रायगढ़—— प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही अवैध कारोबार करने वालो के नाम भर बदल गए है। जबकि राजनीतिक दलों की आड़ में अपने अवैध धंधों को बरकरार रखने के लिए तस्कर संगठनो में एकता देखी जाती है। पहले भाजपाई सरगना होते थे और कांग्रेसी सदस्य होते थे। अब यह विपरीत हो गया है। कांग्रेस के नाम पर अपनी दुकानदारी चलाने वाले छुटभैया नेता अब 15 साल के बाद सत्ता आने पर भूखे बाज की तरह अवैध कामों की तरफ इस कदर टूट पड़े है मानो इन्हें यह एहसास हो गया है कि अब शायद कांग्रेस सत्ता में नही आ पायेगी। इसलिये इन 5 वर्षों में जितने अवैध कार्य कर धन संग्रहित करना है कर लिया जाये ताकि मौका मिलते ही कांग्रेस को बाय बाय करने में कोई पछतावा न रह जाये।
रायगढ़ जिला अवैध कार्यो के लिये पूरे विश्व मे सबसे सुरक्षित गढ़ माना जाता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़, घरघोड़ा,तमनार,लैलूंगा आदि कोल माफियाओं का स्वर्ग बना हुआ है भाईजान की पुलिस,खनिज विभाग में इतनी जबरदस्त सेटिंग है कि हर महीने ब्रीफकेस के पहुंचते ही इनकी तरफ से आंखे बंद कर ली जाती है। बतलाया जा रहा है कि घरघोड़ा के लैलूंगा रोड से बंद हुए कोयले का खेल फिर से खेला जाने लगा है। कोंनपार से कोयला पार किया जाने लगा है। धरमजयगढ़ के दुल्यामुण्डा स्थान से बकायदा पोकलेन लगाकर कोयले का उत्खनन कर रायगढ़ एवं आसपास के उद्योगों में नेता के दम कर खपाया जा रहा है। तमनार,घरघोड़ा के सभी कोयले के पाइंटों से अंधेरा घिरते ही कोयले की निकासी शुरू कर दी जाती है और दिन में सफेदपोश नजर आने वाले,भोली सूरत,मासूम से दिखने वाले लोग भयंकर रूप धारण कर मारने मरने पर उतारू नजर आने लगते है।
एक वर्ष पहले खनिज विभाग ने कार्रवाई करने का दिखावा करते हिंडालको एवं अंबुजा के कोयले लदे वाहन जप्त कर पूंजीपथरा थाने के सुपुर्द कर झूठी वाहवाही बंटोरने का प्रयास किया था परन्तु इन कम्पनियों के हाईकोर्ट में याचिका लगाते ही सारी गाड़ियों को ससम्मान छोड़ना पड़ा था। भाईजान के सिंडिकेट के कार्य करने का तरीका ही निराला है। पुलिस,खनिज,राजनीतिक लोग घर आती लक्ष्मी के कारण मूकदर्शक बने बैठे है। क्या मजाल किसी की जो भाईजान का नाम सुनकर कोई कार्यवाही कर सके। इतना जरूर तय है कि डूबी कांग्रेस को खड़ी करने वाले अब कांग्रेस को डूबा कर ही रहेंगे। ——- लगातार सभी प्रमाणों के साथ नाम सहित उजागर किया जायेगा। बकायदा टूटी कलम अखबार के अगले अंक में क्रमशः———-