नंबर वन की तरफ तेजी से बढ़ रहा *टूटी कलम समाचार* पत्रकारिता करना हमारा शौक है, जुनून है, आदत है, दिनचर्या है, कमजोरी है,लगन है,धुन है, पागलपन है ,पत्रकारिता करना हमारे पेट भरने का साधन नहीं है, और ना ही ब्लैकमेलिंग, धमकी,चमकी,देकर, विज्ञापन के नाम पर उगाही,वसूली करने का लाइसेंस मिला हुआ है, संपादक टिल्लू शर्मा लेखक, विश्लेषक, कवि,व्यंगकार,स्तंभकार, विचारक, माता सरस्वती का उपासक,परशुराम का वंशज,रावण भक्त,कबीर से प्रभावित,कलम का मास्टरमाइंड, सही और कड़वी सच्चाई लिखने में माहिर, जहां से लोगों की सोचना बंद कर देते है हम वहां से सोचना शुरू करते है, टिल्लू शर्मा के ✍️समाचार ज्यों नाविक के तीर,🏹 देखन म छोटे लागे, घाव करे गंभीर, लोगों की पहली पसंद टूटी कलम समाचार बन चुका है, सरकार एवं जिला प्रशासन का व्यवस्थाओं समस्याओं पर ध्यान आकर्षण करवाना हमारा पहला कर्तव्य है
🔱टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम 🎤 न्यूज रायगढ़ 🌍 छत्तीसगढ़ 🏹… प्रधानमंत्री का जन्मदिन 17 सितंबर को सेवा स्वच्छता पखवाड़ा के रूप में एक सप्ताह के लिए छठी होने तक नारंगी गैंग के द्वारा मनाया जा रहा है। जिसके मद्दे नजर 22 सितंबर को रायगढ़ जिला मुख्यालय प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन के द्वारा नमो मैराथन दौड़ का आयोजन किया गया था. जिसमें सिद्धक्त करने प्रदेश के वित्त मंत्री ओपी चौधरी भी रायपुर से रायगढ़ पहुंचे थे. मगर जब दौड़ में शामिल होने के लिए नागरिक नहीं पहुंचे तो पुलिस जवान, सिक्योरिटी गार्ड, स्कूल कॉलेज के छात्र-छात्राओं, नगर निगम एवं शासकीय कार्यालयो के कर्मचारियों को बुलाकर भीड़ जुटाई गई. तब भी सम्मानजनक उपस्थिति नहीं बन सकी.
यह भी मजेदार रहा.. मैराथन दौड़ में शामिल होने स्वयं को मंत्री का कसम खास बताने वाले दौड़ में शामिल होने वालों को बांटे जाने वाली, टी शर्ट, चाकलेट आदि हथियाकर पलटी मार दिए और बगैर दौड़ लगाये ही मंत्री के चाटुकारों की स्पेशल वाहन में जा बैठे।
भाजपा का कार्यकर्ताओं में रोष बढ़ते ही जा रहा है। मंत्री की कार्यशैली, चाटुकारों के चाटने का ढंग देखकर भाजपा के आम कार्यकर्ताओं ने मंत्री से दूरी बनानी शुरू करती है। भाजपा कार्यकर्ता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मंत्री माफियाओं से घिरे रहते हैं. रायगढ़ रायपुर एवं गांव के कार्यालय में कोयला,कबाड़, शराब, गांजा, जुआ अड्डा संचालित करने वाले,भू माफिया,रेत माफिया, उद्योगपति,कॉलोनाइजर ही देखे जा सकते है। निज सचिव अपने सचिव को फोन थमाकर कमीशन की दर सुनिश्चित करने में लगा रहता है.
परंपरा गत चमचे चाटुकार, कलेक्टर, एसपी, एसडीएम, शासकीय अधिकारियों से नजदीकियां बढ़ाते देखे जा सकते हैं ताकि उन्हें मंत्री का खास समझ कर अवैध कार्यों में सहमति मिल सके।
अगर मैराथन दौड़ का आयोजन करने वालों ने दौड़ने वालों की गिनती की होगी तो शायद आंकड़ा चार फिगर तक भी नहीं पहुंचेगा. इतनी कम उपस्थिति के लिए इतनी सारी व्यवस्था करना इतना वक्त,धन बर्बाद करना कहां तक उचित है।








