपनी लोकप्रियता की वजह से छत्तीसगढ़ स्तर पर जाना पहचाना जाने लगा है. संपादक निडर,निष्पक्ष,निर्भीक, बेबाक,बेखौफ, असलियत से नाता रखने वाला, लेखक, चिंतक, विचारक, विश्लेषक, व्यंग्यकार,स्तंभकार,कलमकार, माता सरस्वती का उपासक, लेखनी का धनी, कलम का मास्टरमाइंड चंद्रकांत (टिल्लू) शर्मा रायगढ़ छत्तीसगढ़ 83192 93002…. जिला ब्यूरो चीफ राष्ट्रीय अखबार दैनिक जन जागरण संदेश
🏹टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम 🎤न्यूज रायगढ़ छत्तीसगढ़… कल रायगढ़ शहर में नामचीन पत्रकार सत्यजीत घोष (दादा) पर हुए प्राण घातक हमले के कई घंटे गुजरने के बाद पत्रकारों में एकता का संचार हुआ और मामले की निष्पक्षता से जांच एवं कड़ी कार्रवाई करने का निवेदन करने पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल के कार्यालय पहुंचकर अपनी बातें सामने रखी. पुलिस अधीक्षक ने बतलाया कि घटना स्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद दो युवकों को गिरफ्तार कर कर पूछताछ की जा रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तार युवकों के द्वारा बगैर हिकमत्तअली के अपना अपराध स्वीकार कर लिया है. तथाकथित आरोपियों ने पत्रकार सत्यजीत से पुरानी रंजिश होने की वजह से हमला किया जाना बताया. वहीं दूसरी तरफ घायल सत्यजीत घोष ने दोनों युवकों को पहचानने से साफ इनकार कर दिया और इसमें किसी रसूखदार पहुंच वाले धन कुबेर का हाथ होना बतलाया. अब पुलिस को यह पता लगाना होगा कि आखिर हमला करने के पीछे वास्तविक कारण क्या है ?
यहां यह बताना अति आवश्यक है कि सत्यजीत घोष का विवाद केबल संचालक के साथ चला आ रहा था. सोशल मीडिया फेसबुक पर दोनों पक्षों की तरफ से व्यंग एवं देख लेने की धमकी चमकी दी जा रही थी. दिनांक 01.06.2024 को केवल संचालक सुशील मित्तल के द्वारा थाना कोतवाली में सत्यजीत घोष के विरुद्ध धमकी चमकी देकर जबरन विज्ञापन लेने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. जिसमें पुलिस ने धारा 384 ,34 कायम की थी. यदि पुलिस धारा 384 के तहत कार्रवाई करती, तो उक्त हिंसक वारदात नहीं हो पाती, क्योंकि 384 गैर जमानती धारा है. जिसमें आरोपी की गिरफ्तारी होनी तय मानी जाती है. अगर समय रहते पुलिस अपना कार्य करती तो शायद दोनों पक्षों को सोचने समझने का समय मिल जाता और यह घटना नहीं घटती. यदि 384 में कोई आरोपी कमजोर रहता तो पुलिस उसे ढूंढ कर ले आती और करवाई कर देती. सोशल मीडिया से जुड़े सभी लोग बड़ी घटना को लेकर आशंकित थे,जो घट गई. पुलिस अभी भी सत्यजीत का बयान ना सुनते हुए अपनी कार्रवाई करने में लगी हुई है. जिस वजह से उक्त वारदात का परिणाम कभी भी खतरनाक रूप में सामने आ सकता है. भविष्य में पत्रकारों को स्वयं को असुरक्षित मान कर चलना होगा क्योंकि जिसकी लाठी होगी भैंस भी उसी की होगी.