नंबर वन की तरफ तेजी से बढ़ रहा *टूटी कलम समाचार* पत्रकारिता करना हमारा शौक है, जुनून है, आदत है, दिनचर्या है, कमजोरी है,लगन है,धुन है, पागलपन है ,पत्रकारिता करना हमारे पेट भरने का साधन नहीं है, और ना ही ब्लैकमेलिंग, धमकी,चमकी,देकर, विज्ञापन के नाम पर उगाही,वसूली करने का लाइसेंस मिला हुआ है, संपादक टिल्लू शर्मा लेखक, विश्लेषक, कवि,व्यंगकार,स्तंभकार, विचारक, माता सरस्वती का उपासक,परशुराम का वंशज,रावण भक्त,कबीर से प्रभावित,कलम का मास्टरमाइंड, सही और कड़वी सच्चाई लिखने में माहिर, जहां से लोगों की सोचना बंद कर देते है हम वहां से सोचना शुरू करते है, टिल्लू शर्मा के ✍️समाचार ज्यों नाविक के तीर,🏹 देखन म छोटे लागे, घाव करे गंभीर, लोगों की पहली पसंद टूटी कलम समाचार बन चुका है, सरकार एवं जिला प्रशासन का व्यवस्थाओं समस्याओं पर ध्यान आकर्षण करवाना हमारा पहला कर्तव्य है
🔱टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम 🎤 न्यूज रायगढ़ 🌍 छत्तीसगढ़ 🏹.. प्रत्येक क्षेत्र में राजर्षि हावी हो चुकी है तो भला फटाका व्यवसाय में राजनीति कैसे हावी नहीं होगी. कुछ लोगों ने अपने फायदे के लिए केवल 15 दिन के लिए खुदरा फटाका व्यवसाई संगठन बना कर राजनीतिक रोटी सेकनी शुरू करती है. जबकि इस संगठन का कोई औचित्य है ही नहीं. महज 15 दिन राजनीति करने के बाद साल के 350 दिन यह संगठन क्या करता है इसका जवाब संगठन के अध्यक्ष और सचिव को देना चाहिए. इस संगठन का उद्देश्य थोक पटाका व्यवसायईयो को परेशान करना मात्र है.
किस वस्तु का होलसेलर खुदरा में समान नहीं बेचता है… फटाका व्यवसाईयों का यह कहना है कि थोक फटाका व्यवसायई अपने गोदाम से पटाखा की बिक्री न करें, जो कि व्यावहारिक है. थोक व्यवसाई अपने सामानों की बिक्री थोक में करें या चिल्लर में करें यह उसका क्षेत्राधिकार है। यदि तोक व्यवसाय अपना सारा माल मुफ्त में भी बांट दे तो कोई कुछ नहीं कर पाएगा। खुदरा फटाका व्यवसाई जिस थोक दुकान से लाखों का पटाखा उधार लेते हैं और धीरे-धीरे साल भर तक चुकाते हैं और जब ऐसे व्यवसाईयों का विरोध किया जाता है तो सीधे-सीधे एक बात समझ में आती है कि पटाखे के होलसेलर व्यवसायियों ने उधार देने से इनकार कर दिया होगा. इनके पास विरोध करने का और कोई कारण नहीं हो सकता है.
अवैध फटाका वेबसाइट पर नकेल कसने की मांग भी नाजायज है. फ़टाखे की आड़ में राजनीतिक कर रहे लोगों का कहना है कि गली गली मोहल्ले मोहल्ले में दुकानों के माध्यम से व्यवसाय किया जाता है. जिस वजह से उनके व्यवसाय में फर्क पड़ता है. इसके लिए संगठन को चाहिए कि किन-किन जगहों पर फ़टाखे बेचे जा रहे हैं उनको चिन्हॉकिंग करते हुए. फोटो खींचकर वीडियो बनाकर प्रमाण सहित जिला कलेक्टर,जिला पुलिस अधीक्षक, क्षत्रिय थानेदार, जिला आबकारी अधिकारी, नगर निगम आयुक्त, आदि संबंधित अधिकारियों को शिकायत करनी चाहिए. मीडिया वाले ऐसे मामले में किसी तरह का सहयोग नहीं कर सकते क्योंकि सबको दीपावली पर बख्शीश और फटाखे चाहिए होते हैं. मीडिया की भीड़ इकट्ठी करके प्रेस वार्ता का आयोजन करने के बाद भी अपनी समस्या का हल खुदरा फटाका व्यवसाइ नहीं कर सकते. इस संगठन को सबसे पहले यह जवाब देना होगा कि उनके संगठन का रजिस्ट्रेशन कब और कहां से हुआ ? कितने समय तक के लिए हुआ ? इन लोगों के द्वारा कितने किलोग्राम बारूद बेचने की अनुमति ली गई है और कितना बारूद बेचा जा रहा है ?









