घरघोड़ा। घरघोड़ा नगर में आज तड़के कर्ज तले दबे एक आदिवासी युवक ने फांसी लगाकर अपनी ईहलीला समाप्त कर ली। घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार घरघोड़ा के वार्ड क्रमांक-11 गोटिया पारा निवासी 44 वर्षीय युवक बीरबल पैकरा ने आज सुबह फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इसके पीछे प्रधानमंत्री आवास का किस्त नहीं मिलने के कारण कर्ज से परेशान होकर खुदकुशी किया जाना बताया जा रहा है। इस घटना को लेकर स्थानीय कँवर समाज में भारी आक्रोश का माहौल देखा गया, वहीं इस मुद्दे को लेकर आज दिनभर नगर की सियासत भी गरमाई रही।
उक्त संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार घरघोड़ा नगर में ऐसे सैकड़ों परिवार हैं जो प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत होने पर साल भर पहले ही मकान निर्माण का काम चालू कर चुके हैं। लेकिन सरकारी लापरवाही और लेटलतीफी के कारण 8 महीने बीत जाने के बाद भी पीएम आवास की राशि नहीं मिलने से ये न तो अपना मकान पूरा कर पा रहे हैं और ना ही दुकानदारों का कर्ज उतार पा रहे हैं। कई परिवार तो ऐसे हैं जो इस राशि की प्रत्याशा में अपना कच्चा आशियाना तोड़कर पक्के मकान का सपना लिए पीएम आवास का काम चालू कर चुके हैं। ऐसे लोगों के पास सर छुपाने की जगह भी मयस्सर नहीं है। ये लोग़ महज एक तिरपाल के नीचे अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ पूरी बरसात झेल चुके हैं, पर इनकी दुर्दशा देखकर जिम्मेदार अधिकारियों का दिल ज़रा भी नहीं पसीजा और आज तक पीएम आवास की राशि इन गरीब हितग्राहियों को जारी नहीं की गई है। नतीजतन आर्थिक तंगी और मानसिक तनाव के कारण ऐसे पीड़ित लोग अब मौत को गले लगाने के लिए मजबूर हो रहे हैं।
इस घटना से व्यथित वार्ड वासियों और कँवर समाज के लोगों में आज तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। उन्होंने बताया कि मृतक पीएम आवास की राशि नहीं मिलने से परेशान तो था ही, साथ ही पिछले 20 दिनों से वार्ड में पानी की सप्लाई नहीं होने के कारण पेयजल की समस्या से भी जूझ रहा था। इस घटना को लेकर आज दिनभर नगर में राजनीतिक हलचल भी देखने को मिली। लेकिन घरघोड़ा नगर पंचायत का सियासी समीकरण कुछ ऐसा है कि पक्ष हो या विपक्ष ये खुलकर एक दूसरे की खिलाफत से बचते हैं। विपक्षी पार्टी होने के कारण भाजपा के स्थानीय नेता इस घटना पर अपना विरोध दर्ज करना चाहते थे, परंतु नगर पंचायत में अध्यक्ष की सीट पर भाजपा ही काबिज है और उपाध्यक्ष पद पर कांग्रेस। ऐसे में दोनों पार्टियों से जुड़े स्थानीय नेता इस विषय पर साफ-साफ विरोध दर्ज करने से बच रहे हैं। परंतु नगर पंचायत घरघोड़ा के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान वार्ड पार्षद सुरेंद्र चौधरी खुलकर इस मुद्दे पर मुखर हो गए हैं और पीड़ित परिवार के साथ आंदोलन पर जाने का मन बना चुके हैं।
➡️ क्या कहते हैं सुरेंद्र चौधरी
नगर पंचायत घरघोड़ा के पूर्व अध्यक्ष और वार्ड नंबर 11 के वर्तमान पार्षद सुरेंद्र चौधरी ने कहा कि “सियासी वजहों से नगर पंचायत में बैठे हुए लोग और जिम्मेदार अधिकारी मेरे वार्ड के साथ सौतेला व्यवहार कर रहे हैं। मेरे वार्ड में पिछले 20 दिनों से पेयजल की सप्लाई बंद है। बार बार बोले जाने के बाद भी अधिकारी के कानों में जूं तक नहीं रेंगता। मृतक बीरबल को पीएम आवास की राशि के लिए 8 महीनों तक घुमाया जाता रहा, जिससे वह भारी मानसिक तनाव में था। जब से नगर पंचायत में सीएमओ प्रधान की पोस्टिंग हुई है तब से किसी भी शासकीय योजना में कोई भी प्रगति नहीं हुई है। जानबूझकर हर काम में अनावश्यक लेटलतीफी की जा रही है, जिसका दुष्परिणाम आज हमारे सामने है। बीरबल की मौत के जिम्मेदार यही लोग हैं। मैंने तीन रोज पूर्व ही सीएमओ प्रधान को इन समस्याओं का तुरंत निराकरण करने के लिए लिखित में ज्ञापन दिया था, और काम नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी थी। परंतु सीएमओ ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई। मैंने विधायक महोदय को भी इस विषय में अवगत करा दिया है। मैं जिला प्रशासन से मांग करता हूं कि इस घटना की त्वरित न्यायिक जांच की जाए और सीएमओ तथा अन्य दोषियों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का अपराध दर्ज किया जाए। साथ ही पीड़ित परिवार को तत्काल आर्थिक सहायता दी जाए, अन्यथा मुझे वार्ड वासियों और पीड़ित परिवार के साथ धरने पर बैठने को मजबूर होना पड़ेगा।”
बरहाल इस घटना से स्थानीय अधिकारियों के साथ-साथ जनप्रतिनिधि भी सकते में नजर आ रहे हैं। आगे यह देखना लाजिमी होगा कि पीड़ित परिवार को इंसाफ नसीब हो पाता है, या पहले की तरह येन-केन-प्रकारेण लीपापोती कर घटना पर पर्दा डाल दिया जाता है..?